जब दिव्यांग को देखकर Collector का दिल पसीजा,नवाचारों के लिए चर्चित है यह IAS

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Bhopal MP: सामान्य तौर पर कलेक्टर के बारे में धारणा होती है कि वे ऑफिस में बैठकर सिर्फ आदेश निकालते हैं। आम आदमी से उनका सरोकार कम ही होता है। लेकिन, कई मामलों में वास्तविकता इसके ठीक विपरीत है।

कलेक्टर जिले का सबसे बड़ा अधिकारी है और उनकी कोई प्रशासनिक मज़बूरी हो, पर उनकी भी भावनाएं होती है और किसी को परेशानी में देखकर उनका दिल भी दुखता है। ऐसा ही एक वाक़या दो दिन पहले पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा के साथ भी घटा और उन्होंने भी सहृदयता दिखाते हुए मजबूर दिव्यांग की मदद की।

कलेक्टर संजय मिश्रा कहीं कहीं फील्ड विजिट पर थे। रास्ते में उन्होंने अपनी गाड़ी से देखा कि एक दिव्यांग व्यक्ति रास्ते के किनारे-किनारे लगभग घिसटता हुआ जा रहा है। उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी और पास जाकर उससे पूछा कि कहाँ के हो और कहाँ जा रहे हो! उस दिव्यांग ने अपना नाम आनंदराम बताया और कहा कि वो ककरहटी गांव का हैं और राजा दहार मंदिर जा रहा हैं।
कलेक्टर संजय मिश्रा को आश्चर्य हुआ कि इस स्थिति में वो कैसे जा रहा है और जहाँ जाने की बात कर रहा है, वहाँ कब और कैसे पहुंचेगा! उन्होंने आनंदराम से पूछा कि इस हालत में 7-8 किलोमीटर कैसे जा सकोगे!

उन्होंने उसकी ट्राइसाइकिल के बारे में पूछा तो बताया कि शासन से मिली तो थी, लेकिन टूट गई है। उसकी व्यथा सुनने के बाद कलेक्टर संजय मिश्रा ने संबंधित अधिकारी को वहीं से निर्देशित किया कि आनंदराम को नई ट्राईसाइकिल दी जाए। अपने पास से पांच सौ रुपये देते हुए एक मोटरसाइकिल सवार को रुकवाया और आनंदराम के मंदिर तक भेजने की व्यवस्था कराई।

तहसीलदार को पढ़ाने को कहा
ये पहली घटना नहीं है, जब कलेक्टर संजय मिश्रा ने लीक से हटकर को काम किया हो! वे जब से जिले में पदस्थ हुए हैं, नवाचारों के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा को लेकर भी उन्होंने जिले में बहुत से काम किए हैं। इसी महीने अमानगंज क्षेत्र में भ्रमण के दौरान उन्हें शासकीय माध्यमिक शाला सपतैया बंद मिला। इस पर उन्होंने अमानगंज की महिला तहसीलदार को बच्चों को पढ़ाने के लिए कहा और उन्होंने स्कूल आए बच्चों को पढ़ाया भी। सभी अनुपस्थित शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही की गई।

सिक्कों को लेकर निर्देश
पन्ना में छोटे सिक्कों को लेकर ये भ्रम फेल गया था कि ये अवैध हैं और बंद होने वाले हैं। ये जानकारी जब कलेक्टर संजय मिश्रा को मिली तो उन्होंने इस संबंध में निर्देशित किया सिक्के वैध मुद्रा हैं दुकानदार अथवा व्यवसायी ग्राहकों से इसे स्वीकार करें। सिक्कों को स्वीकार न करना भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के अनुसार कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए दुकानदारों एवं व्यवसायियों को सलाह दी जाती है कि 1, 2 एवं 5 रुपए के सिक्के लेन-देन करते समय स्वीकार करें। अन्यथा संबंधित के विरुद्ध दंडनीय कार्यवाही की जा सकती है।