बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की लाखों रुपए की फसलें बर्बाद

किसान आत्महत्या करने की कगार पर

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बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की लाखों रुपए की फसलें बर्बाद

बड़वानी से सचिन राठौर की रिपोर्ट

बड़वानी- बीती रात बड़वानी जिले में हुई बे-मौसमी तेज बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की मक्का व दलहन की फसलों को भारी नुकसान, किसानों की लाखों रुपए की फसलें बर्बाद, किसान आत्महत्या करने की कगार पर, कांग्रेस नेता राजन मंडलोई ने कहा भारतीय जनता पार्टी किसानों की नही पूंजीपतियों और उद्योगपतियों की सरकार है, राज्यसभा सांसद ने कहा कि सीएम को एक पत्र लिखने के साथ ही जवाबदारों को भी निर्देशित किया जाएगा की सही से सर्वे हो

बड़वानी- बीती रात बड़वानी जिले में हुई बे-मौसमी तेज बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की मक्का व दलहन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। ग्राम लोनसरा, रेहगुन, सजवानी, सहित अनेक गांवों के किसानों ने सरकार से भारी ओलावृष्टि के कारण फसलों के हुए नुकसान विशेष गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, दामा जी सोलंकी (किसान)-

ग्राम लोनसरा के किसान दामा जी सोलंकी ने कहा कि कल रात अचानक हुई बेमौसमी बरसात व ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। हम किसानों की लाखों रुपए की फसलें बर्बाद हो गई हैं। बैंक कर्ज व्यापारियों से कर्ज लेकर हमनें फसल लगाई अब फसल पूरी तरह से ओलावृष्टि से खराब हो गई है। किसान आत्महत्या करने की कगार पर हैं।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, राजन मंडलोई (कांग्रेस नेता)-

कांग्रेस नेता राजन मंडलोई किसानों के खेतों में पहुँचे और खेतों का निरीक्षण कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी किसानों की नहीं पूंजीपतियों की सरकार है। किसानों के साथ छलावा किया जा रहा है। मुआवजे के नाम पर उन्हें लूटा जा रहा है। मुआवजे में कई तरह की विसंगतियां हैं। नुकसान लाखों का होता है और मुआवजा दो सो चार सौ रुपए दिया जाता है। किसानों को आज दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

उन्होंने सरकार से मांग की कि सरकार धरती पुत्र किसानों के हितों की रक्षा के लिए विशेष कदम उठाए अन्यथा किसान आर्थिक तौर पर बर्बाद हो जाएगा।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, बाबू दादा कोटवाल (किसान नेता)-

किसान नेता बाबू दादा कोटवाल ने बताया कि किसान बारिश के समय की वजह अभी मक्के की फसल ज्यादा बोते हैं और मक्के की फसल पूरी तरह किसानों की नष्ट हो जा चुकी है। जब भी किसानों के घर फसल आती है तो सरकार भाव गिरा देती है। गेंहू के भाव आज से मैंने डेढ़ महीने पहले 28 सौ रुपये क्विंटल थे। आज गेहूं के भाव 21 सौ 25 रुपये निर्धारित कर दिए हैं। ना कपास के भाव देते हैं। जब भी किसान के घर में फसल पककर आती है और किसान मंडी में ले जाता है तो सरकार भाव गिरा देती है। यह बिचौलियों की सरकार है। किसान हितेषी बिल्कुल नहीं है और किसान विरोधी सरकार है ना कोई सांसद आया ना कोई मंत्री आया। भगोरिया में नाच रहे हैं। अलग-अलग दिखावा कर रहे हैं और भोंगर्या का आनंद ले रहे हैं। उन्हें कोई लेना देना नहीं किसानों से और किसानों की फसलों से।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, सुमेरसिंह सोलंकी (राज्यसभा सांसद)-

इस मामले में राज्यसभा सांसद ने सूचना मिलते ही खेतों में जाकर नुकसान हुई फसलों को देखा। सीएम से बात करने की बात कही है। राज्यसभा सांसद डॉ सुमेरसिंग सोलंकी ने कहा कि सीएम को एक पत्र लिखने के साथ ही जवाबदारों को भी निर्देशित किया जाएगा की सही से सर्वे हो।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, विनोद सेप्टा (किसान)-