Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:नहीं आए मोहन भागवत, मंत्रियों ने ली चैन की सांस!

1211
Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:नहीं आए मोहन भागवत, मंत्रियों ने ली चैन की सांस!

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:नहीं आए मोहन भागवत, मंत्रियों ने ली चैन की सांस!

संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत के भोपाल आने को लेकर पिछले तीन दिनों से भारी हंगामा था। राजनीति की सारी मशीनें भागवत की इस यात्रा को लेकर नए-नए खबरी व्यंजन बनाने में लगे थे। कहा गया था कि 19 फ़रवरी को मोहन भागवत भोपाल आएंगे और सभी मंत्रियों से वन-टू-वन बातचीत करेंगे। यह पूरी मुलाकात अति गोपनीय होगी! लेकिन, जब मोहन भागवत ही भोपाल नहीं आए तो सारी कवायद ध्वस्त हो गई।

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:नहीं आए मोहन भागवत, मंत्रियों ने ली चैन की सांस!

जबकि, सभी मंत्रियों को विकास यात्रा छोड़कर 19 फरवरी की सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक भोपाल में मौजूद रहने की सख्त हिदायत दी गई थी। मंत्रियों को भी घबराहट थी कि आखिर क्या होने वाला है! भागवत की क्लास नहीं लगी तो निश्चित रूप से मंत्रियों ने चैन की सांस ली होगी। डॉ मोहन भागवत बजाए भोपाल आने से उज्जैन चले गए और अब 3 दिन वही रहेंगे। उनका भोपाल आना कैंसिल होना उज्जैन जाना, यह भी किसी नए कयास का विषय तो है।

भाजपा नेता ही विकास यात्रा में पलीता लगा रहे!

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य विकास यात्रा को लेकर लगातार दौरे कर रहे हैं।अगर मुख्यमंत्री की मानें तो इसके सफल परिणाम भी सामने आ रहे हैं लेकिन दूसरी और ऐसे दृश्य भी सामने आ रहे हैं जिसमें उनके ही कार्यकर्ता इस विकास यात्रा को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

कई जगह भाजपा के नेता खुद इस यात्रा को मजाक बनाते दिखाई दे रहे हैं। कहीं सांप नचाने के लिए बीन बजाई जा रही है, कहीं नेता खुद बेड़नियां नचा रहे हैं। कहीं खुद नाच रहे हैं। ग्वालियर इलाके के ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक और कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त जसवंत जाटव ने तो खुद ही विकास यात्रा में सिस्टम की पोल खोल दी। उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में बगैर रिश्वत कोई काम नहीं होता।

जसवंत जाटव

जसवंत जाटव ने संबोधित करते हुए कहा कि तहसीलदार हो, एसडीएम हो और इनके नीचे आरआई और पटवारी, हमारी दोनों तहसील में कोई भी नामांतरण, कोई भी बंटवारा बिना सुविधा शुल्क के नहीं हो रहा। मेरे क्षेत्र के लोग आरआई और पटवारियों के सामने गिड़गिड़ाते हैं, जैसे वे भीख मांग रहे हों। यह भ्रष्टाचार बंद होना चाहिए और जिसको भ्रष्टाचार पसंद है वो यहां से ट्रांसफर करा लें। ये तो हुआ विकास यात्रा का एक पक्ष!

दूसरा पक्ष ये है कि धार जिले के एक पूर्व भाजपा विधायक वेलसिंह भूरिया विकास यात्रा में आने वालों को धमकाने का कोई मौका नहीं चूक रहे! उन्होंने सुल्तानपुर में एक व्यक्ति को इसलिए बाहर भगा दिया, क्योकि वो उनसे बहस कर रहा था। इसके बाद कजरौटा में विकास यात्रा के दौरान भी इस पूर्व विधायक का लोगों को धमकाने वाला वीडियो सामने आया।

vel singh bhuriya 2018412 91410 12 04 2018

 

