Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: PM’s MP Visit: मंत्रियों में घबराहट क्यों?

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Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: PM’s MP Visit: मंत्रियों में घबराहट क्यों?

भारतीय जनता पार्टी ने अपनी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। पिछले दिनों सीएम हाउस में देर रात तक भाजपा और संघ के नेताओं ने चुनाव स्ट्रेटजी को लेकर मैराथन मीटिंग हुई। इस मीटिंग में एक महत्वपूर्ण मुद्दा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 24 अप्रैल को होने वाला रीवा दौरा। नरेंद्र मोदी के दौरे का कारण पंचायत राज दिवस पर होने वाला एक बड़ा आयोजन है, जिसमें दो लाख पंचायत प्रतिनिधि शामिल होंगे। लेकिन, माना जा रहा है कि इस दौरे का मूल मकसद विंध्य में भाजपा को मजबूती देना है। लेकिन, इस दौर को लेकर शिवराज सरकार के मंत्रियों में भारी घबराहट है। माना जा रहा है कि इस दौरे में PM के सामने हर मंत्री का रिपोर्ट कार्ड पेश होगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों को हिदायत भी दे दी है। यही कारण है कि मंत्रियों की नींद उड़ी हुई है।

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: PM's MP Visit: मंत्रियों में घबराहट क्यों?

इस मीटिंग में जनहित वाली सरकारी योजनाओं पर ज्यादा जोर देने पर बातचीत हुई। सभी प्रभारी मंत्रियों को एक रात अपने प्रभार वाले जिलों में गुजारने को कहा गया। यह बात से पहले भी हुई थी, लेकिन अभी तक कोई मंत्री किसी गांव में जाकर नहीं रुका! देर रात तक की मीटिंग में प्रदेश की उन कमजोर सीटों को लेकर भी बात हुई, जहां भाजपा लंबे समय से लगातार चुनाव हार रही है। मीटिंग में इसके कारण ढूंढने पर बात हुई!

इसके अलावा ‘लाडली बहना योजना’ के बारे में भी सीएम मुख्यमंत्री ने जानकारी दी, कि यह योजना चुनाव में कितनी फायदेमंद साबित होगी। बताते हैं कि संघ ने इस योजना की जमकर तारीफ की। अब देखना है कि इस मीटिंग के बाद भाजपा में क्या बदलाव आता है!

नरोत्तम मिश्रा आजकल आखिर ‘लो प्रोफाइल’ में क्यों?

 गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा इन दिनों कुछ टेंशन में होने के साथ ही लो प्रोफाइल में है , जो शायद स्वाभाविक भी है। सुप्रीम कोर्ट में उनके राजनीतिक भविष्य का फैसला जो होना है। दतिया चुनाव के दौरान पेड न्यूज मामले में इस बार सुप्रीम कोर्ट में फैसले की घड़ी है। इसी महीने दो बार फैसला टल गया, अब 19 अप्रैल तिथि निर्धारित हुई है माना जा रहा है कि इस दिन अंतिम रूप से इस मामले में फैसला हो जाएगा। इससे पहले 2 मार्च और 12 अप्रैल की तारीख तय क थी लेकिन अंतिम फैसला नहीं आया। यदि फैसला अनुकूल नहीं आता, तो नरोत्तम मिश्रा का राजनीतिक कैरियर दांव पर लग सकता है। विधायकी भी जा सकती है?

Vallabh Bhawan Corridors To Central Vista: PM's MP Visit: मंत्रियों में घबराहट क्यों?

