Indore : नगर निगम ने इंदौर के लोगों के सहयोग से भू-जल संरक्षण के लिए विशेष अभियान (Special campaign for ground water conservation) शुरू किया है। इसके तहत सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों के परिसरों में वाटर रिचार्जिंग की व्यवस्था की जाएगी।
2019 में खजराना मंदिर और बड़वाली चौकी स्थित जामा मस्जिद और करीब 260 धार्मिक स्थलों में वाटर रिचार्जिंग का इंतजाम किया गया था। तीन माह में शहर के एक लाख घरों और संस्थानों में अनिवार्य रूप से वाटर रिचार्जिंग करवाई जाएगी।
निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने कहा इंदौर में 28 तालाब, 58 बावड़ी और 600 कुंओ का होगा संरक्षण। जिन भी घरों और प्रतिष्ठानों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain water harvesting) किया जाएगा। उनकी जियो टैगिंग भी की जाएगी। इंदौर-311 एप के माध्यम से लोग रेन वाटर हार्वेस्टिंग (Rain water harvesting) करवा सकेंगे।
दो से तीन साल में इंदौर देश का पहला शहर होगा जहां 100 प्रतिशत यह सिस्टम होगा। जिस तरह स्वच्छता, टीकाकरण के लिए इंदौर ने मिसाल पेश की, इंदौर जल संरक्षण में मिसाल पेश करेगा। जुलाई से पहले शहर के 5 वार्ड जीरो वेस्ट वार्ड बनाएंगे।
नगर निगम के मुताबिक इंदौर में अभी तक तक करीब 16 हजार घरों व प्रतिष्ठानों में भूजल रिचार्जिंग का इंतजाम है। निगम द्वारा अगले तीन माह में शहर में करीब एक लाख घरों में वाटर रिचार्जिंग सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
शनिवार को ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुए कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों के धर्मगुरू, जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, पर्यावरण विशेषज्ञ, विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में लोगों को बताया गया कि वाटर रिचार्जिंग की पिट को कैसे तैयार किया जाए।
30 शहरों के जीरो वाटर खतरा
डॉ. निशांत खरे ने चेन्नई का उदाहरण देते हुए बताया कि WHO के मुताबिक आने वाले सालों में भारत के 30 बड़े शहर जीरो वाटर वाले शहरों में बदल जाएंगे। इस सूची देश के नए शहरों में जयपुर पहले नंबर पर और इंदौर दूसरे नंबर पर है। इस वजह से इंदौर में अभी से जल संरक्षण के लिए काम करना होगा। जो 29 तालाब बचे हैं, उसे सहेजना होगा। पाइप लाइन से आने वाले पानी के विकल्प पर विचार करना होगा। नेट जीरो शहरों में हमें शामिल होने का प्रयास करें। जल संरक्षण के दृष्टिपत्र को कार्यक्रम में लांच किया।
जल संरक्षण का दृष्टिपत्र
शहर के नक्शे पर नगर के मास्टर प्लान के आधार पर यह देख जाएगा कि किन क्षेत्रों में जलपुर्नभरण जोन है। उन स्थानों पर भूजल को रिचार्ज करने के इंतजाम किए जाएंगे। रालामंडल क्षेत्र से आने वाले नाले शहर के अन्य हिस्से के नाले जो कान्ह व सरस्वती नदी के कैचमेंट एरिया है, उनके गहरीकरण कार्य शुरू हो गया है। शहर के प्रमुख तालाबों का भी बारिश के पहले गहरीकरण किया जा रहा है ताकि इनमें ज्यादा मात्रा में बारिश का पानी सहेजा जा सके।
तीन माह का लक्ष्य
शहर के एक लाख घरों और संस्थानों में अनिवार्य रूप से वाटर रिचार्जिंग कार्रवाई की जाएगी। वाटर रिचार्जिंग न करवाने वालों पर 500 से 5 हजार रुपए तक जुर्माना वसूला जाएगा औद्योगिक इकाइयों में वाटर रिचार्जिंग न होने पर एक लाख से 5 लाख रुपये का जुर्माना। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के तहत उद्योगों में वाटर रिचार्जिंग अनिवार्य हैं। अगले एक माह में भवन अधिकारी व भवन निरीक्षक सभी सरकारी भवनों में वाटर रिचार्जिंग का इंतजाम सुनिश्चित करेंगे।