Why Students Died in Kota : कोचिंग के गढ़ कोटा में स्टूडेंट्स की मौत क्यों, दिग्विजय सिंह ने जांच की मांग की!
Bhopal : कोटा शहर के कोचिंग सेंटर्स में पढ़ने वाले छात्रों की लगातार संदिग्ध मौत हो रही है। ज्यादातर मामले आत्महत्या के हैं। इसके पीछे कोचिंग क्लासेस का भारी दबाव है जिसके कारण स्टूडेंट्स आत्महत्या कर रहे हैं।दिग्विजयसिंह ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने का आग्रह किया है। इस मुद्दे पर उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत को पत्र लिख कर शासन स्तर पर निर्णय लेने की अनुशंसा की है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री गेहलोत को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सुझाव दिया है कि जो प्रकरण पुलिस विवेचना में नहीं सुलझ पा रहे हैं उनकी सीबीआई जांच कराई जा सकती है। देश भर से अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए कोटा भेजने वाले माता-पिता का यह भयावह दुख कम करने और न्याय दिलाने के लिए छात्र-छात्राओं द्वारा की जा रही आत्महत्याओं के मामले की पुलिस मुख्यालय से विशेष जांच दल गठित कर जांच कराई जाए।
मौतों का नहीं खुला राज
पूर्व सीएम दिग्विजय ने अपने पत्र के साथ मप्र के सागर जिले के देवरीकलां के 15 वर्षीय छात्र नैतिक पुत्र मनोज कुमार सोनी एवं बिहार के एक अन्य छात्र रवि कुमार की कोटा में 17 नवंबर को गेपरनाथ कुंड में डूबने से हुई संदिग्ध मौत का भी जिक्र किया है।
उसके बाद 12 दिसंबर को एक दिन में 3 बच्चों ने खुदकुशी कर ली, आए दिन ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। इस संबंध में दिवंगत नैतिक सोनी के पिता देवरीकलां (सागर) निवासी मनोज कुमार सोनी का मूल पत्र भी राजस्थान के मुख्यमंत्री गेहलोत को भेजा है।
इस पत्र में कोचिंग सेंटर्स और स्थानीय पुलिस गठजोड़ का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई है। पूर्व सीएम दिग्विजय ने गेहलोत को सुझाव दिया है कि पीडि़त परिवारों के दर्द को समझते हुए जांच कराने का शीघ्र ही निर्णय लें।