उज्जैन की मोक्षदायिनी शिप्रा में गंदा पानी मिलने पर EE पर गिरी गाज, कलेक्टर ने किया बर्खास्त, निर्माण एजेंसी पर भी 5 लाख का जुर्माना
उज्जैन से मुकेश व्यास की रिपोर्ट
उज्जैन। उज्जैन की मोक्षदायिनी शिप्रा में दो दिन पूर्व गंदे नाले का पानी मिलने से मिली हुई शिप्रा मामले में उज्जैन जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने EE मनीष जैन को बर्खास्त कर दिया है। इसके साथ ही निर्माण एजेंसी पर भी 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह के अनुसार लापरवाही की जिम्मेदारी EE मनीष जैन की बनती है। उसे ही इस कार्य का पर्यवेक्षण करना था ।लेकिन उन्होंने नहीं किया। वही महापौर मुकेश टटवाल ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर वास्तविक जिम्मेदारों पर ठोस कार्रवाई की बात कही है।
महापौर का कहना है कि जिस अधिकारी पर कार्यवाही की है वह संविदा पर था और उसने हाल ही में इसका कार्यभार लिया था जबकि स्मार्ट सिटी के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होना चाहिए। रविवार को स्मार्ट सिटी द्वारा अंडरग्राउंड पाइप लाइन डालने के दौरान सीवरेज पाइप लाइन वेदिक एज हो गया था जिससे 3 घंटे तक शिप्रा में हजारों गैलन नाले का गंदा पानी मिलता रहा।
शिप्रा में गंदे सीवरेज के पानी के मिलने को लेकर पिछले दो दिनों से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के प्रति श्रद्धालुओं में आक्रोश था। जिसके बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह ने इस मामले मे कार्रवाई करते हुए स्मार्ट सिटी के EE मनीष जैन को दोषी पाया और उन्हें नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
रुद्रसागर के सीवरेज का लाखों गैलन गंदा पानी शिप्रा नदी में मिलने के पीछे स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आई थी।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कुछ दिन पूर्व ही बता दिया था पाइप लाइन में लीकेज है और पानी रिसकर शिप्रा में जा रहा है। बावजूद जिम्मेदारों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया और यही कारण था कि रविवार के दिन जब स्मार्ट सिटी के ठेकेदार इस चेंबर का निर्माण कर रहे थे। तभी यह पाइपलाइन फूट गई और बड़ी मात्रा में गंदा पानी शिप्रा नदी में जा मिला। पाइप लाइन में गंदे पानी का बहाव तेज था। करीब तीन घंटे तक नाले का पानी शिप्रा में मिलता रहा।
इस पूरे मामले को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और निगमायुक्त रोशन कुमार सिंह ने गंभीरता से लिया और मामले की जांच करवाने के साथ ही स्मार्ट सिटी के ई ई मनीष जैन को नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
वही निर्माण एजेंसी तीर्थ गोपीकान पर भी 5 लाख रुपये का जुर्माना है भी लगाया गया।
इस घटना के बाद कांग्रेस के पार्षद माया त्रिवेदी स्मार्ट सिटी कार्यालय में सीईओ कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गई,और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की मांग की। उन्होंने स्मार्ट सिटी में काम में गड़बड़ी का आरोप भी लगाया शिप्रा में गंदे नाले का पानी मिलने से तीर्थ पुरोहित और अखाड़ा परिषद भी नाराजगी रही।
नगर निगम महापौर मुकेश टटवाल ने भी केवल संविदा कर्मी अधिकारी के बर्खास्त करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए स्मार्ट सिटी के अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्यवाही किए जाने की बात कही।