
Vyapam scam: इंदौर CBI कोर्ट का सख्त फैसला, 12 दोषियों को 5‑5 साल की जेल
INDORE: मध्य प्रदेश के व्यापम घोटाले में इंदौर की सीबीआई विशेष अदालत की न्यायाधीश शुभ्रा सिंह ने अहम फैसला सुनाया। अदालत ने भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के एक मामले में 12 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 5‑5 साल के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई।
यह फैसला परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने और संगठित फर्जीवाड़े को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
व्यापम घोटाला मध्य प्रदेश में आयोजित कई भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला है। इसमें असली अभ्यर्थियों की जगह फर्जी उम्मीदवारों को बैठाना, उत्तरपत्री में हेरफेर करना और साक्षात्कार प्रक्रिया में गड़बड़ी करना शामिल था। इस घोटाले से हजारों छात्रों का भविष्य प्रभावित हुआ और परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर गंभीर असर पड़ा।
*▪️ घोटाले की पृष्ठभूमि*
▫️ व्यापम यानी व्यावसायिक परीक्षा मंडल से जुड़ा यह घोटाला 2008 से 2013 तक फैला। मेडिकल, नर्सिंग, फार्मेसी, शिक्षक भर्ती और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा किया गया। विवेचना में यह सामने आया कि यह एक संगठित नेटवर्क था जिसमें परीक्षा केंद्र अधिकारी, एजेंट और फर्जी उम्मीदवार शामिल थे। नेटवर्क ने छात्रों के भविष्य को प्रभावित करके लाखों रुपए कमाए।
*▪️ आरोपियों की भूमिका*
▫️ दोषियों में स्थानीय और अन्य राज्यों के लोग शामिल थे। अदालत ने पाया कि उन्होंने फर्जी उम्मीदवारों को असली छात्रों की जगह परीक्षा में बैठाया, उत्तरपत्री बदलकर परिणाम प्रभावित किया और साक्षात्कार प्रक्रिया में गड़बड़ी की।
*▪️ जांच प्रक्रिया*
▫️ व्यापम घोटाले की जांच कई सालों तक चली। सीबीआई और विशेष जांच दल ने दस्तावेज, परीक्षा रिकॉर्ड, कॉल डिटेल और गवाहों के बयान जुटाकर आरोपी नेटवर्क उजागर किया।
जांच में यह भी सामने आया कि कई फर्जी उम्मीदवारों के पहचान पत्र और फोटो का इस्तेमाल कर छात्रों को धोखा दिया गया।
*▪️ कोर्ट में सबूत और सुनवाई*
▫️ अदालत में पेश किए गए सबूतों में परीक्षा केंद्र के रिकॉर्ड, गवाहों के बयान और तकनीकी सबूत शामिल थे। अदालत ने पाया कि दोषियों ने छात्रों के भविष्य को प्रभावित करने के लिए संगठित और योजनाबद्ध तरीके से काम किया। कोर्ट ने कहा कि यह संगठित फर्जीवाड़ा केवल आर्थिक लाभ के लिए किया गया और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
*▪️ फैसला और सजा*
▫️ अदालत ने सभी 12 आरोपियों को दोषी मानते हुए 5 वर्ष का सश्रम कारावास और जुर्माना सुनाया।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह सजा अपराध की गंभीरता को दर्शाती है और भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़े के लिए चेतावनी है।
*▪️ व्यापम घोटाले का व्यापक असर*
▫️ यह घोटाला हजारों छात्रों और अभ्यर्थियों के भविष्य को प्रभावित करता है। मध्य प्रदेश की भर्ती और प्रवेश परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर गंभीर असर पड़ा।
इसके बाद परीक्षा प्रक्रिया और निगरानी में सुधार किए गए। अदालत ने कहा कि नुकसान की भरपाई केवल सजा से नहीं, बल्कि पारदर्शी व्यवस्था से ही संभव है।
▫️ इंदौर CBI कोर्ट का यह फैसला व्यापम घोटाले की लंबी न्यायिक प्रक्रिया का अहम अध्याय है। यह संदेश देता है कि संगठित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई अब भी सक्रिय है और भविष्य में किसी भी तरह के फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।





