
Transparency of Appointment Process : बेलवाल की नियुक्ति नियमों के विपरीत, विधानसभा में उठी नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता पर उंगली!
कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के सवाल से खुलासा, पूर्व CS पर पद के दुरुपयोग और गुमराह करने के आरोप!
Bhopal : प्रदेश के पूर्व आईएफएस अधिकारी ललित मोहन बेलवाल की संविदा पर हुई नियुक्ति को लेकर विधानसभा में सियासी घमासान मच गया। कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह ग्रेवाल द्वारा पूछे गए सवाल में यह सामने आया कि बेलवाल की नियुक्ति में नियमों को दरकिनार किया गया था। विधानसभा में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने जानकारी दी कि पूर्व मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बेलवाल को ओएसडी से सीईओ बनाने में पद का दुरुपयोग किया और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी गुमराह किया।
एसीएस मनोज श्रीवास्तव की नोटशीट में स्पष्ट रूप से इस नियुक्ति को अनुचित बताया गया था। उन्होंने लिखा था कि आईएएस कैडर के पद पर संविदा पर कार्यरत आईएफएस अधिकारी को नहीं बैठाया जा सकता। इसके बावजूद 22 जुलाई 2020 को बेलवाल को मप्र राज्य आजीविका मिशन का सीईओ प्रभार सौंपा गया।
इससे पहले, 17 जुलाई को मिशन की तत्कालीन प्रभारी सीईओ शिल्पा गुप्ता (आईएएस) को हटाया गया था। नियुक्ति को लेकर तत्कालीन पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने भी आपत्ति जताई थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। नोटशीट में पद के दुरुपयोग, शक्ति का पक्षपात और नियमों के उल्लंघन की बात स्पष्ट रूप से दर्ज है, जिससे सरकार की नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।





