जब भारत सोता है डोभाल जागते हैं,ऐसी शख्सियत जो रहते हैं पर्दे के पीछे, लेकिन उनका काम बोलता है

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जब भारत सोता है डोभाल जागते हैं,ऐसी शख्सियत जो रहते हैं पर्दे के पीछे, लेकिन उनका काम बोलता है

– राजेश जयंत की खास रिपोर्ट 

वह चुप है, लेकिन कमजोर नहीं। वह दिखते नहीं, पर हर जगह मौजूद है। वह नारे नहीं लगाते, वह परिणाम लाते हैं।

उनकी काम करने की शैली ऐसी है कि वे अक्सर पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं और उनकी भूमिका को सार्वजनिक रूप से कम ही दिखाया जाता है। वे एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अपने काम को बोलने देते हैं और खुद को पर्दे के पीछे रखना पसंद करते हैं। अतिशयोक्ति नहीं होगी यदि इस महान शख्सियत के बारे में कहा जाए कि जब भारत सोता है, डोभाल जागते हैं।

आप समझ ही गए होंगे हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार [NSA] अजीत डोभाल की। आइये आज हम जानते हैं IPS अफसर से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के सफर की कहानी।

*प्रारंभिक जीवन और शिक्षा*

– अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड में हुआ था। उनके पिता का नाम डा. शिव शंकर डोभाल था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा गढ़वाल से पूरी की और इसके बाद अजमेर के मेयो कॉलेज से पढ़ाई की। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से अर्थशास्त्र में एमए और अजमेर से बीएससी की डिग्री प्राप्त की।

*करियर*

– अजीत डोभाल 1968 बैच के IPS अधिकारी हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत उत्तर प्रदेश कैडर में की और विभिन्न पदों पर काम किया। वह आईबी के निदेशक भी रहे और बाद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किए गए।

*महत्वपूर्ण योगदान*

अजीत डोभाल एक अनुभवी IPS अधिकारी और खुफिया विशेषज्ञ हैं। वे देश की सुरक्षा और नीतियों में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले डोभाल के बारे में कहा जाता है कि वे “न दिखने वाले हाथ” हैं जो देश की सुरक्षा और नीतियों को आकार देते हैं। उनकी इस आदत के कारण, वे एक रहस्यमय और प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में जाने जाते हैं। हाल ही में भारत द्वारा पाकिस्तान के विरुद्ध चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में भी अजीत डोभाल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

अजीत डोभाल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) हैं और उनकी भूमिका देश की रक्षा और सुरक्षा मामलों में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

*NSA के रूप में प्रमुख कार्य और भूमिका*

– *म्यांमार सर्जिकल स्ट्राइक (2015)*: डोभाल ने म्यांमार में उग्रवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति बनाई, जिसमें भारतीय सैनिकों की हत्या के जवाब में उग्रवादी ठिकानों पर हमला किया गया था।

– *उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक (2016)*: उरी हमले के बाद, डोभाल ने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति बनाई।

– *पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक (2019)*: पुलवामा हमले के बाद, डोभाल ने बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की रणनीति बनाई।

– *डोकलाम विवाद*: 2017 में भारत-चीन डोकलाम टकराव के दौरान, डोभाल ने संयम और कूटनीति के साथ ऐसी रणनीति बनाई जिससे युद्ध टल गया और चीन पीछे हटा।

– *आतंकवाद विरोधी अभियान*: डोभाल ने पंजाब, कश्मीर और मिजोरम में आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

– *खुफिया जानकारी*: वे एक अनुभवी खुफिया अधिकारी हैं और उन्होंने पाकिस्तान में 7 साल गुप्त एजेंट के रूप में काम किया है।

– *राष्ट्रीय सुरक्षा नीति*: डोभाल ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिसमें “Defensive Offense” की रणनीति शामिल है, जिसमें भारत पूर्व-प्रहार (preemptive strike) की नीति अपनाता है।

*IPS अधिकारी के रूप में:*

1. *मिजोरम में आतंकवाद विरोधी अभियान*: डोभाल ने मिजोरम में आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मिजो नेशनल फ्रंट के साथ बातचीत की और शांति प्रक्रिया में योगदान दिया।

