श्रीनगर के लाल चौक पर कश्मीरी पंडितों क़ी लक्षित हत्याओं को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन।

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कश्मीरी पंडितों ने श्रीनगर में भारी तादात में अपनी माँगो को लेकर लाल चौक पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने श्रीनगर के राजबाग से लाल चौक तक रैली निकाली और नारे बाज़ी करते हुए अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। लाल चौक में बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित एकत्रित हुए।

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कश्मीरी पंडितों ने भाजपा, डीसी बडगाम, और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इन लोगों में हाल ही में कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या पर अभी तक कोई ठोस कार्यवाही न होने पर अपना रोष जताया।

ग़ौरतलब है कि आज कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट की हत्या का दसवां दिन है। प्रदर्शनकारियों ने राहुल भट की हत्या के दसवें दिन झेलम नदी में फूल विसर्जित कर उन्हें श्रद्धांजली दी।
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अपना रोष प्रदर्शित करते हुए कश्मीरी पंडितों ने अनंतनाग के मट्टन स्थित मार्तंड सूर्य मंदिर में सामूहिक मुंडन भी करवाया।

*लक्षित हत्याओं से भयभीत कश्मीरी पंडित कठोर असंविधानिक़ बांड रद्द करने पर अड़े…*
कश्मीरी पंडितों की माँग थी की घाटी में आए दिन बेगुनाहों की हत्याएं हो रही हैं। यदि सरकार दावा करती है कि श्रीनगर में हालात क़ाबू में हैं तो घाटी में लक्षित हत्याओं का ग्राफ क्यों बढ़ रहा है? कश्मीरी पंडितों की माँग थी की कर्मचारियों से नियुक्ति के समय भरवाया गया कठोर असंविधानिक़ बांड रद्द किया जाट, जुड़ने यह लिखा था की “जब तक घाटी में हालात पूरी तरह नहीं सुधरते तब तक आपके साथ कुछ भी होता है तो आप कश्मीर नहीं छोड़ेंगे”।

*कश्मीरी पंडितों क़ी घाटी से बाहर स्थानांतरित करने की माँग…*
कश्मीरी पंडितों पर हो रहे हमलों को देखते हुए प्रदर्शनकारियों ने कर्मचारियों की सुरक्षित स्थानों पर तैनाती की मांग पर अड़े हुए हैं। राहुल भट की हत्या के बाद से ही पीएम पैकेज कर्मचारियों का मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी है। उनका कहना है कि “उन्हें भारत में कहीं भी लेकिन कश्मीर घाटी के बाहर स्थानांतरित किया जाए क्योंकि वे घाटी में सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं।”

*जहां एक तरफ़ केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ मिलकर घाटी में कश्मीरी पंडितों को बसाने की कोशिश में लगी है, वही दूसरी ओर कश्मीरी पंडितों की लक्षित हत्याए चिंता का विषय बनी हुई है। देखना होगा कि राज्य सरकार द्वारा हालात क़ाबू होने की बात कहा तक सच साबित होगी।*

*किरण कापसे*
(स्थंभकार, विश्लेषक, एवं वरिष्ठ पत्रकार)