Whiskey With Water : पानी मिलाकर व्हिस्की पीने का रिवाज भारत में ही ज्यादा!
Stockholm : व्हिस्की में पानी मिलाना जरूरी नहीं है, फिर भी तीन-चौथाई पानी मिलाने की परंपरा है। यह भारत में ज्यादा है, विदेशों में कम। व्हिस्की लवर्स का कहना है कि पानी मिलाने से जीभ और नाक पर अल्कोहल सेंसेशन कम हो जाता है। पीने वालों को व्हिस्की का टेस्ट अच्छा लगता है, साथ ही पानी अल्कोहल की खुशबू पर बहुत आसानी से मास्किंग भी कर देता है। स्वीडन में इस पर शोध हुआ है। लेकिन, शोध में पानी की निश्चित मात्रा नहीं बताई गई।
व्हिस्की लवर्स जिस बात पर सदियों से बहस करते आ रहे हैं कि व्हिस्की में पानी मिलाया जाना चाहिए या नहीं! लेकिन, स्वीडिश वैज्ञानिकों ने एक शोध के जरिए उस बहस को खत्म कर दिया। व्हिस्की लवर्स इस बात पर भिड़ते रहे हैं, कि नीट व्हिस्की ज्यादा अच्छी लगती है या पानी के साथ। शोध में सामने आया है कि व्हिस्की में पानी मिलाकर पीने से टेस्ट तो बढ़ ही जाता है साथ ही फ्लेवर भी बढ़ जाता है। हालांकि इसमें व्यक्तिगत पसंद एक अलग विषय है।
एक जनरल में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में कहा गया कि पानी मिलाने से व्हिस्की के फ्लेवर कंपाउंड्स बूस्ट होते हैं। साथ ही पानी के कारण ये कंपाउंड्स पैग के सरफेस पर जमा हो जाते हैं, जिससे इसका फ्लेवर नीट की तुलना में बेहतर हो जाता है और इसकी खुशबू भी ज्यादा अच्छी हो जाती है। स्वीडन की लिनिअस यूनिवर्सिटी के केमिस्ट कार्लसन और शोध के को-ऑथर रैन फ्राइडमैन का कहना है कि हममें से कोई भी विस्की लवर या डेली ड्रिंकर नहीं है। लेकिन, हमें केमिस्ट्री में इंटरेस्ट है। इसलिए इस शोध को तरजीह दी गई। हम जानना चाहते थे कि क्या वाकई विस्की में पानी मिलाकर लेने से इसका टेस्ट और खुशबू बढ़ जाते हैं!
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि व्हिस्की बनाने की प्रक्रिया में अनाज कई प्रोसेस से गुजरता है। इस दौरान इसे डाइल्यूट भी किया जाता है। शुद्ध व्हिस्की में करीब 70 प्रतिशत तक अल्कोहल होता है, जब इसे बैरल में रखा जाता है। लेकिन, कई बार पकाने और पैकिंग के दौरान कुछ अल्कोहल का वाष्पीकरण हो जाता है। ऐसे में इसमें अल्कोहल की मात्रा 55 से 65 प्रतिशत तक ही रह जाती है। इसलिए व्हिस्की को बॉटल पैक करने से पहले एक बार फिर पानी मिलाकर डाइल्यूट किया जाता है। इस प्रोसेस को कटिंग कहा जाता है।
एक पैग से क्रिएटिविटी
एक अन्य रिसर्च में सामने आया है कि वाइन का एक पैग आपकी क्रिएटिविटी बढ़ाने में मददगार है। ज्यादातर कामयाब और प्रख्यात क्रिएटिव लोगों का ड्रिंक से नाता रहा है। इसी बात को आधार बनाकर यह शोध किया गया। शोध को लीड करने वाले डॉ मैथिस बेनेडेक का कहना है कि रिसर्च में यह बात सामने आई है कि एक छोटी ड्रिंक वाकई आपकी क्रिएटिविटी को नए आयाम देने में मददगार होती है। पर, ज्यादा पीने पर फोकस करने में दिक्कत हो सकती है।