हाईराइज बिल्डिंग डेवलपर से लेकर लोन और उसके ट्रांसफर के फ्लैट रेट फिक्स

स्टांप शुल्क वसूलने को लेकर विधानसभा में पारित हुए कानून में व्यवस्था

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भोपाल: राज्य सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में हाईराईज बिल्डिंग बनाने वाली सरकारी एजेंसी जिस डेवलपर को काम सौंपेगी, उससे अब स्टांप शुल्क के रूप में एक हजार रुपए ही लिए जाएंगे। प्रदेश में पुराने भवनों के स्थान पर नए हाईराईज भवनों की री स्ट्रक्चरिंग और रीडेंसिफिकेशन प्रोसेस को देखते हुए राज्य शासन ने ऐसी संपत्तियों से स्टांप शुल्क की वसूली को लेकर नए प्रावधान किए हैं। नई व्यवस्था के अनुसार ऐसी संपत्ति के डेवलपर या जो भी एजेंसी हो, उससे डेवलप की जाने वाली सम्पूर्ण भूमि के केवल उस भाग के बाजार मूल्य का आधा शुल्क लगेगा। साथ ही इसके दायरे में न आने वाले डेवलपर्स के लिए यह शुल्क सिर्फ एक हजार रुपए तय किया गया है। भारतीय स्टांप (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक 2022 में स्टांप शुल्क वसूलने को लेकर राज्य सरकार ने ये कानून पारित कर दिए हैं।

चल संपत्ति पर स्टांप वसूली के लिए लागू होगा फ्लैट रेट
प्रदेश में अब चल संपत्ति के विरुद्ध लिए जाने वाले लोन पर राज्य सरकार फ्लैट रेट पर स्टांप शुल्क वसूलेगी। इस नई व्यवस्था में अभी 0.25 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लगती है जिसे फ्लैट रेट के आधार पर तय कर दिया गया है। इससे लोगों को उनकी चल संपत्ति की कीमत के आधार पर ली जाने वाली स्टांप ड्यूटी की जानकारी भी मिल सकेगी। इसको लेकर जल्द ही राज्य सरकार प्रदेश में नई व्यवस्था लागू करने के आदेश जारी करने वाली है। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा किए गए स्टांप ड्यूटी बदलाव की जो नई व्यवस्था कानूनी रूप लेने के बाद लागू होने वाली है, उसके मुताबिक अगर किसी चल संपत्ति का मूल्य पचास हजार रुपए तक है तो उस पर 50 रुपए और पांच लाख रुपए तक है तो पांच सौ रुपए स्टांप ड्यूटी लगेगी। दस लाख तक की कीमत वाली चल संपत्ति पर दो हजार और पचास लाख रुपए तक की चलायमान प्रापर्टी के लिए दस हजार रुपए चुकाना होंगे। इससे अधिक कीमत होने पर अधिकतम 7.50 लाख के अध्यधीन रहते हुए लोन की रकम का 0.25 प्रतिशत स्टांप शुल्क लिया जाएगा।

पट्टे या लीज की जमीन पर ऐसे देना होगी स्टांप ड्यूटी
प्रदेश में अब पट्टे या लीज की जमीन पर राज्य सरकार एक वर्ष के लिए कम से कम पांच सौ रुपए की स्टांप ड्यूटी वसूल करेगी। इसके लिए विधानसभा में पारित विधेयक में प्रावधान किए गए हैं कि एक वर्ष से पांच साल तक के पट्टा, उप पट्टा या लीज सबलीज के मामले में संपत्ति के बाजार मूल्य का 0.1 प्रतिशत और पांच से दस साल की अवधि के लिए बाजार मूल्य का 0.5 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी वसूली जाएगी। पंजीयन विभाग के अनुसार बीस साल तक की अवधि के लिए बाजार मूल्य का एक प्रतिशत और तीस साल तक की अवधि के लिए दो प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लीज या पट्टाधारक को देना होगी।

समान राशि का लोन ट्रांसफर करने पर अब एक हजार की स्टांप ड्यूटी
पंजीयन विभाग द्वारा तय की गई स्टांप शुल्क की व्यवस्था के मुताबिक अब अगर कोई ऋण चुका न पाने के कारण अपना लोन किसी अन्य बैंक से ट्रांसफर करता है तो उसे स्टांप ड्यूटी में राहत दी गई है। इसके लिए अब एक हजार रुपए की स्टांप ड्यूटी फिक्स कर दी गई है। यह राहत उन मामलों में दी जाएगी जिसमें किसी एक बैंक से लिए गए लोन के बाद उतना ही लोन किसी दूसरे बैंक से लेकर उसे ट्रांसफर कराने की कार्यवाही की जा रही है। पहले इसमें ज्यादा राशि चुकानी पड़ती थी।