जुबानी जंग- नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लहार से चुनाव लड़ने का दिया चैलेंज

जुबानी जंग- नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लहार से चुनाव लड़ने का दिया चैलेंज

भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

भिंड: मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और लहार से विधायक डॉ गोविंद सिंह ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लहार से चुनाव लड़ने के लिए चैलेंज किया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव जनता के प्यार और आशीर्वाद से जीता जाता है वो किसी की बपौती नहीं है। अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया चम्बल अंचल को अपनी बपौती मानते हैं तो खुद लहार से मैदान में आ जाएं उन्हें खुद पता चल जाएगा। इतना ही नहीं नेता प्रतिपक्ष मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी हमलावर रहे। कर्मचारियों, आम जनता, बालिकाओं और किसानों के साथ अत्याचार करने वालों को मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि आपका समय नजदीक आ गया है इसलिए बोखलाइये मत और ससम्मान विदाई के लिए तैयार रहिये।

देखिए वीडियो: क्या कह रहे हैं, डॉ गोविंद सिंह (नेता प्रतिपक्ष, मध्यप्रदेश)-

गौरतलब है कि शुक्रवार को भिण्ड जिले के लहार विधानसभा में लाड़ली बहना सम्मान सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हुए थे और दोनों नेताओं ने नेता प्रतिपक्ष और लहार विधायक डॉ गोविंद सिंह को निशाने पर लेते हुए उन पर हमला बोला था। मुख्यमंत्री ने लहार विधानसभा में गोविंद सिंह के द्वारा अन्याय और अत्याचार करने का आरोप लगाया था तो वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चम्बल के पानी को ललकारते हुए कहा था कि चम्बल के लोग वादा खिलाफी करने वाले को जवाब जरूर देते हैं। उन्होंने गोविंद सिंह पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा था कि जो लोग लहार को अपनी बपौती समझते हैं उन्हें इस बार सबक सिखाना है।

आपको बता दें कि भिण्ड जिले की लहार विधानसभा से डॉ गोविंद सिंह 7 बार से लगातार विधायक हैं और इस बार भाजपा की इस सीट पर विशेष नजर है।

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परानिधेश भारद्वाज
परानिधेश भारद्वाज

पिछले दस वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। उनकी लेखनी की वजह से कम समय मे ही उन्होंने इस क्षेत्र में अच्छा मुकाम हासिल कर लिया। उनके पिता श्री सत्यनारायण शर्मा से उनको लेखन विरासत में मिली है