Tomatoes on Ground : टमाटर के भाव जमीन पर उतरे, आवक बढ़ने से सस्ता हुआ!  

महाराष्ट्र, दक्षिण और खंडवा से नई फसल इंदौर पहुंचने लगी! 

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Tomatoes on Ground : टमाटर के भाव जमीन पर उतरे, आवक बढ़ने से सस्ता हुआ!  

Indore : दो-ढाई महीने से टमाटर के भाव आसमान पर थे। 30-40 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर 200 के पार पहुंच गया था। लेकिन, अब धीरे-धीरे फिर वहीं पहुंचने लगा है, जहां से उसके भाव बढे थे। थोक में टमाटर 40 रुपए पर आ गया, पर फुटकर में अभी 60-70 है। भाव गिरने का कारण है महाराष्ट्र, दक्षिण और निमाड़ के खंडवा से टमाटर की भरपूर आवक होना।

बारिश में लम्बा ब्रेक आने और नई फसल की आवक बढ़ने से टमाटर के भाव लगातार गिर रहे हैं। अब अच्छा टमाटर शहर की मंडियों में पहुंच रहा है और फुटकर में उपभोक्ताओं तक भी। 2200 से 2500 रुपए कैरेट तक बिकने वाला टमाटर 600 से 700 रुपए कैरेट पर मंडियों में पहुंचने लगा। इस कारण मंडी में 35 से 40 रुपए किलो मिलने लगा। इंदौर में महाराष्ट्र के येवला, लासलगांव, पलासनेर और संगमनेर के साथ दक्षिण से भी करीब 180 टन टमाटर की आवक होने लगी। हर दूसरे दिन मालवा-निमाड़ के खंडवा से भी लगभग 3 से 4 सौ कैरेट टमाटर की आवक शुरू हो गई। थोक में अच्छी क्वालिटी का टमाटर 40 रुपए किलो और मीडियम 35 रुपए किलो है।

बारिश रुकी, नई फसल आई 

महाराष्ट्र, दक्षिण के साथ हर दूसरे दिन मालवा-निमाड़ से टमाटर की नई फसल की आवक शुरू हो गई है। चोइथराम मंडी में एक महीने पहले तक मुश्किल से 5 गाड़ी टमाटर की आवक हो रही थी। यह बढ़कर 12 से 15 गाड़ी होने लगी। टमाटर की नई फसल की आवक से एक सप्ताह में शहर के गली-मोहल्लों के ठेलो पर टमाटर नजर आने लगे। कुछ दिन पहले तक टमाटर के महंगा होने के और लोगों की डिमांड कम होने के कारण आमतौर पर ठेले वाले भी टमाटर के व्यापार से दूर हो गए थे।

कैरेट के भाव चार गुना गिरे 

मंडी में रोज 15 से 16 गाड़ियां टमाटर लेकर आ रही हैं। हर गाड़ी में लगभग 400 कैरेट टमाटर होता है। एक कैरेट में 25 किलो से ज्यादा टमाटर होते हैं। लेकिन, इसमे कुछ टमाटर खराब होने और तौल मे जाने से 23 किलो के आस पास टमाटर इस्तेमाल मे आते है। पहले जहां एक कैरेट की कीमत थोक मंडी में 2 से ढ़ाई हजार तक पहुंच चुकी थी। वहीं अब एक कैरेट 600 से 700 रुपए के भाव बिक रहा है।

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अच्छी क्वालिटी का टमाटर पहुंचने लगा 

टमाटर की मुख्य आवक महाराष्ट्र के संगमनेर से हो रही है। यहां से आने वाला मेघदूत किस्म का टमाटर का सबसे अच्छी क्वालिटी का माना जाता है। हाइब्रिड के चार और देशी किस्म का मात्र एक टमाटर इंदौर के मंडी में पहुंच रहा। हाइब्रिड में मेघदूत के अलावा आर्यमान, अथर्व और ऋषिका की आवक है। देसी में साहू किस्म के टमाटर की अच्छी आवक हो रही है। हाइब्रिड और देसी दोनों की आवक लगभग बराबर है। इंदौर मंड़ी पहुंचे टमाटर की एवरेज कीमत 700 रुपए प्रति कैरेट है। जब टमाटर महंगा था तब मंड़ी में टमाटर की एवरेज कीमत 2200 तक थी।

फुटकर में सामान्य से महंगा 

मंडी में भले ही थोक के भाव में टमाटर सस्ता हो गया है लेकिन लोगों को अभी भी महंगा ही मिल रहा है। इसका कारण बिचौलिए हैं। चोइथराम फल एवं सब्जी मंडी से शहर की खेरची मंडियों तक पहुंचने में सब्जियों को तीन-चार बिचौलियों के बीच से होकर गुजरना होता है। इसके कारण थोक में सब्जियां सस्ती होने के बाद भी आम जनता को महंगी मिलती हैं। दूसरा कारण यह भी है कि सब्जियों का स्टोरेज नहीं किया जाता और छोटे खेरची व्यापारी अपनी नुकसानी को पूरा करने के लिए ऊंचे दामों में बेचते हैं।

क्यों महंगा हुआ था टमाटर

प्रदेश में अचानक तेज बारिश और बिपरजॉय तूफान के कारण टमाटर की फसल को भारी नुकसान हुआ था। महाराष्ट्र और बेंगलुरु की मंडियों से टमाटर की आपूर्ति हो रही थी। इसका भरपूर फायदा थोक व्यापारियों ने उठाया। टमाटर महंगे होने पर सभी गाड़ियां महाराष्ट्र के नारायणगांव और संगमनेर से आ रही थी। बड़ी बात है कि ये माल वहां के किसानों का भी नहीं होता था। इंदौर के थोक व्यापारियों सारा माल वहां खरीद कर ट्रांसपोर्टर के जरिए महाराष्ट्र से बुलवाते थे, और अपने मन मुताबिक भाव में बेचते थे।