बता दें कि 2017 में चुनाव आयोग ने नरोत्तम मिश्रा को इस मामले में दोषी मानते हुए तीन साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाई थी। दिल्ली हाईकोर्ट में हार के बाद उन्होंने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर 19 अप्रैल को फैसला होना है।

89 बैच के 3 IAS अफसर एक लाइन में

भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1989 बैच के तीन अधिकारी अब एक लाइन में रहने आ गए हैं यानि वे आस पास हो गए हैं, अब पड़ोसी बन गए हैं । दरअसल 1989 बैच के अफसर अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान अब चार इमली स्थित मुख्य सचिव के बंगले B-15 में पहुंच गए हैं। इसी बैच के जेएन कंसोटिया अपर मुख्य सचिव पहले से ही मुख्य सचिव के निर्धारित आवास B-13 में रह रहे हैं।

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इन दोनों आवासों के बीच इसी बैच के एक अन्य अधिकारी अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग विनोद कुमार B-14 में पहले से रह रहे हैं। इस तरह से देखा जाए तो 89 बैच के तीनों अधिकारी अब एक लाइन में आस-पड़ोस में रहने लगे हैं।

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बता दे कि जिस बंगले में सुलेमान रहने आए हैं उसी बंगले में तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती कई सालों तक रहे है। इसी प्रकार जिस बंगले में कंसोटिया रहते हैं उसमें परशुराम से लेकर गोपाल रेड्डी तक कई तत्कालीन मुख्य सचिव रह चुके हैं। विनोद कुमार जिस बंगले में रहते हैं उसमें कभी पूर्व मुख्य सचिव और तत्कालीन रेरा अध्यक्ष एंटोनी डिसा रहे हैं।
यह भी एक संयोग ही है कि चार इमली में ही सुलेमान के पास वाले बंगले B16 में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा रहते हैं।

ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने राज्यपाल का नाम क्यों लिखा! 

ग्वालियर में 16 अप्रैल को हुए बाबासाहेब आंबेडकर जयंती कार्यक्रम में ग्वालियर-चंबल संभाग के 8 जिलों से लाई जाने भीड़ के लिए ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एस के झा ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखा। इस पत्र में भीड़ जुटाने के लिए बस किराए के नाम पर 6 करोड़ 18 लाख रुपए मांगे गए।

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सबसे आश्चर्य की बात है कि इस पत्र में राज्यपाल को मुख्य अतिथि बताया गया, जबकि उनके इस आयोजन में जाने का कोई प्रोग्राम तय नहीं था और न वे वहां गए भी! इस मामले को सबसे पहले ‘मीडियावाला’ ने ही पत्र के साथ ब्रेक किया था! ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने राज्यपाल के आने का उल्लेख किस जानकारी के तहत किया, इसे लेकर काफी हड़कंप भी मचा था। सियासी और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा रही कि पत्र से राज्यपाल के नाम का उल्लेख कर उनकी गरिमा का ध्यान नहीं रखा गया ।

इस पत्र को लेकर जमकर राजनीति भी हुई। लेकिन, अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं मिला कि आखिर राज्यपाल का नाम क्यों और क्या सोचकर लिखा गया था।


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वरिष्ठ IAS अजय तिर्की की अपनी अलग ही पीड़ा!

भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर जाकर सुखी रहते हैं। लेकिन, मध्य प्रदेश कैडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी अजय तिर्की दिल्ली में बहुत परेशान हैं। परेशानी के दो कारण हैं, पहला ये कि वे मध्यप्रदेश नहीं लौट पा रहे। वे प्रदेश में सीनियर मोस्ट IAS अधिकारी (बैस के बाद) है, पर न तो मुख्य सचिव बन पा रहे हैं और न किसी और कैपेसिटी में उनकी वापसी संभव हो पा रही है।

दिल्ली में भी वे ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत एक छोटे से विभाग ‘भूमि सुधार’ के सेक्रेटरी हैं। उससे भी पीड़ा देने वाली बात ये कि उनका बॉस उनसे चार साल जूनियर 1991 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी शैलेश सिंह हैं। जाहिर है कि न चाहते हुए उन्हें 4 साल जूनियर अधिकारी के अंडर में काम करना पड़ रहा हैं। गृह योग कुछ ऐसे हैं कि वे केंद्र में किसी बड़े विभाग या मंत्रालय के सचिव भी नहीं बन पा रहे।

1987 बैच के आईएएस अधिकारी अजय तिर्की

अजय तिर्की इसी साल दिसंबर में रिटायर होने वाले हैं। वे अब इस कोशिश में लगे हैं कि रिटायरमेंट के पहले केंद्र में कोई अच्छा विभाग या मंत्रालय में पदस्थ हो जाए। क्योंकि, उनके मध्य प्रदेश वापसी के दरवाजे लगभग बंद हो गए। लेकिन, केंद्र में भी कहीं और जा नहीं पा रहे!

