Water Increased in Narmada : नर्मदा ने खतरे का निशान लांघा, 65 गांव के डूबने का खतरा!

ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर बांध के टरबाइन चलाने से नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ा!

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Water Increased in Narmada : नर्मदा ने खतरे का निशान लांघा, 65 गांव के डूबने का खतरा!

Barwani : नर्मदा का पानी खतरे के निशान से 8 फीट ऊपर है। पानी की आवक लगातार बढ़ रही है। ऐसे हालात में करीब 65 से अधिक गांव डूबने की कगार पर हैं। बढ़ते पानी के कारण निचली बस्तियों और कई गांवों के लोग भी दहशत में हैं। बारिश के दो माह बीतने के बाद भी अभी तक नर्मदा में ऊपरी कछार के बांधों के गेट नहीं खोले गए। इससे शहर के समीप नर्मदा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

अब नर्मदा खतरे के निशान से करीब 8 मीटर ऊपर तक पहुंच गई हैं। सरदार सरोवर बांध के चलते पानी में बहाव नहीं हैं। ऐसे में बैकवॉटर आसपास खेतों में जमा होने लगा हैं। वहीं राजघाट पूर्व रपट डूबने से गांव टापू बन चुका हैं। अभी तक नर्मदा के ऊपरी बांध ओंकारेश्वर के गेट नहीं खोले गए। हालांकि ओंकारेश्वर व इंदिरा सागर बांध के टरबाइन बीते माह से लगातार चलाए जा रहे हैं। इससे धीरे-धीरे नर्मदा का बैक वाटर लेवल बढ़ रहा है।

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जानकारी के अनुसार बारिश में सरदार सरोवर बांध परियोजना के पूरा भरने पर राजघाट में पानी का उच्च लेवल 138.38 मीटर पहुंचता हैं। बीते सालों में नर्मदा इस लेवल तक कई बार पहुंची। जिले में डूब प्रभावितों गांवों की संख्या करीब 65 हैं, जिसमें कोई गांव पूरा तो कोई 20, 40 या 50 प्रतिशत तक डूब में शामिल है।

जिले में स्थित नर्मदा नदी क्षेत्र के राजघाट के टापू बनने से अब नाव से ही राजघाट तक आवाजाही हो रही हैं। वहीं सड़क डूबने से वहां नाव चलने लगी हैं। राजघाट में बीते सालों की तरह इस बार भी मुआवजे की मांग को लेकर टीले पर निवासरत करीब 17 परिवार फिर डूब को चुनौती देंगे। राजघाट पहाड़ी क्षेत्र में 17 परिवार जमीन और मुआवजे की मांग को लेकर डटे हैं। इस बार भी निराकरण नहीं होने पर टापू पर रहेंगे। जबकि, जलस्तर बढ़ने से तट पर मौजूद श्री दत्त मंदिर में नर्मदा के पानी ने प्रवेश किया। नया और पुराना घाट डूब गया हैं।