MP में 99 नगरपालिका, 298 नगर परिषद अध्यक्ष अब सीधे चुनेंगे मतदाता, 3 साल में वापसी, खर्च का देना होगा ब्यौरा

पार्षद के पद पर भी जीते तो एक सप्ताह में छोड़ना होगा एक का दावा

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MP में 99 नगरपालिका, 298 नगर परिषद अध्यक्ष अब सीधे चुनेंगे मतदाता, 3 साल में वापसी, खर्च का देना होगा ब्यौरा

भोपाल: मध्यप्रदेश में अब 99 नगर पालिका और 298 नगर परिषद के अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाता करेंगे। तीन साल में इन्हें कलेक्टर के प्रस्ताव पर रिकाल किया जा सकेगा। इन्हें अब अपने चुनावी खर्च का ब्यौरा भी देना होगा। यदि कोई उम्मीदवार पार्षद और अध्यक्ष दोनो का चुनाव लड़ता है और दोनो स्थानों वे जीत दर्ज कराने पर उसे एक स्थान से एक सप्ताह में अपना जीत का दावा छोड़ना होगा।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने इस संबंध में राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी है। मध्यप्रदेश में सोलह नगर निगमों में यह नये नियम लागू नहीं होंगे।

99 नगर पालिका परिषद के 2 हजार 433 वार्ड और 6 हजार 203 मतदान केन्द्रों तथा 298 नगर परिषदों के अंतर्गत आने वाले 4 हजार 473 वार्ड में 5 हजार 714 मतदान केन्द्रों पर अब मतदाता सीधे नगरपालिका अध्यक्ष और नगर परिषद अध्यक्ष को चुनेंगे। वापस बुलाने की प्रक्रिया निर्वाचित पार्षदों की कुल संख्या के तीन चौथाई पार्षदों के हस्ताक्षर द्वारा जारी प्रस्ताव पर कलेक्टर तीन साल बाद ही उसे पद से वापस बुलाने की कार्यवाही करेगा।

नगरपालिक क्षेत्र में मदान करने वाले मतदाताओं की कुल संख्या के आधे से अधिक मतदाताओं के बहुमत द्वारा गुप्त मतदान से वापस बुलाने की प्रक्रिया होगी। चुनाव लड़ने वाले अध्यक्ष को अपना चुनावी खर्च का ब्यौरा भी देना होगा। यदि अध्यक्ष के साथ पार्षद का चुनाव भी उम्मीदवार लड़ता है और दोनो स्थानों से जीत जाता है तो एक स्थान को उसे जीतने के एक सप्ताह के अंदर छोड़ना होगा।