
Ujjain Station Revamp: सिंहस्थ-2028 से पहले सभी 8 Platforms से दौड़ेंगी Trains, ₹421 Crore की Mega Remodeling से बढ़ेगी क्षमता
Ujjain: सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए उज्जैन रेलवे स्टेशन को नया रूप देने की कवायद तेज़ हो गई है। रेलवे प्रशासन ने अब स्टेशन के सभी आठों प्लेटफार्म से ट्रेनों का संचालन शुरू करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। यार्ड रिमॉडलिंग के तहत प्लेटफार्म नंबर 7 और 8 को नागदा एंड से जोड़ने का काम जारी है, जिससे स्टेशन की परिचालन क्षमता दोगुनी होने की उम्मीद है। इस दौरान नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य के चलते 11 से 15 अक्टूबर तक चार ट्रेनें रद्द, जबकि 52 ट्रेनों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है।
**सिंहस्थ के लिए तैयारी, यात्रियों को मिलेगी राहत**
रतलाम मंडल के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीणा ने बताया कि रिमॉडलिंग कार्य पूरा होने के बाद सभी प्लेटफार्म से ट्रेनों का निर्बाध संचालन संभव होगा। सिंहस्थ 2028 के दौरान अनुमानित करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद अहम माना जा रहा है। रेलवे ने पहले ही संकेत दिए हैं कि सिंहस्थ अवधि में 100 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी, ताकि देशभर से आने वाले यात्रियों को आसानी से उज्जैन पहुँचा जा सके।

** ₹421 करोड़ की रिडेवलपमेंट योजना पर धीमी प्रगति**
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में उज्जैन स्टेशन के पुनर्विकास का शिलान्यास किया था। इस ₹421 करोड़ की परियोजना में स्टेशन को आधुनिक स्वरूप देने, यात्री सुविधाएँ बढ़ाने और प्लेटफार्मों को स्मार्ट लुक देने की योजना शामिल है। हालांकि, डिज़ाइन में हुए बदलाव और मंत्रालयीय स्वीकृति की प्रक्रिया के कारण कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है। इससे स्थानीय जनप्रतिनिधियों में नाराज़गी और यात्रियों में असुविधा बनी हुई है।
**रतलाम–नागदा रेल लाइन विस्तार से बढ़ेगी गति**
इस रिमॉडलिंग कार्य को रतलाम–नागदा सेक्शन में तीसरी व चौथी रेल लाइन जोड़ने की ₹1,018 करोड़ की परियोजना से भी जोड़ा गया है। यह पूरा नेटवर्क मालगाड़ियों और यात्री ट्रेनों के दबाव को कम करेगा और उज्जैन, इंदौर, महू, फतेहाबाद सहित आसपास के स्टेशनों की आवाजाही को और सुगम बनाएगा।
**वर्तमान स्थिति : स्टेशन पर सन्नाटा, ट्रैफिक वैकल्पिक मार्गों पर**
काम के चलते इस समय स्टेशन पर सामान्य ट्रेनों की आवाजाही लगभग ठप है। कई ट्रेनों को नागदा, इंदौर और भोपाल मार्ग से डायवर्ट किया गया है। प्लेटफार्म क्षेत्र में निर्माण कार्य जोरों पर है, वहीं यात्रियों की कमी से स्टेशन परिसर फिलहाल वीरान नज़र आ रहा है।

**क्या होगा फायदा**
रिमॉडलिंग पूरी होते ही उज्जैन स्टेशन से न केवल अधिक ट्रेनों का संचालन संभव होगा, बल्कि भीड़-भाड़ वाले समय में प्लेटफार्मों पर दबाव कम होगा। यात्रियों को बेहतर व आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी और शहर को एक स्मार्ट रेलवे हब का रूप मिलेगा।
निष्कर्षतः, उज्जैन स्टेशन का यह यार्ड पुनर्गठन न केवल सिंहस्थ-2028 की व्यवस्थाओं को सुचारु बनाने में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि पूरे पश्चिम रेलवे नेटवर्क में परिचालन दक्षता का नया अध्याय खोलेगा। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने दावा किया है कि नवंबर 2025 तक प्रारंभिक चरण पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद उज्जैन से ट्रेनों की गति और संख्या- दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी।




