Uma Bharti : 15 जनवरी से शुरू नहीं हुआ उमा भारती का शराबबंदी अभियान

हालात देखकर लगता नहीं कि फिर शुरू होगा, पर सियासी माहौल गरमाया

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Bhopal : प्रदेश में शराबबंदी के लिए आंदोलन चलाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती घोषणा के अनुसार 15 जनवरी से प्रदेश में शराबबंदी अभियान शुरू नहीं कर सकीं। उनके अभियान का समर्थन कांग्रेस ने भी किया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा था कि नशाबंदी और शराबबंदी जागरूकता अभियान से ही संभव है।

उमा भारती ने गत वर्ष सितंबर में कहा था कि गंगाजी की यात्रा 15 जनवरी 2022 तक पूरी करने के बाद शराबबंदी को लेकर अभियान चलाऊंगी, लेकिन वह फिलहाल भोपाल नहीं लौटीं हैं। उन्होंने शराबबंदी अभियान को लेकर आगे की किसी रणनीति का खुलासा भी नहीं किया। अभी स्पष्ट नहीं है कि उमा भारती शराबबंदी अभियान को लेकर किसी दिशा में आगे बढ़ेंगी या उन्होंने इसका इरादा छोड़ दिया।

सवा दो साल पहले शुरू की गंगा सागर यात्रा

13 अक्टूबर 2019 शरद पूर्णिमा के दिन उमा भारती गंगोत्री से कलश में गंगा जल लेकर चली थीं। अप्रैल 2020 में हनुमान जयंती के दिन गंगासागर पहुंचने का लक्ष्य तय था। लेकिन, ऋषिकेश में उनके बाएं पैर के पंजे में फ्रैक्चर हो गया। फिजियोथेरेपी के दरम्यान ही मार्च में पूरे देश में कोरोना की पहली लहर का लॉकडाउन लग गया था। 2021 में उमा भारती ने फिर से पैदल चलने की कोशिश की, तो कोरोना की दूसरी लहर में बंदिशें लागू हो गईं। इसके बाद ऋषिकेश के संतों के निर्देश से पैदल चलने का आग्रह छोड़कर 20 अक्टूबर 2021 शरद पूर्णिमा से ऋषिकेश से वाहन से चलते हुए 13 जनवरी को वे गंगासागर पहुंच गई। संकल्प के मुताबिक 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर गंगासागर में उन्होंने डुबकी भी लगाई।

हालांकि 6 जनवरी को उमा भारती ने ट्वीट कर मकर संक्रांति तक गंगासागर पहुंचने को लेकर संदेह जताया था। उन्होंने जानकारी दी कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि पश्चिम बंगाल के प्रशासन ने कोरोना और ओमिक्रोन के चलते मुझे अभी तक 14 जनवरी को गंगा सागर पहुंचने की यह कहते हुए अनुमति नहीं दी है कि आपको अपनी यात्रा स्थगित भी करनी पड़ सकती है।

 

उमा की वापसी के संकेत

राजनीतिक विश्लेषक शराबबंदी अभियान को उमा भारती के मध्यप्रदेश में की सियासत में सक्रिय वापसी के संकेत मान रहे हैं। लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार के बाद उमा भारती ने प्रदेश में हुए उपचुनाव में सक्रिय भूमिका निभाई थी। अपनी जिम्मेदारी की सीटों पर जीत दिलाई उनके करीबी नेता संगठन से कैबिनेट तक मजबूत स्थिति में हैं। खुद उमा भारती ने फिर से चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर दी।

जानकारों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान की बतौर मुख्यमंत्री ताजपोशी के बाद से उमा भारती मध्य प्रदेश की सियासत से बाहर रही हैं। भाजपा में वापसी के बाद उमा मध्यप्रदेश में कोई हस्तक्षेप नहीं करती। उन्होंने लोकसभा चुनाव भी उत्तर प्रदेश की झांसी सीट से लड़ा था, लेकिन अब मध्य प्रदेश में खासा दखल रख रही हैं। ऐसे में उनकी सक्रियता के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। लेकिन, इस सबके बीच उनका शराबबंदी अभियान ठंडा पद गया।