Who will be Next MP’s CS: डॉ राजौरा को जल्दी नहीं, अभी है पौने 3 साल, एसएन मिश्रा हो सकते हैं CS 

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Who will be Next MP’s CS: डॉ राजौरा को जल्दी नहीं, अभी है पौने 3 साल, एसएन मिश्रा हो सकते हैं CS 

सुरेश तिवारी की खास खबर

Bhopal : मध्यप्रदेश का अगला चीफ सेक्रेटरी कौन होगा, अभी इस बारे में कोई कयास नहीं लगाया सकता। वर्तमान मुख्य सचिव 1988 बैच की IAS अधिकारी वीरा राणा को अगर एक्सटेंशन नहीं मिला तो वे इसी महीने में रिटायर हो जाएगी। ऐसे में मध्य प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों केवल एक ही चर्चा जोरों पर है कि मध्य प्रदेश का अगला मुख्य सचिव कौन होगा? इसे लेकर लोग अपने-अपने तरह से कयास लगा रहे हैं। कुछ दिनों पहले तक डॉ राजेश राजौरा का नाम लगभग तय माना जा रहा था, पर अब यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। वैसे भी राजौरा को रिटायर होने में अभी पौने 3 साल बाकी हैं और वे जल्दी में नहीं दिखाई दे रहे हैं।

मंत्रालय के सूत्रों पर अगर भरोसा किया जाए तो भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1990 बैच के अधिकारी एसएन मिश्रा का नाम उभर कर सामने आया है। हालांकि उनकी सेवानिवृत्ति जनवरी 25 को है लेकिन माना जा रहा है कि वे मुख्य सचिव बनने की दौड़ में सबसे आगे आ गए हैं। पता चला है कि RSS एसएन मिश्रा को मुख्य सचिव बनाना चाहता है, इसलिए अब उनके नाम पर मोहर लगने की संभावना बढ़ती जा रही है। मिश्रा वर्तमान में अपर मुख्य सचिव गृह और परिवहन विभाग हैं और उनकी गिनती परिणाम देने वाले कुशल अधिकारियों में होती है।

वैसे CS के लिए अनुराग जैन का नाम भी चर्चा में है, जो 1989 बैच के IAS अधिकारी हैं। फ़िलहाल वे दिल्ली में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव हैं। पता चला है कि उन्हें PMO अभी छोड़ना नहीं चाहता है। अनुराग जैन अगस्त 2025 में रिटायर होंगे।

एसएन मिश्रा अगर मुख्य सचिव बनते हैं तो उनसे वरिष्ठ 4 IAS अधिकारी मोहम्मद सुलेमान, विनोद कुमार, जेएन कंसोटिया और डॉ राजेश राजौरा है। विनोद कुमार और कंसोटिया पहले से ही मंत्रालय से बाहर पदस्थ हैं। सुलेमान वर्तमान में मंत्रालय में कृषि उत्पादन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव हैं। मिश्रा या राजौरा के मुख्य सचिव बनने की स्थिति में उन्हें मंत्रालय से बाहर पदस्थ करना होगा। माना जा सकता है कि वीरा राणा के रिटायर होने पर, उनके स्थान पर सुलेमान माध्यमिक शिक्षा मंडल के अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं।

राजौरा हालांकि मिश्रा की बैच के ही IAS अधिकारी हैं लेकिन वे वरिष्ठता सूची में मिश्रा के ऊपर हैं। वैसे यह माना जा सकता है कि अगर मिश्रा मुख्य सचिव बनते हैं तो राजौरा अपने वर्तमान पद पर रहकर आराम से कार्य कर सकते हैं क्योंकि वे नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में पदस्थ हैं और उनके पास मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव का प्रभार अतिरिक्त रूप से है। राजौरा के बारे में बताया गया है कि वे मुख्यमंत्री के विश्वस्त अधिकारी हैं और सीएम के अपर मुख्य सचिव बने रहने के बावजूद उनका महत्व कोई कम नहीं होगा। चर्चा यही है कि मिश्रा के मुख्य सचिव बनने की स्थिति में 4 महीने बाद राजौरा ही मुख्य सचिव बनेंगे।

इधर यह भी माना जा रहा है कि वीरा राणा का अगर एक्सटेंशन नहीं होता है और वह इसी माह रिटायर होती है तो वे बीपी सिंह के स्थान पर राज्य निर्वाचन आयुक्त बन सकती हैं।

मिश्रा के बारे में यह भी कहा जा रहा है कि उनके मुख्य सचिव बनने के बाद जब वे जनवरी 25 में रिटायर होंगे तो उनका एक्सटेंशन हो सकता है या उन्हें बेहतर पुनर्वास मिल सकता है।

बहरहाल, फिलहाल यह कहा जा सकता है कि गेंद मुख्यमंत्री के पाले में हैं और उन्हें ही मध्य प्रदेश के सर्वोच्च प्रशासनिक पद के नाम को लेकर अंतिम रूप देना है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री आखिर किसके नाम पर मोहर लगाते हैं?