शुभंकर तो साबित हुए हैं विष्णु…संगठन के लिए भी और शिव के लिए भी …

1104
15 फरवरी 2020, जब खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया, तब प्रदेश भाजपा कार्यालय करीब 14 महीने तक सत्ता से वनवास के चलते गमगीन और उदास था। पर विष्णु के आते ही यह उदासी का माहौल तब खुशी में बदल गया, जब पहले ही दिन मंदसौर नगर पालिका में भाजपा को निर्विरोध जीत मिली थी। इसके बाद मानो नाम को चरितार्थ करते हुए विष्णु ने धीरे-धीरे पूरा माहौल ही खुशनुमा कर दिया। विष्णु के आने के बाद के एक महीने में तो लगातार कांग्रेस की धड़कनें ऊपर-नीचे होती रहीं।
और अंततः 20 मार्च 2020 को तो कांग्रेस सरकार का इस्तीफा ही हो गया और विष्णु को पहले ही दिन मिला शुभंकर का तमगा एक महीने में मानो अपना रंग बिखेर चुका था। और 23 मार्च 2020 को शिवराज ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तब यह साबित हो गया था कि पार्टी के साथ-साथ विष्णु पंद्रह महीने सत्ता से बाहर रहे शिव के लिए व्यक्तिगत तौर पर शुभंकर साबित हुए हैं। और दो साल पूरे होने पर अलीराजपुर नगर पालिका में बड़ी जीत के रूप में रितेश डावर के निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने पर विष्णु ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह भाजपा के लिए शुभंकर थे, शुभंकर हैं और शुभंकर रहेंगे।
सरकार बनने के बाद कोरोना की लहर शुरु हुई। फिर 28 उपचुनाव जीतने की चुनौती सामने थी और नाथ को भरोसा था कि बिकाऊ-टिकाऊ के नारे के साथ वापसी होना सुनिश्चित है। लेकिन भाजपा सरकार और संगठन ने दिन-रात अथक मेहनत कर खुद को साबित कर दिया। शुभंकर विष्णु ने कैडर बेस दल को नया रंग रूप देना शुरू कर दिया था। भाजपा का दावा है कि प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल अपार उपलब्धियों से भरा हुआ है। विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व में बूथ स्तर तक संगठन मजबूत हुआ है।
शुभंकर प्रदेश अध्यक्ष के दो वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा ने निर्विरोध अलीराजपुर नगर पालिका अध्यक्ष पद जीता है। कोरोनाकाल में हजारों कार्यकर्ताओं ने सेवा ही संगठन अभियान के माध्यम से आमजन की सेवा की। दूसरी लहर में प्रदेश अध्यक्ष ने चरणपादुकाएं पहनाई तो कार्यकर्ता भी जरूरतमंद लोगों तक निशुल्क राशन और भोजन सामग्री पहुंचाने के काम में जुटे रहे। अस्पतालों में बेड और दवाएं पहुंचाते रहे। तो कार्यकर्ता बूथ स्तर पर टीम बनाकर सक्रिय रहे। तो तीसरी लहर में भी संगठन और कार्यकर्ता मैदान संभालने को तैयार थे।
दो वर्षों में संपन्न हुए उपचुनाव में पहले 28 और फिर 4 उपचुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की है। तो दमोह उपचुनाव में मिली हार ने बड़ी सीख भी दी है, जिसका असर बाद के चार उपचुनाव में देखने को मिला। प्रदेश में 28 स्थानों पर हुए उपचुनावों में से 19 स्थानों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की। वहीं खण्डवा लोकसभा एवं जोबट, पृथ्वीपुर विधानसभा के उपचुनाव में भी विजय रथ आगे बढा। बूथ विस्तारक अभियान में बेहतर समन्वय के साथ पार्टी कार्यकर्ता हर बूथ तक सरकार की योजनाएं और पार्टी की विचारधारा पहुंचा रहे हैं। पार्टी प्रदेश के 65 हजार बूथों तक बूथ विस्तारक अभियान के जरिए पहुंच रही है।
स्व. कुशाभाऊ ठाकरे जी की जयंती के 100 वर्ष के उपलक्ष्य में संगठन पर्व मना रही है। इस अभियान में 20 हजार कार्यकर्ता विस्तारक के रूप में संगठन के विस्तार और मजबूती के लिए जुटे। इस अभियान के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश भी डिजिटल बूथ के रूप में खुद को खड़ा करने का दावा कर रही है। संगठन पर्व में पार्टी ने बड़ा लक्ष्य लेकर समर्पण अभियान शुरू किया है। जिसमें बूथ समिति के साधारण सदस्यों से लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता, जनप्रतिनिधि, समर्थक एवं पार्टी के शुभचिंतकों के सहयोग से निश्चित तौर पर रिकार्ड बनाने के लिए संकल्पित है।
पार्टी का दावा कुछ भी हो, लेकिन निष्पक्ष तौर पर यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि विष्णु संगठन को मजबूत करने के लिए जी-जान से जुटे हैं और इसका असर संगठन में दिख भी रहा है। पार्टी में अनुभवी और युवा पदाधिकारियों ने मोर्चा संभाल लिया है।विष्णु की कर्तव्य और निष्ठा के प्रति समर्पण का वक्त गवाह बना है। यहां तक कि जब भाजपा सरकार में फेरबदल की खबरें आम थीं, तो विष्णु नितांत अकेले में भी सहज तौर पर हमेशा ही विनम्रता से कहते दिखे कि संगठन की मजबूती ही हमारा लक्ष्य है। वहीं शिवराज के नेतृत्व में भाजपा सरकार की उपलब्धियों के वह हमेशा कायल रहे। शायद यही आपसी समझ है कि शिव भी विष्णु को गले से लगाकर शुभंकर कहकर हमेशा गदगद नजर आते हैं। वाकई शुभंकर तो साबित हुए हैं विष्णु…संगठन के लिए भी और शिव के लिए भी …।