Weather Update : अब बदलेगा MP का मौसम, कल से पड़ेगी कड़ाके की सर्दी!

इंदौर और आसपास के जिलों में तापमान तेजी से नीचे आएगा!

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Weather Update : अब बदलेगा MP का मौसम, कल से पड़ेगी कड़ाके की सर्दी!

Bhopal : धीरे-धीरे प्रदेश में सर्दी बढ़ती जा रही है। मौसम विभाग के मुताबिक 6 दिसंबर से प्रदेश के तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। इस कारण ठंड का असर बढ़ेगा। भोपाल के अलावा ग्वालियर, जबलपुर सहित कई जिलों में तापमान 8 डिग्री तक नीचे गिर सकता है। ऐसे में ठंडी और तेज हवाओं के चलते कंपकंपी बढ़ सकती है। दोपहर बाद धूप निकलने से राहत मिलने के आसार हैं। लेकिन, शाम तक मौसम फिर ठंडा हो जाएगा।

मौसम विभाग के मुताबिक भोपाल, इंदौर में भी जल्द ही तापमान 8 डिग्री तक आ जाएगा, जिससे प्रदेश में दिन में भी हल्की ठंड का एहसास होगा। पिछले 24 घंटे के दौरान तापमान में गिरावट देखने को मिली है। बैतूल और धार जिले में तो तापमान 2 डिग्री के पास पहुंच गया, जबकि रायसेन, पचमढ़ी, नौगांव, ग्वालियर, उमरिया जिले का तापमान 5 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी।

उत्तर भारत की तरफ से आने वाली सर्द हवाएं अब तेज होंगी।पाकिस्तान से आ रही हवाएं भी हिमालय के ऊपर सक्रिय हो चुकी है। इसका असर MP के मौसम पर भी पड़ रहा है। यही वजह है कि सुबह और शाम के वक्त हवाओं का रुख तेज होने लगा है। इससे सुबह और रात के तापमान में अब तेजी से गिरावट आएगी। पिछले 24 घंटे के दौरान प्रदेश कई जिलों में तापमान 6 डिग्री से नीचे चल गया।

ग्वालियर-चंबल अंचल में भी ठंड की एंट्री हो चुकी है। बीते 24 घंटे के दौरान ग्वालियर सहित आसपास के कई जिलों का तापमान 6 डिग्री से नीचे आ गया। ग्वालियर में कल रात का तापमान 6 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया। इसके अलावा भिंड, मुरैना और शिवपुरी जिले में भी तापमान नीचे आया, वहीं जबलपुर और बालाघाट जिले में भी तापमान 6 डिग्री के नीचे आ गया।

मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश का मौसम तेजी से नीचे गिरेगा। क्योंकि, अब हिमालय की तरफ से आ रही हवाओं के चलते एक स्ट्रॉग वेदर सिस्टम एक्टिव हो गया है। अभी प्रदेश में तापमान 26 से 28 डिग्री सेल्सियस के बीच है। हालांकि, इसमें तेजी से गिरावट देखी जाएगी, जिससे सर्दी भी महसूस की जा सकती है। मौसम विभाग ने बताया कि लानिना की परिस्थिति भी सक्रिय है, जिसे सर्दी का असर पड़ा है। नवंबर में मध्य में तापमान 22 साल में सबसे कम रिकॉर्ड किया गया। हालांकि, प्रशांत महासागर के समुद्री सतह पर लगातार बदल रहे मौसम प्रणाली का असर मध्यप्रदेश में दिखेगा।