Trainee IAS’s Tantrums : नखरेबाज ट्रेनी IAS डॉ पूजा खेड़कर का पुणे से वाशिम तबादला! 

कार, लाल-नीली बत्ती जैसी VIP मांगें की, जो ट्रेनी को नहीं मिलती! 

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Trainee IAS’s Tantrums : नखरेबाज ट्रेनी IAS डॉ पूजा खेड़कर का पुणे से वाशिम तबादला! 

Mumbai : महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर इन दिनों जमकर चर्चा में है। वो अपनी वीआईपी मांग को लेकर सुर्खियों में आई। इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद आईएएस अधिकारी डॉ पूजा खेडकर का पुणे से वाशिम तबादला कर दिया है। यह ट्रेनी आईएएस अधिकारी वीआईपी डिमांड करके चर्चाओं में आईं, लेकिन अब सरकार ने एक्शन लेते हुए ट्रेनिंग पूरी होने से पहले ही उनका ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया। अब वे वाशिम में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर काम करेंगी।

यह कार्रवाई पुणे कलेक्टर डॉ सुहास दिवस की ओर से मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के बाद की गई। जारी आदेश में कहा गया कि 2023 बैच की आईएएस अधिकारी अपनी परिवीक्षा अवधि के शेष समय में वाशिम जिले में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर काम करेंगी। खेडकर ने कलेक्टर कार्यालय से विशेष सुविधाएं मांगने के बाद विवाद खड़ा कर दिया था, जो एक परिवीक्षा अधिकारी के लिए अनुमति नहीं थीं।

इस महिला आईएएस अधिकारी ने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का भी इस्तेमाल किया, जिससे प्रशासन में हलचल मच गई। उन्होंने अपनी निजी कार पर ‘महाराष्ट्र सरकार’ का बोर्ड भी लगाया। खेडकर ने अनुचित मांगें भी की, जिसमें वीआईपी नंबर प्लेट वाली आधिकारिक कार, आवास, पर्याप्त स्टाफ वाला आधिकारिक कक्ष और एक कांस्टेबल शामिल था।

क्या कहतेइस बारे में  हैं नियम

 नियमों के अनुसार, एक प्रशिक्षु को उपरोक्त सुविधाएं प्रदान नहीं की जाती हैं और उसे पहले राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना आवश्यक है। हालांकि, खेडकर यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के अनुपस्थित रहने पर उनके पूर्व कक्ष पर भी कब्जा कर लिया और अपने नाम का बोर्ड लगा दिया।

यूपीएससी में 841 की ऑल इंडिया रैंक हासिल करने वाली खेडकर ने अतिरिक्त कलेक्टर की पूर्व सहमति के बिना कुर्सियां, सोफा, टेबल सहित सभी सामग्री भी हटा दी। इसके बाद उन्होंने राजस्व सहायक को उनके नाम का लेटर हेड, विजिटिंग कार्ड, पेपरवेट, नेमप्लेट, रॉयल सील, इंटरकॉम उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। खेड़कर के पिता, जो एक सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं, ने भी कथित तौर पर जिला कलेक्टर कार्यालय पर अपनी बेटी की मांगों को पूरा करने के लिए दबाव डाला और अधिकारियों को इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।

याचिका दायर की
डॉ खेडकर ने 2021 में यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की और विकलांग व्यक्ति होने का दावा करते हुए कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के खिलाफ याचिका दायर की थी। उन्होंने तर्क दिया कि पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों को एससी/एसटी उम्मीदवारों की तुलना में अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और उन्हें समान लाभ मिलना चाहिए।