Treasure Trove of Jagannath Temple : 40 साल बाद आज खुलेगा पुरी जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का ताला, सांपो को पकड़ने वाले विशेषज्ञ भी बुलाए गए
भुवनेश्वर: पुरी जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक रत्न भंडार (खजाना भंडार) का ताला लगभग चार दशकों के बाद रविवार दोपहर को खोला जाएगा। ओडिशा सरकार ने भंडार खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
यह निर्णय लिया गया है कि यदि उपलब्ध चाबियों से इसे नहीं खोला जा सकता है तो ताला तोड़ दिया जाएगा। प्रक्रिया की निगरानी के लिए गठित समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ ने कहा है कि चाबियों के काम न करने का मसला अब कोई मुद्दा नहीं है। चाबी काम करे या नहीं रत्न भंडार तो खुलेगा ही। यह बात सही है कि काफी समय से ताला नहीं खुला है। लोहे का बना होने के कारण ताले में जंग लगने की भी संभावना रहती है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम ताला तोड़ देंगे।
इस पूरी प्रक्रिया में मंदिर प्रबंध समिति, पर्यवेक्षी समिति, सेवकों और पुरी जिला प्रशासन के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इनके साथ ताला तोड़ने में दक्ष एक टीम भी शामिल होगी। माना जाता है कि पुरी जगन्नाथ मंदिर के आंतरिक रत्न भंडार की रखवाली सांप करते हैं। लंबे समय से ये कमरे खुले भी नहीं है। इसलिए प्रशासन ने कहा कि वे सांप हेल्पलाइन के सदस्यों की मदद लेंगे।
हालांकि सांप हेल्पलाइन और मेडिकल टीम के सदस्य मंदिर के अंदर नहीं जाएंगे। वे मंदिर के बाहर स्थित मंदिर प्रशासन कार्यालय के पास स्टैंडबाय पर रहेंगे। जरूरत पड़ने पर उनकी मदद ली जाएगी।
माना जाता है कि भगवान जगन्नाथ और बलभद्र, और देवी सुभद्रा को सदियों से भक्तों और पूर्व राजाओं द्वारा दान किए गए दान 12 वीं शताब्दी के मंदिर के रत्न भंडार में संग्रहीत हैं। यह मंदिर के भीतर स्थित है और इसके दो कक्ष हैं। भीतर भंडार (आंतरिक कक्ष) और बहारा भंडार (बाहरी कक्ष)।
कुछ आयोजनों के दौरान देवताओं के लिए आभूषण लाने के लिए बाहरी कक्ष नियमित रूप से खोला जाता है। वार्षिक रथ यात्रा के दौरान एक प्रमुख अनुष्ठान, सुना बेशा (स्वर्ण पोशाक) के इसे खोला जाता है। रत्न भंडार की अंतिम सूची 1978 में बनाई गई थी हालाँकि इसे 1985 में फिर से खोला गया था लेकिन तब कोई नई सूची नहीं बनाई गई थी। पिछली बीजेडी सरकार ने 4 अप्रैल, 2018 को खजाने को खोलने का असफल प्रयास किया था। चाबियां गायब होने के कारण वे इसे नहीं खोल सके।
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हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों से पहले रत्न भंडार को खोलने का मुद्दा राजनीतिक विषय भी बना। सत्तारूढ़ भाजपा ने इस मुद्दे पर पिछले साल वीन पटनायक सरकार पर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 मई को एक चुनावी रैली के दौरान, पटनायक के करीबी सहयोगी वीके पांडियन पर कटाक्ष करते हुए यह भी दावा किया कि लोग कह रहे थे कि खजाने की चाबियाँ तमिलनाडु भेजी गई थीं। अधिकारियों ने बताया कि खजाना खोलने की प्रक्रिया दोपहर एक बजे के बाद होने की उम्मीद है।