Udaipur Incident : कन्हैयालाल के कारीगर ने बताया कि उस दिन क्या हुआ!
Udaipur : नूपुर शर्मा के कथित समर्थन में एक टेलर कन्हैयालाल की दो लोगों ने दुकान में घुसकर गला रेतकर हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे उदयपुर में तनाव है। कई थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया। कन्हैया के दोनों हत्यारों को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस ने रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद को राजस्थान के राजसमंद से पकड़ा। हत्या करने के बाद दोनों बाइक से पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर भाग रहे थे। जानकारी मिलने पर पुलिस ने उनका पीछा किया और राजसमंद में गिरफ्तार कर लिया।
उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या के बाद गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान उदयपुर के सूरजपोल के गौस मोहम्मद पिता रफीक मोहम्मद और अब्दुल जब्बार के बेटे रियाज के रूप में की गई। राजसमंद के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने कहा है कि आरोपियों की पहचान की पुष्टि भी हो गई है। उन्होंने कहा कि दोनों हेलमेट पहनकर भागने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें भीम क्षेत्र में नाकेबंदी के दौरान पकड़ लिया।
आतंकी घटनाओं में शामिल होने की शंका
दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह स्वीकार करते हुए वीडियो पोस्ट किया था। रियाज अख्तरी के संबंध पाकिस्तान स्थित दावत-ए-इस्लामी से बताया जा रहा है। ये संगठन भारत में भी सक्रिय है। दावत-ए-इस्लामी के कुछ मेंबर 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या समेत कई आतंकी घटनाओं में शामिल थे। आशंका जताई जा रही है कि हमलावरों के ISIS से संबंध हो सकते हैं. पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों को राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र से दबोचा गया।
इसलिए हुई कन्हैया की हत्या
हमलावरों ने इस वारदात को इसलिए अंजाम दिया क्योंकि टेलर कन्हैया लाल ने कुछ दिनों पहले नूपुर शर्मा के पैगंबर पर टिप्पणी के समर्थन में एक पोस्ट किया था। 10 मई को कन्हैयालाल पर मुकदमा दर्ज हुआ था और फिर उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी। कोर्ट में पेशी के बाद कन्हैयालाल की जमानत हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि लगातार धमकियों से कन्हैयालाल काफी परेशान थे और कई दिन तक अपनी दुकान नहीं खोली थी।
क्या हुआ था उस दिन, घटना की आँखो देखी
उस दिन टेलर कन्हैयालाल के साथ क्या हुआ था, इस घटना की जानकारी कन्हैया की दुकान में काम करने वाले कारीगर गिरीश शर्मा ने बताई। उसने बताया कि मैं पिछले दस साल से मालदास स्ट्रीट में कन्हैयालाल के पास टेलरिंग कर रहा हूँ। मंगलवार दोपहर 2 बजे के बाद दो युवक दुकान में आए। आकर बोले कि झब्बा-पायजामा सिल दोगे क्या!
रियाज़ झब्बा-पायजामा का नाप देने लगा, ग़ौस खड़ा रहा। मैं और मेरा साथी राजकुमार कपड़े सिल रहे थे। तभी सेठजी के चिल्लाने की आवाज़ आई। मुड़कर देखा तो सेठजी पर हमला हो रहा था। मैं बाहर भागा और पास की दुकान में पहुँचा! देखा कि मेरे सिर और बाएं हाथ पर भी धारदार हथियार लगने से खून बह रहा है। सेठजी दुकान में लहूलुहान पड़े थे। मेरे साथ राजकुमार भी भाग गया।
सेठजी ने 10-15 दिन पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी। इस पर विवाद हुआ था। पुलिस उन्हें पकड़कर ले गई थी और मामला रफा-दफा कर दिया। मारने वालों ने पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर गला रेतने की धमकी दी थी। वही दुकान में घुसकर गला रेत कर चले गए। सोशल मीडिया पर कबूलनामा भी डाला।