टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए गई पनडुब्बी रविवार से लापता है. सबमरीन में पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद समेत 5 लोग सवार थे.हाल ही में पनडुब्बी टाइटन पांच यात्रियों को टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए समुद्र में गई। 18 जून की सुबह 6 बजे सबमर्सिबल (Submersible) को समुद्र में छोड़ा गया था लेकिन तब से इसका कोई अता-पता नहीं है।
अटलांटिक महासागर में रविवार से एक पर्यटक पनडुब्बी लापता है. टाइटैनिक पर्यटक पनडुब्बी की तलाश में तमाम कोशिशें की जा रही है. इस बीच पता चला है कि रेसक्यू टीम को हर 30 मिनट के अंतराल पर कुछ आवाजें सुनाई दे रही है.उधर कनाडाई सेना ने कहा कि उसने एक गश्ती विमान और दो जहाज दिए हैं जिनमें से एक गोता लगाने में माहिर है। सेना ने टाइटन की किसी आवाज को सुनने के लिए सोनार प्लव भी दिए हैं। सबमर्सिबल पर चालक के अलावा चार लोग सवार थे।
इससे उम्मीद है कि पनडुब्बी में सवार लोग अभी जीवित हैं, और उन्हें रेस्क्यू किया जा सकता है. रेस्क्यू के काम में लगी रिमोट ऑपरेटेड व्हीकल्स (आरओवी) से अबतक नेगेटिव रिजल्ट ही मिले हैं.
टाइटैन पर्यटक पनडुब्बी को लापता हुए तीन दिन हो गए हैं. इस पनडुब्बी में पांच लोग सवार हैं. ये लोग टाइटैनिक का मलबा देखने निकले थे. पानी के भीतर विजिबिलिटी बेहद कम है. मंगलवार तक के अपडेट के मुताबिक, महासागर के भीतर 1,970 किलोमीटर के दायरे में रेस्क्यू ऑपेरशन चलाया गया, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. मौसम खराब होने की वजह से रेस्क्यू टीम को चुनौतियों का सामना कर पड़ रहा है. टाइटैनिक का मलबा समुद्र में 12,500 फीट नीचे है. इसके मलबे तक पहुंचना आसान नहीं है. पानी के प्रेशर की वजह से सीक्राफ्ट के क्रैश होने का खतरा रहता है.
30 मिनट के अंतराल पर सुनाई पड़ रही आवाज
रेस्क्यू टीम ने बताया कि मंगलवार को हर 30 मिनट में आवाजें सुनाई दी. यहां पानी के भीतर साउंड वेव को पहचान करने वाले सोनार मशीन को तैनात किया गया है. पानी के भीतर से लगातार आ रही आवाज के बाद यहां और भी सोनार की तैनाती की गई है. यह मशीन पानी के भीतर से आ रही आवाज की पहचान कर सकता है.
पनडुब्बी में सवार हैं पांच लोग
पनडुब्बी में सवार पांच लोगों में ब्रिटिश व्यवसायी हामिश हार्डिंग, ब्रिटिश-पाकिस्तानी व्यवसायी शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान समेत फ्रांसीसी खोजकर्ता पॉल-हेनरी नार्गोलेट और ओशियनगेट के मुख्य कार्यकारी स्टॉकटन रश शामिल हैं. पनडुब्बी ओशियनगेट का ही है. सुरक्षा के लिहाज से पनडुब्बी के बाहरी हिस्से को सील किया गया है. रेस्क्यू टीम ने बताया कि अगर पनडुब्बी खुद से भी बाहर आता है, तो सवार यात्री उसके भीतर से नहीं निकल पाएंगे.
30 घंटे का बचा है ऑक्सीजन
बताया जाता है कि पनडुब्बी के डेढ़ घंटे की यात्रा के बाद इससे कॉन्टेक्ट टूट गया. वे टाइटैनिक के मलबे तक पहुंचने की जद्दोजहद में आधा रास्ता पार कर चुके थे. रेसक्यू टीम के लिए बड़ी चुनौति ये है कि पनडुब्बी में ऑक्सीजन समाप्त होने से पहले उन्हें किसी भी हाल में ढूंढ कर बाहर निकालना होगा. रविवार को 1 बजे 96 घंटे का ऑक्सीजन स्टोर कर समुद्र यात्रा पर निकला था. अब इसमें सवार लोगों के पास सिर्फ 30 घंटे का ऑक्सीजन बचा है. दुनियाभर से रेस्क्यू एक्सपर्ट को मौके पर बुलाया गया है. अत्याधुनिक तकनीकों के साथ उनकी तलाश की जा रही है