View of Destruction from Water : पानी उतरा तो दिखा बर्बादी का नजारा, अब तक 45 इंच बारिश!
Indore : शहर में कहर बरपाने के बाद रविवार को हल्की बारिश हुई। लेकिन, सोमवार को दिनभर बारिश नहीं हुई पर शाम को फिर पानी आया। पिछले 24 घंटे में इंदौर में सिर्फ 8 मिमी बारिश हुई। अब तक इंदौर में 45 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी। यह बारिश के सामान्य कोटे से 8 इंच ज्यादा है। जबकि, जिले में सबसे ज्यादा बारिश 65 इंच दर्ज की गई।
मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से उठा सिस्टम इंदौर-उज्जैन संभाग में कमजोर पड़ गया। रविवार को यह लो प्रेशर के रूप में एक्टिव रहा, पर सोमवार को मौसम साफ़ है और धूप भी निकली। लेकिन, सोमवार को संभाग में कहीं-कहीं तेज बारिश का अनुमान भी लगाया गया। बारिश रुक गई, पर पानी उतरने के बाद की मुसीबत सामने आई। चंबल नदी में आई बाढ़ से देपालपुर क्षेत्र की करीब 200 बीघा की सोयाबीन फसल बर्बाद हो गई।
देपालपुर के उत्तरासी गांव के हालात भी खराब है। यहां चंबल नदी की बाढ़ के कारण आसपास के गांवों में लगी सोयाबीन की फसलें खराब हो गई।किसानों का कहना है खेतों में जल भराव होने से अब फसलों को नया जीवन मिलना मुश्किल है। ग्रामीण क्षेत्रों में नदी, नालों और तालाब उफान पर हैं और यहां का पानी मुसीबत बना हुआ है। जिले में सबसे ज्यादा बारिश देपालपुर क्षेत्र में हुई। इस मौसम में देपालपुर में अभी तक 68 इंच से ज्यादा बारिश हुई। इस दौरान जहां 50 से ज्यादा गांवों की सोयाबीन की फसलों को नुकसान हुआ है वहीं यहां शाहपुरा गांव ऐसा है जहां सबसे ज्यादा अभी भी पानी भरा है।
शहर की निचली बस्तियों की हालत ज्यादा खराब है। घरों के सामने कीचड़ ही कीचड़ दिखाई दे रहा है। रविवार का दिन लोगों ने बिखरा सामान व्यवस्थित करने में लगाया। कई घरों में अंदर तक पानी घुसने से गृहस्थी बर्बाद हो गई। कबूतरखाना, नॉर्थतोड़ा, कुशवाह नगर, महेश नगर व चंदन नगर की बस्तियों के जिन परिवारों को शिफ्ट किया था, वे रविवार सुबह घर तो लौटे, पर हालात रहने लायक नहीं है। शाम को सब वापस धर्मशालाओं लौट आए।
शहर के कुछ इलाकों में अभी भी पानी भरा है। सियागंज, चंदन नगर से लेकर नॉर्थ तोड़ा सहित कई कॉलोनियों में कमर तक पानी जमा है। इससे व्यापार पर असर हुआ। क्योंकि लोग दुकान ही नहीं खोल सके। शनिवार को भी इसी वजह से दुकानें बंद थीं। रविवार को भी यही स्थिति रही। एमटीएच अस्पताल का तलघर तालाब बन चुका है। करंट न फैले, इसलिए चारों लिफ्ट बंद करना पड़ी। गर्भवती व डॉक्टरों को सीढ़ियों या रैंप का इस्तेमाल करना पड़ेगा। पानी निकालने के लिए नगर निगम से मशीन बुलाई गई। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक पानी निकालने में 4 दिन और लगेंगे।