VC Resignation controversy: कुलपति ने भले ही इस्तीफा दिया हो लेकिन वास्तव में सरकार ने उन्हें हटाया, जानिए वजह
Bhopal : मध्यप्रदेश में महू स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो आशा शुक्ला ने इस्तीफा जरूर दिया है लेकिन वास्तविकता यह भी है कि उन्हें राज्य शासन ने आर्थिक अनियमितताओं के आरोप में हटा दिया है।
प्रो शुक्ला ने अपने इस्तीफे में लिखा कि वे स्वेच्छा से इस्तीफ़ा दे रही हैं। जबकि, उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेश में विश्वविद्यालय में धारा 44 लागू करते हुए विश्वविद्यालय का प्रशासन अपने आधिपत्य में लेने की बात कही गई है।
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रो शुक्ला के खिलाफ वित्तीय अनियमितता के आरोप थे। इसी वजह से विश्वविद्यालय में धारा 44 लगाते हुए प्रोफेसर आशा शुक्ला को हटाया गया है। राज्य सरकार ने वित्तीय अनियमितता की शिकायत मिलने के बाद जांच कराई थी। जिसमें आरोप सही साबित होने पर विश्वविद्यालय में धारा 44 लगाकर कार्रवाई की गई है।
देखिए वीडियो क्या कह रहे हैं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव
उच्च शिक्षा विभाग के मंत्री ने एक वीडियो जारी कर कहा कि कोई भी अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। कुलपति के कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितता की शिकायत सरकार को मिली थी। जांच में दोष सिद्ध पाया गया।
जानकारी के मुताबिक, कुलपति के कार्यकाल में अनियमितता की शिकायत की इंदौर के संभाग आयुक्त से जांच करवाई गई थी। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कुलपति के खिलाफ कार्रवाई की गई। उन पर पंचायत राज प्रशिक्षण के दौरान बिना विधिवित प्रक्रिया का पालन कर राशि खर्च करने, परामर्श एवं अतिथि विद्धानों की नियुक्ति में अनियमितता, बिना सक्षम स्वीकृति के विश्वविद्यालय में अध्ययनशालाओं का गठन करने के संबंध में आरोप लगे थे।
कुलपति पर जांच के दौरान शिकायतों के संबंध में मूल दस्तावेज भी जांच समिति को उपलब्ध नहीं कराने का आरोप है। इससे पहले प्रो आशा शुक्ला भोपाल की बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय में विभाग अध्यक्ष थीं। उस समय भी उन पर इसी तरह के आरोप लगे थे।
उच्च शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव सचिव शैलेंद्र सिंह ने आज जारी अपने आदेश में कहा कि डॉ बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू के कार्यकलापों के प्रबंधन के संबंध में उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट तथा सामग्री के आधार पर राज्य सरकार का यह समाधान हो गया है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई, जिसमें विश्वविद्यालय का प्रशासन डॉ बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2015 (क्रमांक 2 2016) के उपबंधों के अनुसार विश्वविद्यालय के हितों का उपाय किए बिना नहीं चलाया जा सकता। विश्वविद्यालय के हित में ऐसा करना समीचीन है।
डॉ बीआर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय अधिनियम 2015 (क्रमांक 2 सन 2016) की धारा 44 की उपधारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य शासन निर्देश देती है कि उक्त अधिनियम की धारा 44 की उपधारा (2), (3), (4) और (5) के उपबंध विश्वविद्यालय को 28 जनवरी से लागू होंगे।
जो इस्तीफे में लिखा गया
जबकि, कुलाधिपति को भेजे अपने इस्तीफे में प्रो आशा शुक्ला ने लिखा है ‘आपके मार्गदर्शन से विश्वविद्यालय आज राष्ट्रीय क्षितिज पर अकादमी ऊंचाइयों पर स्थापित हो चुका है। मैंने 3 वर्षों में रात दिन परिश्रम करके विश्वविद्यालय को इतनी ऊंचाइयों पर अपने सहयोगियों के साथ पहुंचाया है। मैं अपने निजी कारणों से अब आगे सेवाएं निरंतर रखने में असमर्थ हूं। कृपया मेरा त्यागपत्र स्वीकार कीजिए।
*इस संबंध में शासन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति इस प्रकार है:*
डॉ. बी.आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू में धारा 44 लागू,
राज्य शासन ने कुलपति डॉ. आशा शुक्ला को हटाया
भोपाल : 28 जनवरी, 2022
राज्य शासन द्वारा डॉ. बी.आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू में अनियमितताओं के कारण कुलपति डॉ. आशा शुक्ला को हटाते हुए धारा 44 लागू कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. आशा शुक्ला के विरुद्ध प्राप्त प्रशासनिक और आर्थिक अनियमितताओं की शिकायतें इंदौर संभागायुक्त द्वारा की गई जाँच मंं सही पाई गई है। जाँच में पंचायत राज प्रशिक्षण के दौरान बिना विधिवत प्रक्रिया अपनाए व्यय, परामर्श एवं अतिथि विद्वानों की नियुक्ति में भी विधिवत प्रक्रियाओं का पालन न करना, बिना सक्षम स्वीकृति के विश्वविद्यालय में अध्ययन शालाओं का गठन, जाँच के दौरान शिकायतों के संबंध में मूल दस्तावेज़ जाँच समिति को उपलब्ध नहीं कराने आदि शिकायतें सही पाई गयी थी।
*डॉ.डी.के.शर्मा कुलपति नियुक्त*
इसी बीच राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने डॉ. बी.आर. अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू जिला इंदौर का कुलपति प्राध्यापक शासकीय होल्कर साइंस कॉलेज डॉ. डी.के. शर्मा को नियुक्त किया है।