मंच से ही पूर्व विधायक वेलसिंह भूरिया लोगों को बुलाते नजर आए। इस बीच एक व्यक्ति ने सीएम के वादे की बात दिलाई और कहा कि वो कब पूरा होगा! तो पूर्व भाजपा विधायक भूरिया कहते दिखाई देते हैं कि ‘पक्का सारे वाले पूरे करेंगे, पर तेरे कहने से नहीं करेंगे! तुम बैठ जाओ … मैं बोल रहा हूं तू बैठ जा उसी में भलाई है।’ अब ये बात अलग है कि वो व्यक्ति बैठा या नहीं, पर सुनने वाले जरूर नाराज हो गए!

यह सब दृश्यों के बाद अब मुख्यमंत्री को देखना होगा कि विकास यात्रा जिस उद्देश्य और लक्ष्य को लेकर की जा रही है कहीं उसे भटक ना जाए।

वरिष्ठ IAS पर कार्रवाई के लिए राज्यपाल को पत्र

लोकायुक्त ने सीनियर IAS अधिकारी अनिरुद्ध मुखर्जी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। लोकायुक्त ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को इस बारे में पत्र भी लिखा है। उन पर उज्जैन की दताना-मताना हवाई पट्टी के मेंटेनेंस में गड़बड़ी का आरोप है। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और इस मामले में आरोपी कवींद्र कियावत की याचिका पर हाईकोर्ट में जवाब देते समय राज्य सरकार के हितों की अनदेखी की। इससे लोकायुक्त के काम पर असर पड़ा।

 लोकायुक्त ने सीनियर IAS अधिकारी अनिरुद्ध मुखर्जी

अनिरुद्ध मुखर्जी लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव हैं। लोकायुक्त ने राज्यपाल को लिखे पत्र में उल्लेख किया है कि उन्होंने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करते समय राज्य सरकार के हितों की अनदेखी की, बल्कि उनके जवाब से सरकार की स्थिति भी कमजोर हुई। लोकायुक्त संगठन से जुड़े एक अफसर के मुताबिक याचिकाकर्ता (कवींद्र कियावत) को लोकायुक्त की विशेष स्थापना पुलिस (एसपीई) ने एफआईआर में आरोपी बनाया है।

अक्टूबर 2020 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने रिटायर्ड आईएएस अफसर और इस मामले में आरोपी कवींद्र कियावत की याचिका खारिज कर दी थी। कियावत ने उनके खिलाफ उज्जैन की हवाई पट्टी के मेंटेनेंस घोटाले के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट ने जांच एजेंसी को जल्द से जल्द जांच पूरी करने को कहा था। उस समय मुखर्जी प्रमुख सचिव थे और उन्होंने ही राज्य सरकार की और से हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब दिया था। कियावत उन पांच आईएएस अधिकारियों में से एक हैं, जिनके खिलाफ लोकायुक्त ने केस दर्ज किया है।

उमा भारती के कारण गले की हड्डी बनी, नई शराब नीति!

नई शराब नीति को लेकर उमा भारती के सुझाव अब रंग लाने लगे। अभी तक सरकार उमा भारती के सुझाव पर कान नहीं धर रही थी, पर अब स्थिति बदलने लगी। शायद इसलिए कि पूर्व मुख्यमंत्री के सुझाव को संघ का भी समर्थन मिलने की ख़बरें हैं। कैबिनेट में बात हुई कि प्रदेश में अब शराब दुकानों अहाते बंद होंगे। यानी अब वहीं बैठकर शराब पीना बंद होगा। दुकानों से शराब की बिक्री तो होगी, लेकिन वहां बैठकर पीने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

ये निर्णय रविवार को हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बैठक में नई शराब नीति पर चर्चा की गई। इसमें अहम फैसले भी लिए गए। बैठक में तय किया गया कि अब धार्मिक और शैक्षणिक संस्थाओं, गर्ल्स स्कूल, गर्ल्स कॉलेज, हॉस्टल से शराब दुकान की दूरी 50 से बढ़ाकर 100 मीटर करने का प्रस्ताव भी मंजूर कर लिया गया।

उमा भारती के कारण गले की हड्डी बनी, नई शराब नीति!

