Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista:ओपिनियन पोल और भाजपा का चुनाव चिंतन
अगले विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी, इसे लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। लेकिन, इसका इशारा कुछ ओपिनियन पोल से भी मिल रहा है। सामने आए ओपिनियन पोल भी इस बात की तरफ इशारा कर रहे हैं कि माहौल किस तरफ है। फ़िलहाल दो ओपिनियन पोल का जिक्र जिनसे कांग्रेस के सत्ता में आने का संकेत मिल रहे है।
एबीपी न्यूज़-सी वाटर और ज़ी न्यूज़ के सर्वे संकेत दे रहे हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना ज्यादा है। जी-न्यूज और एबीपी-सी वोटर के सर्वे के बाद निश्चित रूप से भाजपा ने चिंतन शुरू कर दिया होगा। संभवतः इस स्थिति से मुकाबले के लिए ही प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री की प्रदेश में सभाएं बढ़ी हैं। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे बढ़ाए जा रहे हैं। चुनाव के शेष बचे 10 दिनों को लेकर बीजेपी अब नई रणनीति बनाने पर भी विचार कर रही है।
कांग्रेस सत्ता में आए या नहीं आए, जयवर्धन का पलड़ा रहेगा भारी !
प्रदेश में यदि कांग्रेस की सरकार बनी तो घोषणा के मुताबिक कमलनाथ का मुख्यमंत्री बनना तय है। कांग्रेस के पास उनके अलावा कोई प्रभावशाली नाम भी नहीं है। उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने का कारण यह भी है कि पिछली बार भी वे हारे नहीं थे, बल्कि उनकी सरकार को राजनीतिक धोखे से खंडित किया गया था। लेकिन, कयासों के मुताबिक, दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह के सरकार में नंबर-2 बनने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
क्योंकि, चुनाव में जिस तरह दिग्विजय सिंह की भूमिका है और उम्मीदवारों के चयन में उनका दखल हुआ, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि जयवर्धन आने वाले समय में प्रभावशाली भूमिका में आने वाले हैं। इस बार चुनाव मैदान में दो दर्जन से ज्यादा कांग्रेस के दिग्गज उतरे हैं। इनमें से ज्यादातर वे यंग नेता हैं, जो कमलनाथ की 15 महीने की सरकार में मंत्री रहे।
अगर कांग्रेस सत्ता में नहीं भी आती है तब भी कांग्रेस में जयवर्धन मुख्य भूमिका में होंगे। अभी यह कहना जल्दबाजी होगी पर प्रदेश कांग्रेस में जयवर्धन सिंह का सितारा बुलंदी पर कहा तक जा सकता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पलायन के बाद अब उनके रास्ते में कोई बड़ी अड़चन भी नजर नहीं आ रही। इस बार का चुनाव कांग्रेस के कई नेताओं के लिए आखिरी चुनाव कहा जा सकता है उसके बाद जिन भविष्य के नेताओं की उम्मीद की जा रही है उनमें सबसे आगे नाम जिसका है वे जयवर्धन सिंह ही है। वे पीसीसी के अध्यक्ष भी बनाएं जा सकते है?
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चुनाव के संभावित नतीजे और ब्यूरोक्रेसी!
