
Tikamgarh:लोकायुक्त पुलिस टीम को धक्का देकर भागा रिश्वतखोर आरक्षक,जैकेट और कार मौके पर छोड़ी
Tikamgarh: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में गुरुवार देर रात लोकायुक्त की कार्रवाई के दौरान ऐसा ड्रामा हुआ, जिसकी चर्चा पूरे जिले में है। जमानत दिलाने के नाम पर रिश्वत मांग रहा आरक्षक पंकज यादव रंगे हाथ पकड़े जाने ही वाला था कि अचानक लोकायुक्त पुलिस टीम को धक्का देकर मौके से भाग निकला। घटना इतनी तेज हुई कि मौजूद अधिकारी भी कुछ पल के लिए सकते में रह गए।
*▪️जमानत दिलाने के नाम पर मांगे थे 20 हजार, पहले ले चुका था 8 हजार*
▫️मामला तब शुरू हुआ जब अंकित तिवारी नाम के युवक पर कोतवाली थाने में एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ। आरोप है कि इसी प्रकरण को हल्का करने और जमानत दिलाने के एवज में आरक्षक पंकज यादव ने 20 हजार रुपए की मांग की थी। पीड़ित पहले ही 8 हजार रुपए दे चुका था। बाकी 12 हजार रुपए गुरुवार रात देने थे। इसी लेन-देन को पकड़ने के लिए सागर लोकायुक्त की टीम टीकमगढ़ पहुंची थी।
▪️धक्का देकर भागा-जैकेट और कार मौके पर छोड़ी
▫️जैसे ही पंकज यादव ने 12 हजार रुपए लिए, लोकायुक्त टीम आगे बढ़ी। पर पकड़े जाने की भनक लगते ही वह अचानक कार से उतरा, टीम के एक सदस्य को धक्का देकर अंधेरे की ओर भाग गया।
भागते समय वह अपनी जैकेट और कार (एमपी 04 सीजेड 7719) वहीं छोड़ गया, लेकिन रिश्वत की राशि लेकर गायब हो गया। लोकायुक्त टीम तुरंत उसकी कार जप्त कर देहात थाने ले गई।

*▪️थाना प्रभारी भी जांच के दायरे में, ऑडियो से बढ़ी मुश्किलें*
▫️इस कार्रवाई के बाद पूरे मामले का दायरा और बड़ा हो गया है। आरोप है कि कोतवाली थाना प्रभारी बृजेंद्र चाचौंदिया भी इस रिश्वत प्रकरण में शामिल थे। लोकायुक्त टीम के पास थाना प्रभारी का एक कथित ऑडियो मौजूद है, जिसमें पैसों की बातचीत का संदेह जताया गया है। इसी आधार पर थाना प्रभारी के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।
*▪️2014 में अनुकंपा नियुक्ति, अब तलाश जारी*
▫️पंकज यादव को 2014 में पिता की मृत्यु के बाद अनुकंपा नियुक्ति पर पुलिस विभाग में आरक्षक बनाया गया था। गुरुवार की घटना के बाद से वह फरार है और उसकी तलाश के लिए पुलिस व लोकायुक्त की टीम संयुक्त रूप से दबिश दे रही है।
*▪️जिला पुलिस के लिए शर्मनाक तस्वीर*
▫️पुलिस व्यवस्था में सुधार और पारदर्शिता की लगातार मांग के बीच यह घटना विभाग पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक आरक्षक की इस तरह की हरकत और थाना प्रभारी के खिलाफ दर्ज मामला स्थानीय पुलिस की छवि पर सीधा धब्बा है।
फिलहाल लोकायुक्त पुलिस की जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी।





