उमा का आशीर्वाद और लाड़ली बहनों का साथ जरूरी है…

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उमा का आशीर्वाद और लाड़ली बहनों का साथ जरूरी है…

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बजट सत्र से पहले मिला पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का आशीर्वाद एक शुभ संकेत माना जा सकता है। आबकारी नीति को लेकर उमा की उम्मीदों पर खरे उतरे शिवराज अब स्वतंत्र होकर विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों में जुटे रह सकते हैं। अब फिलहाल उन्हें यह चिंता करने की जरूरत कतई नहीं है कि किसी शराब दुकान पर पत्थर मारकर उमा जी अपना आक्रोश जताएंगी और प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता के लिए यह चर्चा का विषय बनकर हवा देगा।
सीएम शिवराज सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के घर मिलने पहुंचे, जहां उमा ने उनका स्वागत पारंपरिक तरीके से किया और जब शिवराज ने उनके पैर छुए तो उमा ने शिव को खूब आशीर्वाद दिया। वैसे लाड़ली बहना योजना के लिए भाजपा महिला मोर्चा की बहनों ने भी शिवराज का सम्मान किया।‌ यानि सत्र के‌ पहले दिन शिवराज को भरपूर सम्मान मिला। यह सम्मान मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र में शिवराज के बहुत काम आएगा। क्योंकि यदि विपक्षी दलों के नेताओं ने घेरने का मन बनाया,तो ठीक है लेकिन यदि विपक्ष के सुर में अपने नेताओं के सुर मिल जाएं तो स्थितियां तनाव तो देती हीं हैं।
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विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विद्यायकों से अपील की है कि अब तक के सबसे महत्वपूर्ण सत्र का महत्व भाजपा-कांग्रेस दोनों समझें। बजट सत्र को लेकर दी दोनों ही पक्षों को सलाह दी है कि दोनों ही पक्ष सत्र के महत्व को समझें। तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बजट सत्र को उन्होंने पूरी तरह पेपर लेस किया है। अभी ऑनलाइन प्रश्नों का टारगेट पूरा करने के लिए ज्यादा जागरूकता की जरूरत है। वैसे कांग्रेस ने विधायक दल की बैठक में अपने नेताओं को वह सभी नसीहत‌ दी ही होंगी, जिससे भाजपा सरकार को घेरा जा सके। चुनावी साल में यदि थोड़ी सी चूक होगी तो स्थितियों को नियंत्रित करने में बहुत मुश्किल होगी। वहीं भाजपा दो सौ पार के लक्ष्य में जुटी है। सात मोर्चों की संयुक्त बैठक में पार्टी नेताओं ने कार्ययोजना पर चर्चा की। बताया गया कि भारतीय जनता पार्टी का महत्वपूर्ण अंग उसके सातों मोर्चा हैं। अलग अलग वर्गों में भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा पहुंचाने में इन सभी मोर्चो की महत्वपूर्ण भूमिका है। केन्द्र और राज्य सरकार की अनेक हितग्राही मूलक योजनाएं है, जिनसे समाज का कोई भी वर्ग अछूता नहीं है। पार्टी का हर मोर्चा योजनाओं के आधार पर हितग्राहियों से संपर्क कर उन्हें भारतीय जनता पार्टी से जोड़ें।
तो यह आखिरी बजट‌ सत्र पूरे समय‌ चले और जनहित में सार्थक चर्चा भी हो, ताकि प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता का भरोसा लोकतांत्रिक व्यवस्था पर और मजबूत हो। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अपील पर पक्ष-विपक्ष गौर फरमाएंगे यही उम्मीद की जा सकती है। बाकी चुनावी साल है सो राजनैतिक दलों के मन में क्या है, यह कोई नहीं जान सकता…। महत्वपूर्ण यही है कि सत्र से पहले शिवराज को उमा का आशीर्वाद मिल गया है।