Why 1988 Batch IAS Sanjay Bandopadhyay Returned to Cadre: IAS अधिकारी बंदोपाध्याय की केंद्र से अचानक MP कैडर वापसी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं!
नई दिल्ली/भोपाल: भारतीय प्रशासनिक सेवा में 1988 बैच के अधिकारी संजय बंदोपाध्याय के पिछले हफ्ते अचानक अपने कैडर मध्य प्रदेश वापसी के आदेश हो गए। DOPT द्वारा अचानक जारी आदेश से ही उनके MP वापस आने की खबर पता चली। इसके बाद सत्ता के गलियारों में कई बातें तैर रही हैं। दिल्ली और भोपाल के प्रशासनिक गलियारों में संजय की अचानक वापसी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है।
कहा जा रहा है कि उन्हे अपने कैडर में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। एक चर्चा यह भी है कि केंद्र मे सचिव और उसके समकक्ष एम्पैनल होने के बावजूद केंद्र सरकार ने उन्हें सचिव बनाना उचित नहीं समझा। वे अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के दिसम्बर 2021 से अध्यक्ष थे। यह प्राधिकरण जहाजरानी तथा पोत मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
सूत्रों के अनुसार मंत्रालय में वर्तमान सचिव 1991 बैच के तमिलनाडु कैडर के टी के रामचंद्रन है जो बंदोपाध्याय से तीन साल जूनियर अधिकारी है। माना जा रहा है कि एक जूनियर के तहत काम करने के कारण वे खुश नही थे और कई मौके पर असहज महसूस करते थे। संभवत:इसलिए उन्होंने अपने कैडर में वापस जाने में ही भलाई समझी।
मध्य प्रदेश में भी वे मुख्य सचिव बन पाएंगे इसकी संभावना कम है।
प्रशासनिक गलियारों में चल रही चर्चा अनुसार अभी तो मुख्य सचिव वीरा राणा लगातार बनी रहेगी। वे भी उन्ही के बैच 1988 की IAS अधिकारी है और उनका रिटायर्मेंट इसी वर्ष मार्च में है जबकि बंदोपाध्याय अगस्त में रिटायर होंगे।
प्रशासकीय जानकारों का मानना है कि, भले ही संजय वर्तमान में मध्य प्रदेश के सबसे सीनियर IAS अधिकारी हैं लेकिन कुछ माह के लिए सरकार उन्हें चीफ सेक्रेटरी बनाएगी , इसमें संदेह है। वैसे भी प्रशासकीय गलियारों में चल रही चर्चा के अनुसार ऐसे कई और भी कई कारण है जिससे संजय बंदोपाध्याय इस सरकार में मुख्य सचिव बन पाएंगे, ऐसा लगता नहीं है।एक बात तो तय है कि अब उन्हें क्या जिम्मेदारी सौंपी जाय, इसका फैसला मध्य प्रदेश सरकार को करना है।