सरकार के मूड में बदलाव का सबसे बड़ा कारण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की नागपुर यात्रा को माना जा रहा है। अभी तक अचानक हुई उस यात्रा को लेकर कयास ही लगाए जा रहे थे, पर अब तय हो गया कि उमा भारती के मुद्दे पर ही मुख्यमंत्री की नागपुर यात्रा हुई थी।

उमा भारती के कारण गले की हड्डी बनी, नई शराब नीति!

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने नई आबकारी नीति पर सरकार को जो 6 सुझाव दिए हैं। वो सरकार के गले की हड्डी बन गए। इसलिए कि अब उमा भारती अकेली नहीं हैं, पता चला है कि उन्हें संघ का भी समर्थन मिल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जो सुझाव दिए उनमें स्कूल, कॉलेज और धार्मिक स्थलों से शराब की दुकानें कम आधा किलोमीटर दूर खोले जाने की बात कही गई है। उमा भारती के उठाए ज्यादातर मुद्दों को लेकर सरकार सहमत है और उसे अपनी नीति में शामिल करने को राजी भी हो गई।

यही वजह है कि दो हफ्ते से सरकार नई शराब नीति को कैबिनेट में लाने में हिचकिचा रही है। सरकार आबकारी नीति की घोषणा के बाद उठे उमा भारती के विरोध को लेकर ज्यादा ही चिंतित है। अब उनके इस विरोध को संघ का साथ मिलने से सरकार की चिंता बढ़ गई। क्योंकि, चिंता का सबसे बड़ा कारण सरकार राजस्व को होने वाला बड़ा नुकसान है। सरकार को नई आबकारी नीति से 14 हजार करोड़ की आय होने का अंदाजा था, पर यदि उमा भारती के सभी सुझावों को माना जाता है, तो सरकार को 25 से 30 फीसदी का नुकसान होना तय है। अब सरकार उमा भारती की बात माने या घाटा सहने को तैयार रहे, ये फैसला होना बाकी है।

220 सीनियर तहसीलदार बनेंगे कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर

सरकार 220 सीनियर तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बनाने जा रही है। अभी ये दौड़ में है, पर ठिकाने पर नहीं पहुंची। संभवत: 25 फरवरी के बाद ये लिस्ट बाहर आ सकती है। ये वे तहसीलदार हैं जो सात साल से प्रमोशन के इंतजार में है। 1999 से 2008 के बीच वाले तहसीलदार इस क्राइटेरिया में है। लेकिन, जिन तहसीलदारों की डिपार्टमेंटल इन्क्वारी चल रही है, वे डिप्टी कलेक्टर नहीं बन सकेंगे।

Mantralaya Vallabh Bhavan Bhopal

साथ में 173 नायब तहसीलदारों को भी तहसीलदार का प्रभार दिए जाने की तैयारी है। 1999 से 2008 के बीच पीएससी से नायब तहसीलदारों की भर्ती की गई थी, लेकिन अभी तक उन्हें प्रमोशन नहीं मिला। यदि नियमानुसार प्रमोशन होता वे दो बार प्रमोट हो जाते। उनमें से कुछ ज्वाइंट कलेक्टर भी बन चुके होते, लेकिन पदोन्नति रुकने के कारण वे डिप्टी कलेक्टर भी नहीं बन पाए।