2. *पंजाब में आतंकवाद विरोधी अभियान*: डोभाल ने पंजाब में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और राज्य में शांति स्थापित करने में मदद की।

*आईबी निदेशक के रूप में:

1. *खुफिया जानकारी इकट्ठा करना*: डोभाल ने आईबी निदेशक के रूप में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और विश्लेषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों और अन्य सुरक्षा खतरों के बारे में जानकारी इकट्ठा की और सरकार को सूचित किया।

2. *आतंकवाद विरोधी अभियान*: डोभाल ने आईबी निदेशक के रूप में आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की और उनकी गतिविधियों को रोकने में मदद की।

 

*अन्य महत्वपूर्ण कार्य:*

 

1. *ऑपरेशन ब्लू स्टार*: डोभाल ने ऑपरेशन ब्लू स्टार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई की और स्वर्ण मंदिर को मुक्त कराया।

2. *कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियान*: डोभाल ने कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की और राज्य में शांति स्थापित करने में मदद की।

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*पुरस्कार और सम्मान*

अजीत डोभाल को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए कई सम्मान और पुरस्कार मिले हैं:

*पुलिस पदक*: वे अपनी मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक प्राप्त करने वाले सबसे युवा पुलिस अधिकारी थे।

– *राष्ट्रपति पुलिस पदक*: उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।

– *कीर्ति चक्र*: 1998 में उन्हें सर्वोच्च वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। वे यह पुरस्कार पाने वाले पहले पुलिस अधिकारी थे जिन्हें पहले सैन्य सम्मान के रूप में दिया गया था।

– *मानद डॉक्टरेट*: उन्हें आगरा विश्वविद्यालय से विज्ञान में डॉक्टरेट की मानद उपाधि, कुमाऊँ विश्वविद्यालय से साहित्य में डॉक्टरेट की मानद उपाधि और एमिटी विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है।

 

*ऑपरेशन सिंदूर और डोभाल*

ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर किया गया एक सटीक हमला था। इस ऑपरेशन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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*ऑपरेशन की पृष्ठभूमि*

– 22 अप्रैल को पहलगाम में पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने 26 लोगों की हत्या कर दी थी, जिसमें ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकियों को ट्रैक करने और सज़ा देने का संकल्प लिया।

– इस संकल्प को पूरा करने के लिए अजीत डोभाल ने एक विशेष टीम बनाई जिसने पाकिस्तान और PoK में आतंकी गतिविधियों पर नजर रखी।

– उन्होंने नए आतंकवादी ठिकानों की पहचान की और इनकी लगातार निगरानी की गई।

– डोभाल ने हमले की पूरी योजना पीएम मोदी के साथ शेयर की और तय किया गया कि हमले सिर्फ आतंकी ठिकानों तक सीमित रहेंगे।

*ऑपरेशन की कार्रवाई*

– ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने PoK में 21 आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए।

– हमले इतने सटीक थे कि सिर्फ आतंकी ठिकानों को नुकसान हुआ और कोई सैन्य या आम नागरिक प्रभावित नहीं हुआ।

*ऑपरेशन के बाद की स्थिति*

– ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने अमेरिका और चीन समेत प्रमुख शक्तियों के साथ कूटनीतिक संपर्क बढ़ाया। अजीत डोभाल ने अपने समकक्षों को की गई कार्रवाई के तरीके के बारे में जानकारी दी और इस बात पर जोर दिया कि भारत का इरादा तनाव बढ़ाने का नहीं है ।

इस तरह से हम देखते हैं कि अजीत डोभाल वह शख्सियत है जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश सेवा में समर्पित कर दिया है। कर्मयोगी डोभाल की जीवन शैली हमें सिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने दृढ़ संकल्प और बुद्धिमत्ता के बल पर असंभव को संभव बना सकता है। वह एक सच्चे देशभक्त हैं। जिन्होंने अपने जीवन को देश की सुरक्षा और सेवा में समर्पित कर दिया है। डोभाल का जीवन प्रत्येक भारतीय के लिए एक प्रेरणा है।