आदिवासी महिला की मौत: डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर समाज उतरा सड़कों पर

1445

आदिवासी महिला की मौत: डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर समाज उतरा सड़कों पर

बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी-कार्यवाही की मांग लिए फिर सड़क पर उतरा आदिवासी समाज, महामृत्यंजय हॉस्पिटल से बड़ी संख्या में रैली लेकर पहुँचे शहर कोतवाली थाने, किया थाने का घेराव, आदिवासी मुक्ति संघटन के कार्यकर्ताओं ने पीएम रिपोर्ट का हवाला देकर कहा डॉक्टर की लापरवाही से हुई है महिला की मौत, बड़वानी पुलिस नही कर रही कार्रवाई

बड़वानी – 24 जनवरी को शहर के निजी हॉस्पिटल महामृत्यंजय में सावरियापानी निवासी दुर्गा बाई की मौत के बाद जंहा 3 दिन आदिवासी संगठन थाना बड़वानी में धरना दिया वही 6 फरवरी को समाजजनों ने रैली निकाल डॉक्टर चंद्रकांता गुप्ता के क्लिनिक के सामने जंहा हंगामा किया वन्ही हॉस्पिटल के बाहर चक्का जाम कर दिया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया था वही फिर 6 फरवरी से महामृत्यंजय हॉस्पिटल में धरना प्रदर्शन जारी था।

इसके बाद भी कार्रवाई नही होने पर आज आदिवासी मुक्ति संघटन, जयस संघटन सहित आदिवासी समाजजन
महामृत्यंजय हॉस्पिटल से बड़ी संख्या में रैली लेकर बड़वानी शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए शहर कोतवाली थाने पहुँचे जहाँ उन्होंने जमकर नारेबाजी कर महामृत्यंजय हॉस्पिटल व जिला प्रशासन सहित पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए ।

इनकी मांग है की हॉस्पिटल को बंद कर सम्बंधित डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। बता दें की बच्चा दानी का ऑपरेशन करवाने अस्पताल आई महिला को डॉक्टर द्वारा बेहोशी का इंजेक्शन देने के बाद महिला होश में नही आई और उसकी मौत हो गई थी।

इस मामले में हॉस्पिटल संचालक डॉ महेश अग्रवाल पूरे घटनाक्रम में स्पष्ठ जवाब देते नजर नही आए उन्होंने कहा की ऑपरेशन के लिए डॉ चंद्रकांता गुप्ता आई थी जबकि महिला पक्ष के लोगों का कहना है कि उनकी बहू भी असिस्टेंट के रूप में आई थी।

डॉक्टर अग्रवाल की माने तो बहु के साथ एक अन्य असिस्टेंट भी मौजूद था लेकिन मौत का कारण स्पष्ठ नही हो पाया। महिला की मौत सम्भवतः हार्ट अटैक से हुई है हालांकि बाद में उसका पीएम भी हुआ है ।

बहरहाल अभी बड़वानी शहर कोतवाली थाना परिसर में बड़ी संख्या में संगठन के कार्यकर्ता व समाजजनों का थाना घेराव व धरना प्रदर्शन जारी है।

इस दौरान थाने में भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद है । इस मामले में जाग्रत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता पीएम रिपोर्ट दिखाते हुवे दावा कर रहे है की महिला की मौत डॉक्टर की लापरवाही से हुई है। उन्होंने कहा की डॉ चंद्रकांता व उनकी बहू सोनल राठौड़ ने एक छोटी सी प्रक्रिया में महिला की जान ले ली और प्रशासन उदासीन है।

उन्होंने कहा की डॉक्टर गिरफ्तार होना चाहिए। पीएम रिपोर्ट में आया है की महिला दूरबीन से एक जांच के लिए आई थी जिसके लिए उसे बेहोश किया लेकिन दूरबीन से एक खून की नली काट दी गई थी पेट की थैली 2 जगह से फटी है डेढ़ से दो सेंटीमीटर फटा है।महिला का खून बहा है बावजूद उपचार किये बिना 7 घंटे उसे तड़प तड़प के मरने दिया गया। पुलिस को चाहिए था इस मामले में एफआईआर दर्ज कर डॉक्टर को हिरासत में लें लेकिन ऐसा नही किया।