Tussle In Congress: शोभा ओझा को मीडिया की कमान और इंदौर में चार कार्यकारी अध्यक्ष!
Bhopal : विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस दोनों में आपसी Tussle की खबरें सामने आ रही है। बीजेपी में आपसी झगड़े, गुटबाजी और सिंधिया फैक्टर से जुड़ी खबरें रोज सुनने में मिल रही है। जबकि, कांग्रेस से निकली खबरों में आपसी खींचतान और खुद के फायदे की उड़ाई हुई खबरें हैं। कांग्रेस इस मुगालते में है कि सत्ता की चाभी उसके हाथ में आ ही गई। यही कारण है कि कांग्रेस के ज्यादातर नेताओं का व्यवहार भी इसी तरह का होने लगा, जैसे उन्होंने सरकार बना ली और अब बस पांच साल राज करना है।
खबरों के बाजार में कांग्रेस से जुड़ी कई तरह की बातें सुनने में आ रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह को कमलनाथ के भविष्य का मुख्यमंत्री बताए जाने पर नाराजी ऐसी ही उड़ाई हुई खबरें हैं, जो बाजार गर्म कर रही है। ताजा खबर यह है कि कांग्रेस के मीडिया विभाग में बड़ा फेरबदल किया जाने वाला है। कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा को हटाकर फिर मीडिया की कमान शोभा ओझा को सौंपी जानी है। ऐसा क्यों हो रहा है और केके मिश्रा को क्यों हटाया जाने वाला है, इस बात का जवाब किसी के पास नहीं। खबरों के बाजार की सुर्खी है कि शोभा ओझा को मीडिया की कमान सौंपी जाना है।
हर पार्टी में मीडिया पर सवारी करने का लोभ सभी नेताओं को होता है। लगता है शोभा ओझा को भी मीडिया प्रभारी की कुर्सी आकर्षित कर रही है। जबकि, पिछले चुनाव (2018) में वे ही मीडिया इंचार्ज थी और इस वजह से उन पर कई तरह के आरोप भी लगे थे। इन आरोपों में एक गंभीर मामला खास तरह की गड़बड़ी का भी था, जो लंबे अरसे तके सुर्खियों में रहा। शायद यही कारण है कि यह खबरें उड़ी या जानबूझकर उड़ाई गई। क्योंकि, चुनाव में मीडिया मैनेजमेंट एक महत्वपूर्ण काम होता है और उसके लिए सभी ‘उपाय’ किए जाते हैं। नेता को व्यक्तिगत रूप से ये फायदा होता है कि उसके मीडिया से सीधे संबंध बन जाते हैं। शायद इसीलिए हर नेता चाहता है कि वह इस कुर्सी पर सवार हो जाए। इस पर प्रतिक्रिया देने वालों का कहना है कि शोभा ओझा को लेकर साढ़े चार साल तक ऐसी ख़बरें क्यों नहीं उड़ी!
इंदौर में चार कार्यकारी अध्यक्ष की सुर्खी
एक गर्मागर्म खबर यह भी है कि इंदौर में कांग्रेस के नगर अध्यक्ष के खाली पद पर चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जा रहै है। बाजार में खबर छोड़ने वालों ने तो उनके नाम भी तय कर दिए। इनमें एक नाम उस नेता का भी सामने आया नो विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए कमर कसकर तैयार है। सोशल मीडिया पर स्पांसर्ड पोस्ट डालकर खुद को नेता साबित करने की कोशिश कर रहा है। आश्चर्य की बात यह कि नगर अध्यक्ष को छोड़कर सबके नाम सामने आ गए। जबकि, कांग्रेस के जिम्मेदार नेताओं ने इस बात पर कोई टिप्पणी नहीं की, कि ऐसा कुछ हुआ है या होने के कोई आसार हैं।
दरअसल, इस सबके पीछे कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति को ही जिम्मेदार माना जा सकता है। सभी को लग रहा है कि बस अब सरकार आने ही वाली है तो क्यों न अभी से जमावट कर ली जाए। शोभा ओझा का मीडिया इंचार्ज बनाया जाना और केके मिश्रा को हटाए जाने के साथ इंदौर में चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाना की बात कहीं बाहर से नहीं, बल्कि कांग्रेस के अंदर से निकलकर बाजार में पसरी बातें हैं।