भाजपा और कांग्रेस की महिला उम्मीदवारों की पौ – बारह, 6 महिला MLA होंगी सरकार का चेहरा
भोपाल। मध्यप्रदेश के विधानसभा सदन में महिला विधायकों की संख्या में भले ही लगातार गिरावट हो रही हो लेकिन उसके बावजूद भी भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की महिला विधायक हमेशा से सरकार में सिरमौर बनी रही है। चौदहवीं विधानसभा यानि वर्ष 2013 में जहां प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की महिला विधायकों की कुल संख्या जहां 31 थी तो वहीं वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या घटकर 17 हो गयी थी। हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जहां 27 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया तो वहीं कांग्रेस ने 28 महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका दी। विधानसभा चुनाव परिणाम चाहे जो भी हो लेकिन इस बार भी सदन में करीब एक दर्जन से ज्यादा महिला विधायक बनकर पहुंचेगी, और सरकार का हिस्सा भी बनेंगी।
अगर भाजपा की सरकार बनती है तो ये महिला उम्मीदवार सरकार का होंगी चेहरा-
1- उषा ठाकुर– पहली बार भाजपा से वर्ष 2003 में विधायक बनी। इसके बाद वर्ष 2013 में दूसरी बार और 2018 में महू विधानसभा क्षेत्र से विधायक बनी। मौजूदा समय में वह शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट में पर्यटन ,संस्कृति और अध्यात्म विभाग की मंत्री है। अगर इस बार भाजपा की सरकार बनती है तो निश्चित ही उन्हें कोई बड़ा महकमा मिल सकता है।
2- इमरती देवी– तीन बार की विधायक रह चुकी है। कमलनाथ और शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट का हिस्सा रह चुकी है। मौजूदा समय में वह भाजपा से डबरा विधानसभा से उम्मीदवार है। अगर इमरती देवी चुनाव जीतती है तो निश्चित ही वह सरकार का चेहरा होंगी। क्योंकि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता है।
3- अर्चना चिटनीस– पहली बार 2003 में भाजपा से विधायक बनी। 2013 के सीएम शिवराज सिंह चौहान के कैबिनेट में महिला बाल विकास जैसा महत्वपूर्ण विभाग संभाल चुकी है। इस बार भी इन्हें मौका मिल सकता है।
4- ललिता यादव– पहली बार 2008 में विधायक बनी, वर्ष 2013 में वह सरकार का हिस्सा भी रही। इस बार भी उन्हें मौका मिल सकता है।
5- माया सिंह– दो बार की राज्यसभा की सदस्य रही। वर्ष 2013 में विधायक चुनी गयी। शिवराज सरकार में महत्वपूर्ण विभागों को संभालने का अनुभव भी है। अगर इस बार वह चुनाव जीतती है तो निश्चित सरकार में अहम रोल निभाएगी।
इसके साथ ही भाजपा की अन्य महिला उम्मीदवार है जो चुनाव जीतती है उन्हें सरकार में शामिल किया जा सकता है। इंदौर क्रमांक चार से भाजपा उम्मीदवार मालिनी गौंड़ और गोविंदपुरा विधानसभा से कृष्णा गौर को भी सरकार में शामिल होने का मौका मिल सकता है।
अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तब-
1 विजयलक्ष्मी साधों– पांच बार से विधायक रह चुकी है। कमलनाथ सरकार में चिकित्सा शिक्षा और आयुष विभाग की मंत्री भी रह चुकी है। इस बार कमलनाथ कैबिनेट में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
2 हीना कांवरे– दो बार की विधायक रह चुकी है। कांग्रेस की सरकार में विधानसभा उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल चुकी है। अगर इस बार वह चुनाव जीतती है तो कमलनाथ सरकार में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
3- झूमा सोलंकी– वर्ष 2018 में भीगनगांव से विधायक रह चुकी है। इस बार चुनाव में वह अगर विजयी होती है तो उन्हें सरकार में शामिल होने का मौका मिल सकता है।
इसके अलावा चंदा सिंह गौर, कल्पना वर्मा, अनुभा मुंजारे और सुनीता पटेल अगर चुनाव जीतती है तो कमलनाथ की सरकार का चेहरा हो सकती है।
अगर सीएम शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल की बात करें तो कांग्रेस के मुकाबले भाजपा सरकार में चार महिला विधायक मंत्री हुआ करती थी।-
मंत्री विभाग
यशोधरा राजे सिंधिया खेल एंव युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा विभाग
मीना सिंह अनुसूचित जातिम कल्याण
उषा ठाकुर पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म विभाग
इमरती देवी महिला बाल विकास विभाग(सिर्फ 6 महीने तक)
वर्ष 2018 कमलनाथ कैबिनेट में इन्हें मिला था मौका
मंत्री विभाग
विजय लक्ष्मी साधों चिकित्सा शिक्षा, आयुष एवं संस्कृति
इमती देवी महिला बाल विकास विभाग
हीना कांवरे विधानसभा उपाध्यक्ष