US Visa Rules are Strict : अमेरिकी वीजा के नियम सख्त, आवेदकों को सोशल मीडिया प्रोफाइल ‘पब्लिक’ करना होगी, तभी मिलेगा वीजा!

जानिए, इस नियम को लागू करने के पीछे क्या कारण बताए गए!

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US Visa Rules are Strict : अमेरिकी वीजा के नियम सख्त, आवेदकों को सोशल मीडिया प्रोफाइल ‘पब्लिक’ करना होगी, तभी मिलेगा वीजा!

Washington : अमेरिका ने वीजा आवेदन प्रक्रिया में एक नया और सख्त नियम लागू किया है। इसके तहत भारत सहित सभी देशों के आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की गोपनीयता सेटिंग्स को प्राइवेट से हटाकर सार्वजनिक (पब्लिक) करना होगा। यह नियम विशेष रूप से F (छात्र वीजा), M (वोकेशनल ट्रेनिंग वीजा), और J (एक्सचेंज विजिटर वीजा) जैसी गैर-अप्रवासी वीजा श्रेणियों के लिए लागू किया गया है। भारत में अमेरिकी दूतावास ने 23 जून 2025 को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर इसकी घोषणा की, जिसके बाद से यह खबर चर्चा का विषय बन गई है। इस कदम का उद्देश्य आवेदकों की पहचान और अमेरिकी कानून के तहत उनकी स्वीकार्यता की जांच को और मजबूत करना बताया गया है।

अमेरिकी दूतावास ने अपने बयान में कहा कि तत्काल प्रभाव से, F, M, या J गैर-अप्रवासी वीजा के लिए आवेदन करने वाले सभी व्यक्तियों से अनुरोध है कि वे अपने सभी सोशल मीडिया खातों की गोपनीयता सेटिंग को सार्वजनिक कर दें, ताकि उनकी पहचान और स्वीकार्यता स्थापित करने के लिए आवश्यक जांच की जा सके।” यह नियम 2019 से लागू सोशल मीडिया जानकारी मांगने की नीति का विस्तार है, जब अमेरिका ने पहली बार वीजा आवेदन फॉर्म में आवेदकों से उनके सोशल मीडिया हैंडल्स की जानकारी मांगना शुरू किया था।

नए नियम के तहत, आवेदकों को अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, लिंक्डइन, यूट्यूब, या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के अकाउंट्स को पब्लिक मोड में रखना होगा। इसलिए कि अमेरिकी अधिकारी उनके पोस्ट, लाइक, शेयर, और अन्य गतिविधियों की जांच कर सकें। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आवेदक ऐसी किसी गतिविधि या विचारधारा से जुड़े नहीं हैं, जो अमेरिकी सुरक्षा या नीतियों के लिए खतरा हो सकती हो।

इस नियम ने भारतीय वीजा आवेदकों, विशेष रूप से छात्रों और पेशेवरों, के बीच हलचल मचा दी है। कई आवेदक, खासकर F-1 वीजा (छात्र वीजा) के लिए आवेदन करने वाले, अपने पुराने पोस्ट्स को हटाने या संपादित करने में जुट गए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ उपयोगकर्ताओं ने बताया कि छात्र अपने उन पोस्ट्स को डिलीट कर रहे हैं, जिनमें राजनीतिक, सामाजिक, या विवादास्पद टिप्पणियां हो सकती हैं, ताकि उनकी वीजा प्रक्रिया पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।

‘एक्स’ पर एक यूजर ने लिखा कि AI के दौर में डिजिटल फुटप्रिंट को छुपाना लगभग नामुमकिन है। आपका हर पोस्ट, लाइक, शेयर कहीं न कहीं दर्ज है। यह टिप्पणी डिजिटल युग में निजता की चुनौतियों को रेखांकित करती है। कई लोगों ने इस नियम को निजता का उल्लंघन बताते हुए इसकी आलोचना की है, जबकि कुछ का मानना है कि यह अमेरिकी सुरक्षा नीतियों का हिस्सा है।

इस नियम को लागू करने की वजह 

अमेरिकी सरकार का कहना है कि सोशल मीडिया जांच से आवेदकों की पृष्ठभूमि, उनके विचारों, और संभावित जोखिमों का बेहतर आकलन किया जा सकता है। 2019 में शुरू हुई इस नीति के तहत, आवेदकों को अपने सोशल मीडिया हैंडल्स की जानकारी देना अनिवार्य था, लेकिन अब प्रोफाइल को सार्वजनिक करने की शर्त ने इस प्रक्रिया को और सख्त कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नियम आतंकवाद, अवैध गतिविधियों, या अमेरिकी नीतियों के खिलाफ गतिविधियों में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए लागू किया गया है।

