Tihar Jail Will be Made Multi-Storey : दिल्ली की तिहाड़ जेल को बहुमंजिला बनाने की तैयारी, यह योजना 22 साल में पूरी होगी! 

2019 में भी जेल क्रमांक 1, 2 और 3 की जगह बहुमंजिला जेल की योजना बनी पर मूर्तरूप नहीं लिया!

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Tihar Jail Will be Made Multi-Storey : दिल्ली की तिहाड़ जेल को बहुमंजिला बनाने की तैयारी, यह योजना 22 साल में पूरी होगी! 

 

New Delhi : तिहाड़ को एशिया की सबसे बड़ी जेल माना जाता है। यहां अब कैदियों के रहने के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। तिहाड़ जेल के डीआईजी राजीव कुमार परिहार ने बताया कि अभी तिहाड़ जेल में 20 हजार कैदी बंद हैं। यह प्रोजेक्ट 22 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारियों का कहना है कि तिहाड़ जेल में मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के लिए 2047 का लक्ष्य बनाकर फैसला लिया गया। तिहाड़ को एशिया की सबसे बड़ी जेल माना जाता है। यहां अब कैदियों के रहने के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी।

तिहाड़ जेल अफसरों की मीटिंग हुई, जिसमें ये आकलन किया गया कि 2047 तक तिहाड़ जेल में 40 हजार से ज्यादा कैदी आ जाएंगे। ऐसे में तिहाड़ जेल का विस्तार करना जरूरी है।

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हर जेल 6 चरणों में तोड़ी जाएगी 

इसे लेकर एक कमेटी बनाई गई है। धीरे-धीरे 6 चरणों में एक-एक जेल को तोड़ा जाएगा और उस पर ग्राउंड फ्लोर प्लस 2, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। इसके अलावा नरेला में भी एक अलग जेल का निर्माण हो रहा है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने हजारों करोड़ रुपए बजट की मंजूरी दी है, जिसका काम जोरों से चल रहा है।

तिहाड़ की पुरानी तीन जेलों को तोड़कर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी। पीडब्ल्यूडी ने प्लान तैयार किया है। साथ ही कैदियों को कई आधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी। करीब 64 साल पुरानी जेल नंबर-1, 2 और 3 की जगह मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाई जाएगी।

 

2019 में भी योजना बनी पर मूर्तरूप नहीं लिया

तिहाड़ जेल में कुल 9 कॉम्प्लेक्स हैं। इनमें सबसे पुरानी जेल 1, 2 और 3 हैं। ये तीनों जेल 1955 में बनाई गई थी। इन जेलों की हालत खराब हो चुकी है और कई बार उन्हें रिपेयर भी किया गया। इसके अलावा, तिहाड़ जेल में कैदियों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है। तिहाड़ की क्षमता में बढ़ोतरी के लिए मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनाने का प्लान है।

सबसे पहले जेल नंबर- 1, 2 और 3 की जगह नई बिल्डिंग बनाने का प्लान है। बिल्डिंग का डिजाइन सिंगापुर के चांगी जेल की तरह रखा जाएगा, जिसमें कैदियों के लिए कई तरह ही सुविधाएं होंगी। पुरानी जेल की जगह नई बिल्डिंग बनाने के लिए लगभग सभी विभागों और जेल प्रशासन से मंजूरी मिल चुकी थी। सबसे बड़ी चुनौती इन तीनों जेलों में रहने वाले कैदियों को शिफ्ट करने की होगी।