उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट
उज्जैन । वर्तमान में नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा कई स्थानों पर दीनदयाल रसोई का संचालन किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत पांच रुपये शुल्क लिया जाकर हितग्राहियों को भोजन कराया जाता है। आने वाले समय में महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के सहयोग से दीनदयाल रसोई केन्द्रों में नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया जायेगा। कलेक्टर ने इसकी व्यवस्था के लिये आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिये।
उन्होंने कहा कि मन्दिर समिति के कोष का प्रयोग जरूरतमंदों और गरीब वर्ग के लोगों के हित के लिये हो। कलेक्टर आशीष सिंह ने शुक्रवार को प्रशासनिक संकुल के सभाकक्ष में दीनदयाल रसोई योजना की समीक्षा बैठक की।
इस बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, मंदिर समिति प्रशासक गणेश धाकड़, सदस्य राजेन्द्र गुरू, प्रदीप गुरू, राम गुरू, सीईओ स्मार्ट सिटी आशीष पाठक, खाद्य नियंत्रक एमएल मारू एवं अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
महापौर मुकेश टटवाल ने कहा कि इस नेक कार्य के लिये उत्तम व्यवस्था की जाएगी । महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा उपलब्ध कराया गया भोजन हम इस प्रकार वितरित करेंगे जैसे हम भगवान महाकालेश्वर का प्रसाद वितरण कर रहे है । यह एक बहुत अच्छी योजना है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि रसोई केन्द्रों में दानपात्र भी रखवाये जायेंगे एवं ऑनलाइन दान के लिए खाता क्रमांक भी लिखवाए जाएंगे। जो कोई भी केन्द्र में अपनी ओर से आवश्यक सहयोग प्रदान करना चाहते हैं, उनके लिये हैल्पलाइन नम्बर उपलब्ध कराया जायेगा। जन्म दिवस, शादी की वर्षगांठ या अन्य अवसरों पर जो भी अपनी ओर से भोजन कराना चाहते हैं वे एक दिन का भोजन निर्धारित शुल्क देकर प्रायोजित कर सकेंगे।
बैठक में जानकारी दी गई कि अभी दीनदयाल रसोई केन्द्र शहर के विभिन्न स्थानों पर संचालित किये जा रहे हैं। यहां प्रतिदिन 800 से एक हजार लोगों को भोजन कराया जाता है।
जिला चिकित्सालय में स्थित रसोई केन्द्र में मरीज के परिजनों के लिये रात्रि में भी भोजन उपलब्ध कराया जाता है। महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति द्वारा दीनदयाल रसोई के अन्तर्गत बनाये जाने वाले भोजन के लिये स्थान चिन्हित करने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये। जानकारी दी गई कि इस हेतु मंडी प्रांगण में उपयुक्त स्थान है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने इस हेतु विधिवत प्रस्ताव बनाये जाने के लिये कहा। साथ ही केन्द्र में भोजन बनाने वाले उपकरण खरीदने के लिये प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि इन केन्द्रों के शुभारम्भ के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया जायेगा। स्व-सहायता समूह का सहयोग केन्द्र में भोजन परोसने और अन्य कार्यों के लिये लिया जायेगा। केन्द्र में यदि दानदाता चाहें तो आवश्यक सहयोग प्रदान कर सकेंगे। भोजन बनाने का कार्य मन्दिर समिति द्वारा किया जायेगा। मन्दिर प्रबंध समिति के सदस्यों ने सुझाव दिये कि भोजन में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाये। भोजन को उपयुक्त नाम जैसे “श्री महाकालेश्वर प्रसादम” आदि दिये जाने पर भी चर्चा की गई।