
हम मध्यप्रदेश के वासी हैं… जिस प्रदेश में इंदौर बसता है…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
हम सभी ने वह गीत सुना होगा जिसमें गंगा को देश की पहचान और धरोहर के रूप में बताकर गर्व की अनुभूति कराई गई थी। और आज भी उसे गीत को गुनगुना कर हम गर्व की ही अनुभूति करते हैं। क्योंकि गंगा आज भी हमारे जीवन का पर्याय है, कल भी रहेगी और कल भी हमारे जीवन का पर्याय थी।गीत के बोल हैं- होठों पर सच्चाई रहती है जहां दिल में सफाई रहती है, हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है। अब हम होठों पर सच्चाई की बात का दावा तो नहीं कर सकते और दिल में सफाई जैसी बात भी बहुत बेमानी सी हो गई है। पर यह बताते हुए हम आज भी गर्वित महसूस करते हैं कि हम उसे देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है। 1960 में बनी फिल्म ‘जिस देश में गंगा बहती है’, का यह गीत गीतकार शैलेंद्र ने लिखा था, मुकेश ने से अपनी आवाज दी थी, शंकर जयकिशन का संगीत था और राजकपूर के अभिनय ने सभी को लुभाया था। तो इसकी तर्ज पर ही अब हम मध्य प्रदेश वासी बड़े गर्व से यह कह सकते हैं कि ‘हम मध्य प्रदेश के वासी है जिस प्रदेश में इंदौर बसता है।’ जी हां पूरी दुनिया में आप मध्य प्रदेश स्वछतम शहर इंदौर के नाम से ही जाना जाता है। और हमें गर्व है कि हमारा इंदौर लगातार आठवीं बार स्वछतम शहर की पहचान बनाए रखने में कामयाब हुआ है। सुपर लीग में भी सबसे ऊपर रहते हुए इंदौर ने साबित कर दिया है कि अब हम ही स्वच्छता के पर्याय हैं। अब स्वच्छता में हमें सिर्फ नंबर 1 कहने से बात नहीं बनेगी। इंदौरवासियों ने यह साबित कर दिया है कि स्वच्छता केवल एक अभियान नहीं, बल्कि एक आदत है। इसीलिए भारत सरकार ने इंदौर को “गोल्डन लीग” में स्थान देकर यह मान्यता दे दी है कि अब इंदौर रैंकिंग से ऊपर और प्रतियोगिता से परे है। और वास्तव में अब इंदौर सिर्फ एक शहर नहीं, स्वच्छता की पहचान है और पहचान नहीं बल्कि स्वच्छता का पर्याय है। अब इंदौर खुद एक मानक है, एक मार्गदर्शक है। इंदौर अब वह गुरु है, जो देश के बाकी शहरों को सिखाएगा कि सफाई सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक संस्कार है। और जिनके कार्यकाल में इंदौर को सुपर लीग में स्थान मिला वह पुष्यमित्र भार्गव अब इंदौर के महापौर ही नहीं बल्कि स्वच्छता के ब्रांड एंबेसडर बनकर पूरी दुनिया को बताएंगे कि स्वच्छतम इंदौर बनाए रखने की सफलता के क्या राज हैं। और एक बार फिर यह संयोग ही है कि नगरीय प्रशासन मंत्री भी इंदौर के ही कैलाश विजयवर्गीय हैं।
पर यह सच है कि धन्यवाद और अभिनंदन की पात्र इंदौर कि जनता है।जन-जन की प्रतिबद्धता ने शहर को स्वच्छता का प्रतीक बना दिया। धन्यवाद और अभिनंदन के असली हकदार हैं वह सफाईमित्र, जो हर दिन अपने परिश्रम से शहर की पहचान को स्वच्छतम बनाए रखते हैं। वह सभी जनप्रतिनिधि भी बधाई के काबिल हैं, जिन्होंने सही नेतृत्व और दिशा दी। और प्रशासनिक अधिकारी भी बधाई के हकदार हैं जिन्होंने इंदौर को यह स्वर्णिम स्थान दिलाया। यह हर इंदौरी के गर्व का क्षण है। इंदौर सुपर स्वच्छ लीग श्रेणी में 8वीं बार सम्मानित होगा। देश की सर्वश्रेष्ठ राजधानी में भोपाल सबसे ऊपर है और सुपर लीग में उज्जैन ने भी जगह बनाई, यह सभी उपलब्धियां गर्व को भी उच्चतम शिखर तक पहुंचा रही हैं। मध्यप्रदेश के आठ शहरों को स्वच्छता की विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए 17 जुलाई को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इंदौर शहर स्वच्छता के लिए सुपर स्वच्छ लीग श्रेणी में आठवीं बार सम्मानित होगा। इंदौर इससे पहले 7 बार देश के स्वच्छतम शहर का पुरस्कार प्राप्त कर चुका है। पिछले 7 सालों में बेहतर प्रदर्शन और भविष्य की संभावनाओं के आधार पर स्वच्छ लीग पुरस्कार इस वर्ष इंदौर को दिया जाएगा। वहीं देश की सर्वश्रेष्ठ राजधानी के रूप भोपाल को सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही उज्जैन को 3 से 10 लाख जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में स्वच्छ लीग पुरस्कार मिलेगा। बीस हजार से कम आबादी वाले नगरों की श्रेणी में बुधनी नगर भी सम्मानित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण पुरस्कार में मध्य प्रदेश एक बार फिर गौरवान्वित होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मध्यप्रदेश के आठ शहरों को स्वच्छता की विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने सम्मानित किया जाएगा। जिसके लिए सभी स्वच्छताकर्मी, महापौर, पार्षद, अधिकारी और कर्मचारीगण, तथा आमजन बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता का जो संकल्प लिया है, उसमें मध्यप्रदेश कदम से कदम मिलाकर चल रहा है।
उम्मीद यही है कि स्वच्छता की राह पर मध्य प्रदेश के शहरों के कदम इसी तरह लगातार बढ़ते रहेंगे। और उम्मीद यह भी है कि स्वच्छता के साथ मध्यप्रदेशवासियों की मानसिकता भी बदलेगी ताकि गीत के वह बोल भी सार्थक हो झूम उठें कि ‘होठों पे सच्चाई रहती है जहां दिल में सफाई रहती है।’ और इसके आगे फिर यह जुड़ा ही रहेगा कि ‘हम मध्यप्रदेश के वासी हैं जिस प्रदेश में इंदौर बसता है…।’





