Wheat Export Ban : MP समेत पूरे देश के गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध
बसंत पाल पाल की विशेष रिपोर्ट
बढ़ती महंगाई से परेशान सरकार ने कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं (Wheat) के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। सरकार ने इसके संबंध में आधिकारिक जानकारी भी दी है।
इससे MP से निर्यात होने वाला गेहूं (Wheat) भी प्रभावित हुआ है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) से 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा गया कि इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋणपत्र (LOC) जारी की जा चुकी हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी।
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DGFT ने कहा कि गेहूं (Wheat) की निर्यात नीति पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है।
DGFT ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध पर दी गई अनुमति के आधार पर ही गेहूं (Wheat) के निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
निर्यात लक्ष्य एक करोड़ टन
केंद्र सरकार ने गेहूं (Wheat) निर्यात का लक्ष्य एक करोड़ टन का रखा था। जल्द ही सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल गेहूं (Wheat) निर्यात के नए बाजार तलाशने विदेश जाने वाला था।
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मप्र के गेहूं (Wheat) को विदेशों में काफी पसंद किया जाता है और बड़ी मात्रा में व्यापारियों में निर्यात के सौदे किए थे। कांडला पोर्ट पर MP से निर्यात किए जाने वाले गेहूं (Wheat) का बड़ी मात्रा में स्टाक पड़ा है।
आने वाले दिनों में निर्यात प्रतिबंध का बाजार पर असर दिखाई पड़ सकता है।
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निर्यात पर प्रतिबंध का कारण बताते हुए सरकार ने बताया कि देश की समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और पड़ोसी और अन्य कमजोर देशों की जरूरतों का समर्थन करने के लिए, केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से गेहूं (Wheat) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अब शिपमेंट के मामले में निर्यात की अनुमति दी जाएगी।