White Tiger:प्रकृति का अनुपम रत्न और भोपाल वन विहार की ‘रिद्धि’ की करुण मृत्यु ,एक वैज्ञानिक एवं वैश्विक विश्लेषण

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White Tiger

White Tiger: प्रकृति का अनुपम रत्न और भोपाल वन विहार की ‘रिद्धि’ की करुण मृत्यु,एक वैज्ञानिक एवं वैश्विक विश्लेषण

डॉ. तेज प्रकाश पूर्णानंद व्यास

श्वेत बाघ (White Tiger) प्रकृति की सबसे अद्भुत और दुर्लभ कृतियों में से एक है। यह सामान्य बंगाल टाइगर का ही आनुवंशिक परिवर्तन (Genetic Mutation) है, किन्तु अपनी अनुपम सुंदरता, गम्भीरता और दुर्लभता के कारण इसे विश्व धरोहर माना जाता है। विश्व में इनकी संख्या केवल कुछ सौ है और इसलिए प्रत्येक श्वेत बाघ का जीवन मानवता के लिए अमूल्य उपहार है।

भारत के रीवा (मध्यप्रदेश) को श्वेत बाघों की जन्मस्थली है। वहीं के ऐतिहासिक “मोहन” नामक श्वेत बाघ ने बीसवीं सदी में पूरी दुनिया को इस अद्भुत प्रजाति से परिचित कराया।

भोपाल वन विहार की गौरवमयी धरोहर – ‘रिद्धि’ भोपाल के वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की शोभा रही श्वेत बाघिन ‘रिद्धि’, जिसने पिछले 12 वर्षों तक पर्यटकों, बच्चों और पर्यावरणप्रेमियों के हृदय को आकर्षित किया।

आयु: 15 वर्ष, स्थानांतरण: वर्ष 2013 में इंदौर ज़ू से लाई गई

योगदान: मध्यप्रदेश की जैव विविधता की अद्वितीय पहचान और पर्यावरण संरक्षण की सजीव प्रतीक

मृत्यु का वैज्ञानिक विश्लेषण-समाचार के अनुसार, ‘रिद्धि’ ने मृत्यु से दो दिन पूर्व भोजन लेना बंद कर दिया था। उसके बाद अंगों की कार्यक्षमता में गिरावट आती गई और अंततः उसने प्राण त्याग दिए।

White Tiger
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संभावित कारण :

1. उम्रजनित अवनति (Geriatric Degeneration): 15 वर्ष की अवस्था बाघों के लिए वृद्धावस्था मानी जाती है। इस समय हृदय, यकृत, गुर्दे और पाचन अंग क्षीण होने लगते हैं।

2. भोजन न करना: वृद्धावस्था में भूख का कम होना अंतिम जीवनचक्र का प्रमुख संकेत है।

3. कैद की मनोवैज्ञानिक स्थिति: प्राकृतिक आवास से दूर रहना, सीमित क्षेत्र और शिकार का अभाव तनाव (Stress) उत्पन्न करते हैं, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है।

4. प्राकृतिक जीवन-चक्र का अंत: सभी वैज्ञानिक प्रयासों के बावजूद, यह प्राकृतिक जीवन का पूर्ण विराम था।

 

🌍 वैश्विक सन्देश और प्रेरणा

‘रिद्धि’ की मृत्यु हमें यह सिखाती है कि वन्यजीव संरक्षण केवल संख्या बढ़ाने का प्रयास नहीं है, बल्कि उनके स्वास्थ्य, दीर्घायु और प्राकृतिक वातावरण की सुरक्षा भी अनिवार्य है।

आनुवंशिक धरोहर का संरक्षण:
श्वेत बाघ के रेसेसिव जीन को बचाना वैश्विक जैव-विविधता के लिए अत्यावश्यक है।

वन्यजीव वृद्धाश्रम (Geriatric Units):
वृद्ध होते वन्यजीवों के लिए विशेष चिकित्सा, आहार और निगरानी की आवश्यकता है।

पर्यावरणीय समृद्धि (Environmental Enrichment):
कैद में रह रहे जीवों को खेल, प्राकृतिक अभ्यास, कृत्रिम शिकार और समूह में रखा जाए ताकि उनका मानसिक संतुलन बना रहे।

वैश्विक सहयोग:
वन्यजीव केवल किसी देश की धरोहर नहीं, बल्कि सम्पूर्ण पृथ्वी की साझी पूंजी हैं।

 श्रद्धांजलि

‘रिद्धि’ केवल भोपाल या भारत की नहीं, बल्कि पूरे विश्व की क्षति है। वह एक जीवित प्रकृति दूत (Ambassador of Nature) थी। उसकी मृत्यु हमें एक संकल्प देती है –

“वन्यजीवों की रक्षा करना, पृथ्वी के भविष्य की रक्षा करना है।”

संदर्भ (References)

1. National Geographic Society (2020). “The Genetics of White Tigers”2. Dr. Kailash Sankhala, “Tiger! The Story of the Indian Tiger” (Oxford University Press, 1977)3. Sanctuary Asia Journal, Wildlife Conservation Issues, 2019 Edition4. Forest Department, Govt. of Madhya Pradesh – Annual Wildlife Health Reports (2013–2023)5. Indian Forester Journal, Vol. 146, Issue 7 (2020): Conservation Genetics of Bengal Tigers