Uma Bharti’s Roar : महिला आरक्षण पर उमा भारती अड़ी, पार्टी के लिए नई परेशानी!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे से पहले 'एक्स' पर एक पोस्ट कर मामला गरमाया!

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Uma Bharti’s Roar : महिला आरक्षण पर उमा भारती अड़ी, पार्टी के लिए नई परेशानी!

देखिए, ‘एक्स’ पर उमा भारती की तीन पोस्ट

Bhopal : पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने महिला आरक्षण के मुद्दे पर अपनी ही पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी। उन्होंने ओबीसी महिलाओं को भी महिला आरक्षण देने की मांग करके चुनाव से पहले विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया। उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले ‘एक्स’ पर एक पोस्ट करके मामला गरमा दिया। उन्होंने 1996 में पेश हुए महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा भी याद दिलाया, जब उन्होंने संशोधन पेश किया था।
महिला आरक्षण विधेयक को लेकर उमा भारती कुछ दिनों से मुखर हो रही हैं। उनकी मांग है कि सरकार इस विधेयक में ओबीसी आरक्षण भी जोड़े। इस मुद्दे पर उन्हें विपक्ष का भी साथ मिल रहा है। नरेंद्र मोदी के भोपाल दौरे से पहले उमा भारती ने कहा है कि पीएम पिछड़ों के मसीहा हैं।

‘एक्स’ पर उमा भर्ती की तीन पोस्ट ये हैं :
आज दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती पर ही प्रधानमंत्री जी का भोपाल आगमन हो रहा है। दीनदयाल जी ने अंत्योदय का विचार दिया था।
विश्वव्यापी समाजवाद,साम्यवाद, पूंजीवाद के अपूर्ण सिद्धांत थे,दीनदयाल जी ने समग्र विश्व को एक करने वाला सिद्धांत दिया था अंत्योदय।
इसी कारण से मैं दीनदयाल जी की विचारधारा का अनुसरण करते हुए ही महिला आरक्षण में ओबीसी, एससी, एसटी आरक्षण की बात करती हूं।
प्रधानमंत्री जी का भोपाल की धरती पर स्वागत। वह गरीबों एवं पिछड़ों के मसीहा हैं, मुझे यकीन है कि वह महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण पर सकारात्मक संकेत देकर जाएंगे।

प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा
इससे पहले महिला आरक्षण विधेयक पर अपनी राय रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था. उन्‍होंने मांग रखी थी कि 33% आरक्षित सीटों में से 50% SC-ST और OBC महिलाओं के लिए अलग रखा जाए। उन्होंने विधेयक पारित करने के केंद्र के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम देश की महिलाओं के लिए खुशी की बात है।

पुराने विधेयक का प्रसंग याद दिलाया

उन्होंने याद दिलाया था कि जब 1996 में तत्कालीन प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने महिला आरक्षण विधेयक सदन में पेश किया था, तब उन्होंने इस विधेयक में एक संशोधन पेश किया था। उन्होंने कहा था कि मैं संसद सदस्य थी, मैं तुरंत खड़ी हुई और इस विधेयक पर एक संशोधन पेश किया और इस पर आधे से अधिक सदन ने मेरा समर्थन किया। देवगौड़ा ने संशोधन को स्वीकार कर लिया, उन्होंने विधेयक को स्थायी समिति को सौंपने की घोषणा की।

उन्होंने यह भी याद दिलाया था कि स्थगित होने से पहले सदन में काफी हंगामा हुआ था। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि जब वे सदन के गलियारे में आईं तो उनकी पार्टी के कई सांसद नाराज थे। लेकिन, दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उनकी बात ध्यान से सुना। उन्होंने लिखा था ‘कट्टर राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद, मुलायम सिंह यादव, लालू यादव और उनकी पार्टी के सभी सांसद संशोधन के पक्ष में थे।’