पोस्ट्स की गलत व्याख्या की संभावना 

इस नीति ने कई सवाल भी खड़े किए हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पोस्ट्स की व्याख्या व्यक्तिपरक हो सकती है, और इससे गलत निष्कर्ष निकाले जाने का खतरा है। उदाहरण के लिए, एक मजाकिया या व्यंग्यात्मक पोस्ट को गलत संदर्भ में लिया जा सकता है, जिससे वीजा आवेदन खारिज हो सकता है।

इसका भारतीय आवेदकों पर प्रभाव

भारत से हर साल लाखों लोग F, M, और J वीजा के लिए आवेदन करते हैं, जिनमें ज्यादातर छात्र और शोधकर्ता शामिल हैं। यह नियम उनके लिए नई चुनौतियां लेकर आया है। कई आवेदक अब अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स की सामग्री को सावधानी से जांच रहे हैं। कुछ ने अपने पुराने पोस्ट्स डिलीट करना शुरू कर दिया है। जबकि, अन्य अपने अकाउंट्स को पूरी तरह निष्क्रिय करने पर विचार कर रहे हैं।

नई दिल्ली में वीजा कंसल्टेंट रवि शर्मा ने बताया कि छात्रों में डर का माहौल है। वे नहीं चाहते कि कोई पुराना पोस्ट या कमेंट उनके वीजा आवेदन को प्रभावित करे। हम उन्हें सलाह दे रहे हैं कि वे अपने अकाउंट्स को साफ करें और केवल प्रोफेशनल या तटस्थ सामग्री रखें।

सोशल मीडिया प्रोफाइल को सार्वजनिक करने की शर्त ने निजता को लेकर बहस छेड़ दी है। कई लोग इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं। ‘एक्स’ पर एक यूजर ने लिखा कि यह चलन आम हो जाएगा। नौकरी देने से पहले भी कंपनियां सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच शुरू कर सकती हैं। यह आशंका जताई जा रही है कि अन्य देश भी ऐसी नीतियां अपना सकते हैं, जिससे डिजिटल निजता पर और सवाल उठेंगे। इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह नियम उन लोगों को प्रभावित कर सकता है जो सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते। ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उन्हें वैकल्पिक दस्तावेज जमा करने होंगे या उनकी प्रक्रिया अलग होगी।

वीजा विशेषज्ञों के आवेदकों को ये सुझाव दिए गए

● सोशल मीडिया प्रोफाइल की समीक्षा करें : पुराने पोस्ट्स, कमेंट्स, या शेयर की गई सामग्री को जांचें और विवादास्पद या संवेदनशील सामग्री को हटाएं।

● प्राइवेसी सेटिंग्स बदलें : सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को पब्लिक मोड में सेट करें, जैसा कि दूतावास ने अनुरोध किया है।

● पेशेवर सामग्री रखें : केवल ऐसी सामग्री पोस्ट करें जो प्रोफेशनल या तटस्थ हो, जैसे शैक्षिक उपलब्धियां, यात्रा, या सकारात्मक गतिविधियां।

● निष्क्रिय अकाउंट्स की जानकारी दें : यदि आप किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं करते, तो आवेदन फॉर्म में इसकी स्पष्ट जानकारी दें।

यह नियम कितने समय तक लागू रहेगा, स्पष्ट नहीं

अमेरिकी दूतावास का यह नया नियम वीजा आवेदन प्रक्रिया को और जटिल बना सकता है, खासकर उन भारतीय आवेदकों के लिए जो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। यह नियम डिजिटल युग में निजता और सुरक्षा के बीच संतुलन को लेकर एक नई बहस को जन्म दे रहा है। आवेदकों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को सावधानी से प्रबंधित करें और आवेदन प्रक्रिया के दौरान पारदर्शिता बरतें। अमेरिकी दूतावास ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह नियम कितने समय तक लागू रहेगा या इसमें भविष्य में और बदलाव होंगे। फिलहाल, वीजा आवेदकों को इस नई शर्त का पालन करना अनिवार्य होगा।