ujjain chintaman ganesh mandir;भगवान श्रीराम ने की थी चिंतामन गणेश की स्थापना
उज्जैन; उज्जैन में भगवान गणेश का प्राचीन मंदिर स्थित है। यह मंदिर महाकालेश्वर मंदिर से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। यह प्राचीन मंदिर चिंतामण गणेश के नाम से प्रसिद्ध है। गणेश जी के इस प्रसिद्ध मंदिर के गर्भगृह में तीन प्रतिमाएं स्थापित है।
गौरीसुत गणेश की तीन प्रतिमाएं गर्भगृह में प्रवेश करते ही दिखाई देती हैं, यहां पार्वतीनंदन तीन रूपों में विराजमान हैं। पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक।इस मंदिर में उल्टा स्वास्तिक बनाने और तीन धागे बांधने की परंपरा आज तक चली आ रही है.
भगवान श्रीराम ने उज्जैन के चिंतामन गणेश (ujjain chintaman ganesh mandir video) की स्थापना की थी। मंदिर में स्थापित गणेश की सर्वप्रथम पूजा भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता ने की थी। ये देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां तीन स्वरूपों में गणेश जी की प्रतिमा एक ही पाषाण पर विराजित है। यहां उल्टा स्वास्तिक बनाने की परंपरा है।
ऐसा कहा जाता है कि त्रेता युग में 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम, लक्ष्मण और सीता ने उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर दशरथ जी का पिंडदान किया। इसके बाद दक्षिण दिशा में चलते हुए मंदिर के पास आकर वटवृक्ष के नीचे आराम कर ही रहे थे, तभी सीता मैया के पूजन समय हो गया।
उन्होंने कहा कि वटवृक्ष के पास भगवान चिंतामन, इच्छामन और सिद्धिविनायक की मूर्ति की स्थापना की। इसके बाद तीनों ने प्रथम बार पूजन किया था।
उस दौरान जब जलाभिषेक करने के लिए जब उन्हें जल नहीं मिला, तो लक्ष्मण जी अपने बाण से मंदिर के सामने ही बाणगंगा के रूप में जल को पाताल से जमीन पर ले आए। इसीलिए यहां पर बावड़ी का नाम बाणगंगा और लक्ष्मण बावड़ी है। भगवान राम ने चिंतामन, लक्ष्मण जी ने इच्छामन और सीता मां ने सिद्धिविनायक का पूजन किया था।
यहां बांधे जाते हैं तीन धागे
ऐसा कहा जाता है कि यहां चिंतामन गणेश के पूजन से चिंता दूर होती है, इच्छामन गणेश इच्छा पूरी करते हैं और सिद्धिविनायक सिद्धि के दाता हैं।
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मंदिर के बैरिकेड्स, जाली और जहां जगह मिले, वहां श्रद्धालु मनोकामना मानकर तीन धागे बांधते हैं। एक भगवान चिंतामन को अर्पित होता है, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक के लिए। दीवारों और मंदिर के पिलर्स पर स्वास्तिक उल्टा बनाते हैं।
चिंतामण मंदिर उज्जैन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है जहाँ दूर दूर से भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान गणेश के दर्शन के लिए आते हैं, जबकि गणेश चतुर्थी के दौरान मंदिर अपने सबसे खुबसूरत रूप में होता है और भक्तो की भी बिशाल भीड़ उमड़ती है। यदि आप अपनी फैमली या दोस्तों के साथ उज्जैन में घूमने के लिए धार्मिक स्थल और मंदिरों को सर्च कर रहे है तो आपको उज्जैन के प्रसिद्ध चिंतामण मंदिर की यात्रा जरूर करनी चाहिये।