Waiting for Construction of Mosque in Ayodhya : अयोध्या को ‘सबसे बड़ी कुरान’ वाली मस्जिद निर्माण का इंतजार!
Lucknow : अयोध्या से करीब 23 किलोमीटर दूर धन्नीपुर नाम का गांव एक शांत इलाका है, जहां छोटे-छोटे घरों के साथ एक मस्जिद और एक मदरसा दिखते हैं। गांव में प्रवेश करते ही आपको एक खाली पड़ी ज़मीन दिखती है, जहां कुछ बच्चे क्रिकेट खेल रहे हैं। बकरियां चराने वाला एक लड़का भी अपनी बकरियां लेकर मैदान में पहुंचा है। लगभग शांत दिखने वाले इस गांव का विवादों का अपना अलग इतिहास और इसे लेकर कोर्ट का एक फैसला भी आया है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में राम मंदिर पर अदालत के फैसले का भी ज़िक्र करते हुए कहा था कि भारत की न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली. न्याय का पर्याय राम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से ही बना। हालांकि, इस इस कार्यक्रम के ठीक एक दिन बाद 23 जनवरी को ओआईसी ने मस्जिद की जगह पर राम मंदिर बनाए जाने पर प्रतिक्रिया की थी, इसके बारे में आगे जानेंगे।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर लंबे समय तक विभिन्न न्यायालयों में मुकदमा चला। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने अगस्त से अक्टूबर 2019 तक स्वामित्व विवाद मामलों की सुनवाई की। 9 नवंबर 2019 को, सुप्रीम कोर्ट ने यह जमीन एक ट्रस्ट को सौंपने का आदेश दिया कि इस ज़मीन पर वह एक मंदिर का निर्माण कराए। साथ ही पीठ ने सरकार को मस्जिद बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक 2-हेक्टेयर (5 एकड़) भूखंड आवंटित करने का भी आदेश दिया। उत्तर प्रदेश सरकार ने धन्नीपुर (अयोध्या) में कोर्ट के आदेश पर सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित की।
जहां से ये ज़मीन शुरू होती है वहां पर एक बोर्ड दिखाई देता है जिस पर लिखा है, ‘इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन।’ ये उस ट्रस्ट का नाम है जिसे मस्जिद बनाने के लिए वक़्फ़ बोर्ड ने बनाया था। इस ज़मीन पर पहले से ही एक दरगाह बनी हुई है, लगता हैं बीते सालों में इसकी मरम्मत का काम किया गया है। इसकी दीवार पर एक पोस्टर लगाया गया है जिसमें इस ज़मीन पर भविष्य में बनने वाली मस्जिद की एक तस्वीर छपी है, जिसका नाम ‘मोहम्मद-बिन-अब्दुल्लाह मस्जिद’ होगा।
बताया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद अयोध्या में 5 एकड़ जमीन पर बनने वाली मस्जिद का निर्माण भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इसके प्रारंभिक दौर में मक्का से पवित्र ईंट लाई गई है। इस ईंट को अजमेर शरीफ भी ले जाया गया। विदित हो कि अयोध्या मामले में सुनवाई के बाद 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन को एक ट्रस्ट को सौंप दिया जाए जो वहां पर एक मंदिर का निर्माण कराए।
कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश सेंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित की जाए। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट बनाकर मस्जिद के निर्माण के लिए उसे जिम्मेदारी दी गई। एक तरफ जहां राम मंदिर बनाने के लिए ‘राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र फाउंडेशन’ का काम आगे बढ़ता रहा, वहीं धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए दी गई ज़मीन पर कोई काम शुरू नहीं हो सका।
पांच स्तंभ की 5 मीनार होंगी अयोध्या मस्जिद में
बताया जा रहा है कि यह भारत की पहली ऐसी मस्जिद होगी, जिसमें इस्लाम के पांच स्तंभ की पांच मीनार भी होंगी। इस्लाम के पांच स्तंभ बताए गए हैं। ये तौहीद नमाज, रोजा, जकात और हज हैं. तौहीद का मतलब है एक अल्लाह को मानना और उसकी इबादत करना। दूसरा एक दिन में 5 टाइम नमाज़ अदा करना। तीसरा साल में एक बार रमजान के महीने में रोजे रखना। चौथा जकात है, जिसका मतलब है कि आर्थिक रूप से संपन्न मुस्लिम सक्षम मुसलमानों को दान करें। पांचवां हज है। आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम मुसलमानों पर हज फर्ज है। अपनी पूरी जिंदगी में एक बार हज करना मुसलमानों के लिए जरूरी है।
मस्जिद में होगी दुनिया की सबसे बड़ी कुरान
इस मस्जिद में दुनिया की सबसे बड़ी कुरान भी होगी, जो 21 फीट ऊंची और 36 फीट चौड़ी होगी। इसकी खास बात यह होगी कि इसका रंग केसरिया होगा। मुसलमान केसरिया को सूफी संत चिश्ती का रंग मानते हैं। इसके अलावा, मस्जिद में 5 हजार पुरुषों और 4 हजार महिलाओं समेत 9 हजार श्रद्धालु एक साथ नमाज अदा कर सकेंगे। मस्जिद परिसर में 500 बेड वाला कैंसर अस्पताल, स्कूल और लॉ कॉलेज, संग्रहालय और पुस्तकालय होगा। साथ ही पूरी तरह से शाकाहारी एक रसोईघर भी होगा, जहां जरूरतमंदों और आने वालों को खाना दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि मस्जिद में पहली इबादत मक्का के इमाम या इमाम-ए-हरम अब्दुल रहमान अल सुदैस की तरफ से की जाएगी। उनके साथ अरब देशों के बड़े नामी मुस्लिम हस्तियों को भी न्योता भेजा जाएगा।