DG के लिए नहीं मिल रहे दो पद, पुलिस मुख्यालय का प्रस्ताव अधर में

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भोपाल: प्रदेश पुलिस को डीजी रेंक के लिए दो पद नहीं मिल पा रहे हैं। पुलिस मुख्यालय का इस संबंध में गृह विभाग के पास प्रस्ताव पिछले एक महीने से ज्यादा समय से अटका हुआ है। इसके चलते डीजी कॉडर के स्वीकृत दो पद खाली पड़े हुए हैं। वहीं करीब सवा चार बाद प्रदेश में डीजी रेंक के अफसरों की संख्या कम हो गई है।

ऋषि कुमार शुक्ला के डीजीपी बनते ही प्रदेश सरकार से पुलिस मुख्यालय ने डीजी के दो अस्थाई पद स्वीकृत करवा लिए थे। सरकार ने दो साल के लिए डीजी के दो पदों की स्वीकृति दे दी थी। इसके चलते प्रदेश में दस की जगह पर 12 अफसर डीजी के पद पर पदस्थ होने लगे थे।इसके बाद करीब सवा दो साल पहले फिर से दो पदों की स्वीकृति पुलिस मुख्यालय को डीजी के पद के लिए मिल गई थी। इस स्वीकृति को दो साल पूरे हो चुके हैं। दो साल होने से पहले ही पुलिस मुख्यालय ने फिर से डीजी के दो अस्थाई पदों की स्वीकृति के लिए राज्य शासन को प्रस्ताव भेजा, लेकिन यह प्रस्ताव अब तक कैबिनेट में ही नहीं आया। जिसके कारण अब तक प्रस्ताव अटका हुआ है।

यह पड़ा असर
प्रदेश में इस वक्त डीजी स्टार के पद पर 11 अफसर पदस्थ हैं। हाल ही में 31 अगस्त को स्पेशल डीजी के पद से मिलिंद कानस्कर रिटायर हुए, लेकिन पद नहीं होने के चलते उनके रिटायर होने का फायदा फिलहाल अन्य अफसर को नहीं मिल सका। उनकी जगह पर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर संजय झा को पदोन्नत होकर डीजी बनना था। फिलहाल उनका डीजी बनना अब अटक गया है। वहीं डीजी रेंक का कॉडर पद पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन के चेयरमेन का पद भी खाली पड़ा हुआ है।

यह थी अभी तक व्यवस्था
केंद्र ने डीजी रेंक के लिए मध्य प्रदेश को कॉडर के पांच पद दिए हैं। डीजी के इतने ही पदों पर राज्य शासन भी डीजी रेंक देकर अफसर को पदस्थ कर सकती है। इसके अलावा राज्य शासन को यह अधिकार होता है कि वह कुछ पद दो साल के लिए अस्थाई तौर पर स्वीकृत कर दे,इसके लिए केबिनेट की मंजूरी जरुरी होती है।