मध्य प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों, विशेष कर वल्लभ भवन में इन दोनों एक ही चर्चा है की अगली सरकार किसकी बनेगी? अधिकारी समूह में बैठकर तरह-तरह के गणित और कयास लगा रहे हैं। देश के दो बड़े मीडिया चैनल में ओपिनियन पोल में कांग्रेस की सरकार बनने के संकेत दिखाई देने के बाद भाजपा की तरफ झुकाव वाले कई अफसरों ने अपने आप में बदलाव लाना शुरू कर दिया है। इसके अलावा वे अपने पुराने कांग्रेसी संपर्कों को भी तलाशने लगे हैं और उन्हें जीवंत करने की कोशिश में हैं, ताकि सरकार बदले तो इसका असर उनकी स्थिति पर न पड़े।
इसके बावजूद कुछ अफसर लम्बे समय से कांग्रेस की आंखों में किरकिरी बने हुए है, जो खुलकर भाजपा के समर्थन में बात करते रहे हैं। नई हवा को देखते हुए वे सबसे ज्यादा संकट में है कि अपनी पहचान को कैसे बदल पाएंगे। इन दिनों ब्यूरोक्रेसी में सबसे ज्यादा बातचीत इसी को लेकर चल रही है कि 3 दिसंबर को क्या होगा! निश्चित रूप से कुछ के लिए ख़राब तो कुछ के लिए अच्छा भी होगा।
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पूर्व IPS पवन जैन भी निराश हुए!
इस बार संभावना थी कि मध्यप्रदेश में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां कुछ ब्यूरोक्रेट्स को टिकट देकर चुनाव लड़ाएंगी। इस उम्मीद में कुछ रिटायर आईएएस और आईपीएस ने इन पार्टियों की सदस्यता भी ले ली थी और कुछ ने वीआरएस तक ले लिया था। पर, सभी को निराश होना पड़ा। न तो भाजपा ने किसी को टिकट दिया न कांग्रेस ने।
इन सब के बावजूद मध्य प्रदेश में DGP रैंक से रिटायर हुए अधिकारी पवन जैन को पूरी उम्मीद थी कि वह राजस्थान में राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से टिकट प्राप्त कर लेंगे। उन्होंने इसके लिए पिछले कई महीनो से बड़े तैयारी कर रखी थी लेकिन जब सूची आई उनका नाम नदारद था।
भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के अधिकारी पवन जैन को पूरी उम्मीद थी कि भाजपा उन्हें मौका देगी, पर ऐसा नहीं हुआ। पवन जैन अपनी कविताओं को लेकर भी अलग पहचान रखते हैं। वे देश के उन चुनिंदा कवियों में है, जो गणतंत्र दिवस पर लाल किले की प्राचीर से 14 बार कविता पाठ कर चुके हैं।
राजस्थान के धौलपुर जिले की जिस राजाखेड़ा सीट से उन्हें भाजपा का टिकट मिलने की उम्मीद का बड़ा कारण यह था कि पिछले 67 साल से यहां भाजपा नहीं जीती। इस सीट पर एक ही परिवार का बरसों से कब्जा है। पवन जैन राजाखेड़ा के ही रहने वाले हैं। उन्होंने पुलिस सेवा मध्यप्रदेश में की, पर वे लंबे समय से इस इलाके की सामाजिक गतिविधियों से जुड़े रहे। लेकिन, जिस मकसद से उन्होंने मेहनत की उसका उन्हें प्रतिफल नहीं मिला। ऐसे में आप यहां देखना दिलचस्प होगा कि पवन जैन अब आगे की भूमिका में रहते हैं।
भोपाल कलेक्टर की मतदान प्रतिशत बढ़ाने की अनूठी योजना
वैसे तो देश के कई जिलों में मतदान प्रतिशत बढ़ाने की अलग-अलग योजनाएं, नवाचार और प्रयास किया जा रहे हैं लेकिन कलेक्टर भोपाल ने एक नए नवाचार को कर, अपने अधिकारियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई योजना शुरू की है जो मतदान प्रतिशत बढ़ाने में काफी कारगर सिद्ध हो सकती है।
जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने भोपाल जिले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मतदान प्रतिशत वृद्धि प्राप्त करने वाले 5 बी.एल.ओ. को प्रति बी.एल.ओ. राशि रूपये 25 हजार रुपये तथा प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मतदान प्रतिशत वृद्धि प्राप्त करने वाले एक सेक्टर ऑफिसर को राशि रूपये 50 हजार रूपये तथा प्रशंसा पत्र प्रदान किया जाएगा। जाहिर है इस राशि और प्रशंसा को प्राप्त करने के लिए सभी अधिकारी कर्मचारी अपने स्तर पर पूरा प्रयास करेंगे और इससे निश्चित ही मतदान प्रतिशत बढ़ेगा।
दिल्ली में जबरदस्त वायु प्रदूषण और चुनाव में व्यस्त नेता
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र पिछले शुक्रवार से जबरदस्त वायु प्रदूषण की चपेट में हे। सरकारों को कुछ सूझ नहीं रहा कि इससे निपटने के लिए क्या कारगर उपाय किए जांऐ। राजनीतिक बयानबाजी तथा आरोप – प्रत्यारोप का दौर जम कर चल रहा है। दिल्ली सरकार ने 10 नवंबर तक स्कूलों में अवकाश घोषित करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली।
वास्तव में दिल्ली सरकार के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं है। मुख्यमंत्री केजरीवाल दो साल पहले तक पंजाब में जलने वाली पराली को जिम्मेदार बता कर उस समय कुछ कांग्रेस सरकार को नाकाम बता रहे थे। चूंकि अब पंजाब मे आप की ही सरकार है पराली जलाने की घटनाएं भी खूब हो रही है इसलिए आप के नेताओं की बोलती बंद है। बहरहाल प्रदूषण को रोकने के लिए खानापूर्ति और दिखावे के तो कुछ उपाय हो रहै। लेकिन जमीनी स्तर पर उनका कोई खास असर नहीं दिख रहा है।
1987 बैच के अजय तिर्की दिसंबर में होंगें रिटायर
मध्य प्रदेश काडर के आईएएस अधिकारी अजय तिर्की इस वर्ष दिसंबर में रिटायर हो रहे हैं। वे केंद्र में भूमि संसाधन विभाग के जुलाई 2020 से सचिव है। उसके पहले वे मई में महिला तथा बाल विकास मंत्रालय के सचिव नियुक्त हुए थे लेकिन इस पद पर वे ढाई महीने ही रह सके थे। तिर्की 1987 बैच के आईएएस अधिकारी है। वे साढ़े तीन साल से अधिक समय तक केंद्र मे सचिव रहेंगे।
इसी बैच के मध्य प्रदेश कैडर के सभी अधिकारी रिटायर हो चुके हैं। जिनमें मनोज श्रीवास्तव, प्रवीर कृष्ण आदि शामिल है।
भगवान और राजा की तरह व्यवहार करते कलेक्टर और कमिश्नर
गुजरात हाईकोर्ट की एक टिप्पणी, जिसमें यह कहा गया है कि ‘ कलेक्टर और कमिश्नर भगवान और राजा की तरह व्यवहार करते है’ ने देश की सरकारों को बगलें झाकने पर मजबूर कर दिया। हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और अनुराधा मेयी की पीठ ने कहा कि आम नागरिक तो थाने सीधे संपर्क ही नही कर सकता।
पीठ ने जानना चाहा कि राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के प्रति जनता को जागरूक बनाने के लिए राज्य सरकार ने क्या ठोस कदम उठाए? इस प्राधिकरण का गठन सुप्रीम कोर्ट निर्देश के बाद राज्यों को करना है ताकि पुलिस की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी जा सके। अदालत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पूरी तरह पालन किया जाना चाहिए और जनता को इसकी जानकारी देने के लिए अभियान भी चलाते रहना चाहिए।
हाईकोर्ट इस बात से काफी खफा था कि पुलिस ने राज्य में एक युगल को केवल इसलिए प्रताड़ित किया कि वे आधी रात में क्यों घूम रहे हैं। आरोप है कि उनसे 60,000 रुपये भी ऐंठ लिए। हाईकोर्ट ने इस घटना का स्वत: सज्ञान लिया और राज्य सरकार को पुलिस की इस कथित मनमानी पर जम कर लताड़ लगाई।