वरिष्ठ IPS कैलाश मकवाना किशोर कुमार से कम नहीं!

वरिष्ठ आईपीएस कैलाश मकवाना किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वे अभी तक जहां भी रहे, अपनी पहचान छोड़कर आए हैं। जब वे लोकायुक्त में थे, उनकी कार्रवाइयों से कई अफसरों में भारी घबराहट के किस्से मशहूर हैं। अब वे पुलिस हाउसिंग में हैं, तो वहां भी उनके कामकाज को सराहा जा रहा है। लेकिन, वे गाने के शौकीन हैं, ये बात शायद कई लोगों को पता नहीं!

वे अकसर गाते रहते हैं और उसके वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने भी नहीं चूकते! हाल ही में उन्होंने अमिताभ बच्चन की लोकप्रिय फिल्म ‘मुकद्दर सिकंदर’ का चर्चित गाना ‘ओ साथी रे, तेरे बिना भी क्या जीना’ गाया और उसका वीडियो ट्विटर पर शेयर भी किया। अब कोई उनसे ये न पूछे कि ये गाना मकवाना जी ने किस साथी के लिए गाया!

केंद्र में अप्रैल माह यानी छुट्टियों का मूड
संसद का बजट सत्र तो समाप्त हो गया लेकिन अप्रैल का महीना अभी छुट्टियों के मूड में है। कई अवकाश होने के कारण स्टाफ भी लंबी छुट्टियां लेने से नहीं चूकता। परिणाम कार्यालयों में आधा अधूरा स्टाफ। जानकारों का कहना है कि ईद के बाद ही कार्यालयों में उपस्थित सामान्य होने की संभावना है।

कोठारी आज होंगे कार्यमुक्त
मध्य प्रदेश काडर के IAS अधिकारी डाक्टर नवनीत मोहन कौठारी के केंद्रीय डेपुटेशन की अवधि समाप्त हो रही है। वे सोमवार 17 अप्रैल को पैद्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्रालय से कार्य मुक्त हो जाऐंगे जहाँ पर फिलहाल वे संयुक्त सचिव के पद पर पदस्थ है। डाक्टर कोठारी को डेपुटेशन अवधि में पहले दो साल का विस्तार मिल चुका था।

दिल्ली पुलिस में तबादले की एक और सूची अब कभी भी
दिल्ली पुलिस में तबादले की एक और सूची जारी हो सकती है। संभावना है कि ईद के बाद करीब एक दर्जन IPS अधिकारी इधर से उधर हो सकते हैं। मन माफिक पद पाने के लिए लाबिंग भी खूब चल रही है।

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Suresh Tiwari
सुरेश तिवारी

MEDIAWALA न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी मीडिया के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है। वे मध्यप्रदेश् शासन के पूर्व जनसंपर्क संचालक और मध्यप्रदेश माध्यम के पूर्व एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहने के साथ ही एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी और प्रखर मीडिया पर्सन हैं। जनसंपर्क विभाग के कार्यकाल के दौरान श्री तिवारी ने जहां समकालीन पत्रकारों से प्रगाढ़ आत्मीय रिश्ते बनाकर सकारात्मक पत्रकारिता के क्षेत्र में महती भूमिका निभाई, वहीं नए पत्रकारों को तैयार कर उन्हें तराशने का काम भी किया। mediawala.in वैसे तो प्रदेश, देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खबरों को तेज गति से प्रस्तुत करती है लेकिन मुख्य फोकस पॉलिटिक्स और ब्यूरोक्रेसी की खबरों पर होता है। मीडियावाला पोर्टल पिछले सालों में सोशल मीडिया के क्षेत्र में न सिर्फ मध्यप्रदेश वरन देश में अपनी विशेष पहचान बनाने में कामयाब रहा है।