Amritsar : न्यूयॉर्क की एक फेडरल कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी गौरव यादव को समन जारी किए हैं। यह दावा प्रतिबंधित सिख संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) जनरल काउंसिल गुरपतवंत सिंह पन्नून ने किया। अमेरिका के साथ भारत के कूटनीतिक संबंधों के लिए यह गंभीर चुनौती समझी जा रही है।
एक वीडियो संदेश में भी पन्नून ने दावा किया कि फेडरल कोर्ट ने 23-सीवी-02578 DFJ बनाम भगवंत मान, बनवारीलाल पुरोहित और गौरव यादव को समन जारी किया है। सभी को 21 दिनों में जवाब देने के निर्देश दिए गए। संदेश में कहा गया कि भगवंत मान, बनवारीलाल पुरोहित और गौरव यादव के खिलाफ ‘टॉर्चर विक्टिम प्रोटेक्शन एक्ट’ (TVPA) के तहत मामला दायर किया गया था। यह एक्ट अमेरिकी अदालत को देश से बाहर किए किसी अत्याचार पर कार्रवाई करने का अधिकार देता है। इसे एक्ट के तहत अमेरिकी कोर्ट को मानवाधिकार हनन मामले में मुकदमा चलाने का भी अधिकार है।
एसएफजे ने 27 मार्च को न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के संघीय न्यायाधीश के सामने कथित ‘पंजाब की गंभीर और हिंसक घेराबंदी’ के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। लेकिन, पन्नून के इन दावों की पुष्टि नहीं हो सकी। अमेरिकी अलगाववादी संगठन SFJ को भारत विरोधी गतिविधियों के लिए 2019 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसलिए कि SFJ भारत में अलग खालिस्तान के लिए जनमत संग्रह की कार्रवाई कर रहा था।
एसएफजे ने हाल ही में अमृतसर में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी ट्रेनों को पटरी से उतारने की धमकी दी थी। एक आपत्तिजनक वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया, जिसे हटाया गया। एसएफजे के जनरल काउंसिल ने यह भी दावा किया कि अमृतपाल सिंह द्वारा चलाए जा रहे ‘खालसा वाहिर’ (धार्मिक जुलूस) को सिखों का समर्थन न मिले इसके लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने के साथ ही पंजाब को बाकी दुनिया से भी काट दिया गया था।