Uma Bharti: उमा भारती ने फिर शराब नीति का मसला उठाया
भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में नियंत्रित एवं जनहितकारी शराब वितरण व्यवस्था कर दी तो महिलाओं के वोटों की ऐसी बरसात होगी कि वर्ष 2003 का रिकॉर्ड टूट जाएगा। उन्होंने कहा कि जो सुझाव उन्होंने सीएम शिवराज को सुझाव भेजे हैं उसमे राजस्व की हानि बहुत कम एवं जनहित बहुत बड़ा है। मुख्यमंत्री शिवराज के पास में अभी 8 महीने हैं और जनहित के आधार पर मध्यप्रदेश में हमारी सरकार भारी मतों से बननी ही है।
1. मैंने ओरछा की शराब की दुकान को लेकर जो टिप्पणी यहां के सांसद एवं विधायक को लेकर करी है वह केवल सिर्फ दो लोगों पर लागू नहीं होती क्योंकि यह व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं है।
— Uma Bharti (@umasribharti) February 8, 2023
11) आज मैं झाँसी में हूँ एवं मेरा फिर आग्रह है की मेरे, समाजसेवी, संतों के, संगठन के सुझावों पर शीघ्र ही शराब नीति बनाई जाए क्यूँकि सब जगह व्यग्रता का वातावरण है । @narendramodi @AmitShah @JPNadda @ChouhanShivraj @HitanandSharma @vdsharmabjp @BJP4India @BJP4MP
— Uma Bharti (@umasribharti) February 8, 2023
उमा भारती ने 11 ट्वीट के जरिये कहा कि हम भाजपा के लोग आर्थिक के साथ सांस्कृतिक अधिष्ठान के प्रति भी सजग रहते हैं। मध्यप्रदेश की हमारी सरकार द्वारा बनाई हुई वर्तमान की शराब नीति अनैतिक एवं जनहित के खिलाफ है। यह दुर्भाग्य है हमने ऐसी शराब नीति बनाई। उन्होंने कहा कि शराब से नफरत और गंगा पर आस्था इस पर मेरी निजी स्वतंत्रता को भाजपा ने मुझे पूरा अधिकार दिया एवं मेरा पूरा सम्मान रखा। वर्ष 1999 में जब हमने एनडीए बनाकर लोकसभा का चुनाव लड़ा तो कॉमन मिनिमम एजेंडा बना जिसमे राम मंदिर का निर्माण नहीं था पर अटल जी ने मेरे एजेंडे को नहीं रोका।
उमा के अनुसार मेरे ये 5 साल मेरी निजी साधना एवं गंगा के लिए समर्पित थे। उमा भारती के अनुसार जब अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो मैंने 2019 के लोकसभा चुनाव से 6 महीने पहले ही चुनाव न लड़ने की घोषणा की तो उन्होंने इसका पूर्ण सम्मान करते हुए मुझे भाजपा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया। इस बीच में जरूरत पड़ने पर उनके द्वारा मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश में भाजपा का जमकर प्रचार भी किया गया। बीच में अचानक कोरोना काल आया और शराब का मसला उठा। उन्होंने सीएम शिवराज से कहा है कि मेरा फिर आग्रह है कि मेरे, समाजसेवियों, संतों, संगठन के सुझावों पर शीघ्र ही शराब नीति बनाई जाए क्योंकि सब जगह व्यग्रता का वातावरण है।