पिछले एक साल से मध्य प्रदेश राजस्व अधिकारी संघ की मांग है कि पुलिस विभाग की तर्ज पर तहसीलदारों को भी प्रमोशन दिया जाए। इसे लेकर हर तरफ गुहार लगाई जा चुकी है। सरकार के स्तर पर अब प्रक्रिया शुरू हुई। पर अभी जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) में फाइल दौड़ रही है। 1999 से 2008 के बीच जो नायब तहसीलदार बने और फिर तहसीलदार के पद पर पदोन्नत हुए, पर उन्हें प्रमोशन नहीं मिला। उन तहसीलदारों को कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर नहीं बनाया जाएगा, जिन पर जांच चल रही हो। यानि, ऐसे तहसीलदारों को अभी और इंतजार करना होगा।


Read More… KISSA-A-IPS: Vrinda Shukla: बाहुबली की बहू के गिरेबान में हाथ डालने वाली IPS 


PSC पर पूर्व IAS अधिकारी ने उंगली उठाई!

पूर्व आईएएस आधिकारी ओपी चौधरी और छत्तीसगढ़ के भाजपा के प्रदेश महामंत्री ने राज्य पीएससी की स्तरहीनता और अप्रासंगिक सवाल पूछे जाने पर आपत्ति उठाई है। उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (पीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गए सवाल को अनुचित बताया। ओपी चौधरी ने कहा कि पीएससी की की प्रारंभिक परीक्षा में पूछे कुछ सवालों में जो विकल्प दिए गए, वो सही नहीं थे। कुछ सवालों के विकल्प में 200 सालों का अंतर था।

IAS

चौधरी ने कहा कि की स्तरहीन और अप्रासंगिक सवालों को पूछकर भ्रष्टाचार की स्थिति को पीएससी में निर्मित किया जा रहा है। राज्य में पीएससी ने भ्रष्टाचार, स्तरहीनता की पराकाष्ठा को पार कर लिया। यह गांव-गांव से आए बच्चों और उनके परिजनों के साथ अन्याय है। पूर्व आईएएस ने आरोप लगाया कि जब देश के दूसरे राज्य पीएससी के स्‍टैंडर्ड को मैच करके अपनी क्वालिटी और पारदर्शिता में सुधार ला रहे हैं। लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार और स्तरहीन की स्थिति निर्मित हो रही है।

अफसरों की कमी से जूझ रहा G20 सचिवालय!

भारत में G20 के क्षेत्रीय सम्मेलन और बैठकों का दौर इन दिनों काफी चल रहा है। लेकिन G20 सचिवालय अफसरों की कमी से जूझ रहा है। हाल ही में 12 IRS इंकम टैक्स सेवा के अधिकारीयों की पोस्टिंग की गयी है। लेकिन सचिवालय को अभी और अफसरों की जरूरत है। यहां अफसरों की डेपुटेशन पोस्टिंग अगले साल मार्च तक की जा रही है।

अवकाश बाद क्या संसद का सत्र नये भवन में शुरू होगा!

हालांकि संसद का बजट सत्र जारी है और लगभग एक माह बाद सत्र फिर से शुरू होगा। लेकिन मुख्य प्रश्न यह है कि अवकाश बाद सत्र क्या नये भवन में शुरू होगा? यह प्रश्न इसलिए उठ रहा है कि लोकसभा अध्यक्ष पिछले साल गर्मियों में कह चुके थे कि बजट सत्र नये भवन मे शुरू होने की संभावना है। भवन की साज सज्जा तथा अन्य कार्य तेजी से चल रहे हैं। अब सबकी नजरें सरकारी घोषणा की ओर है।

डॉ मनोहर अगनानी को लेकर मीडियावाला की खबर पर लगी मुहर

भारतीय प्रशासनिक सेवा के हाल ही में VRS लेने वाले अधिकारी मध्य प्रदेश केडर के डॉ मनोहर अगनानी के बारे में हमने इसी कॉलम में लिखा था कि वे VRS के बाद किसी बड़े कारपोरेट घराने में ज्वाइन करेंगे।

Manohar Agnani 1

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगनानी के देश के अग्रणी और सुप्रसिद्ध कारपोरेट घराने विप्रो में ज्वाइन करने की खबरें आ रही है।