Western Ring Road Tender Held : इंदौर शहर की सीमा बढ़ेगी, पश्चिमी रिंग रोड की प्रक्रिया शुरू! 

650

Western Ring Road Tender Held : इंदौर शहर की सीमा बढ़ेगी, पश्चिमी रिंग रोड की प्रक्रिया शुरू! 

Indore : एबी रोड से सांवेर होते हुए शिप्रा तक बनने वाले पश्चिमी रिंग रोड के टेंडर हो गए। इस रिंग रोड को अहमदाबाद की एमकेसी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी दो चरण में बनाएगी। 64 किलोमीटर के इस पश्चिमी रिंग रोड का 34 किमी हिस्सा महू से हातोद तक बनेगा और 30 किमी का दूसरा हिस्सा हातोद से शिप्रा तक बनाया जाना प्रस्तावित है।

इसके पहले हिस्से की अनुमानित लागत 1048 करोड़ रुपए थी। एमकेसी इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 5% कम पर 996 करोड़ रुपए का टेंडर भरा, जिसे स्वीकृत कर लिया गया। पश्चिमी रिंग रोड का दूसरा हिस्सा हातोद से शिप्रा तक बनेगा जिसकी अनुमानित लागत 942 करोड़ रुपए थी। कंपनी ने 6% कम कीमत पर 884 करोड़ रुपए में टेंडर भरा था जो स्वीकृत कर लिया गया।

IMG 20240313 WA0026

एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया) ने दोनों टेंडर 8 और 9 मार्च को खोले और स्वीकृति दी। इस पश्चिमी रिंग रोड पर 5 से 6 स्थानों पर ही आगम और निर्गम की सुविधा होगी। यह पश्चिमी रिंग रोड पार्शियल एक्सप्रेस-वे की तरह बनेगी। यहां जीपीएस पर आधारित टोल कलेक्शन होगा। यहां वाहनों की अधिकतम गति 100 किमी प्रति घंटा रखी गई है।

● इंदौर-मुंबई हाईवे पर क्लोवरलीफ जंक्शन।

● पीथमपुर के पास क्लोवरलीफ जंक्शन।

● बेटमा के पास डंबल जंक्शन।

● हातोद के सांवेर रोड पर डंबल जंक्शन।

● इंदौर-उज्जैन हाईवे पर डंबल जंक्शन।

● शिप्रा के पास क्लोवरलीफ जंक्शन।

● 1000 करोड़ रु का मुआवजा जारी होगा।

64 किमी के वेस्टर्न बायपास के लिए 638 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसमें 1000 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना है। सड़क शुरुआत के 8 किमी पीथमपुर, इसके बाद 12 किमी देपालपुर, फिर 20 किमी हातोद और आखिर में 14 किमी सांवेर से गुजरेगी।

दो चरणों में बनेगा पश्चिमी रिंग रोड  

अधीक्षण के लिए धारा 3ए का नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। दावे-आपत्तियों को सुनवाई जारी है। इसके बाद जमीन अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा। जमीन का अधिग्रहण पूरा होते ही कंपनी को काम शुरू करने का आदेश दे दिया जाएगा। यह प्रोजेक्ट हाइब्रिड एन्युइटी मोड में बनाया जाएगा यानी प्रोजेक्ट का 40% हिस्सा सरकार द्वारा प्रोजेक्ट बनने पर दिया जाएगा और शेष 60% हिस्सा किस्तों में अगले 15 सालों में दिया जाएगा। अहमदाबाद की यही कंपनी वर्तमान में उज्जैन-गरोठ हाईवे का एक पैकेज भी बना रही है। दिल्ली, हरियाणा के कुछ हाईवे का निर्माण भी कंपनी द्वारा किया गया है।

यह रिंग रोड शहर की जरूरत

रिटायर्ड टाउन एंड कंट्री प्लानर वीपी कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आउटर बायपास शहर की जरूरत है। यह शहर की नई सीमा स्थापित करेगा। इसके लिए सभी स्थानों पर मार्किंग और साइन बोर्ड्स लगाने के साथ 75 मीटर के कंट्रोल एरिया में निर्माण प्रतिबंधित करना बेहद जरूरी है। इसे शहर की सड़कों और बड़े हाईवे से जोड़ने की सही प्लानिंग अहम है। सर्विस रोड भी जरूरी है।