32 बाघों के शावकों को रिवाल्डिंग के जरिए वाइल्ड लाइफ ने बचाया, बाघों के सरंक्षण में देश में यह व्यवस्था केवल MP में

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32 बाघों के शावकों को रिवाल्डिंग के जरिए वाइल्ड लाइफ ने बचाया, बाघों के सरंक्षण में देश में यह व्यवस्था केवल MP में

 

भोपाल: प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा दिलवाने में सबसे बड़ी भूमिका रिवाल्डिंग प्रक्रिया है। बाघों के शावकों को नया जीवनदान देने के लिए रिवाल्डिंग की प्रक्रिया देश भर में केवल मध्यप्रदेश में अपनाई जाती है। रिवाल्डिंग की प्रक्रिया के चलते वाइल्ड लाइफ ने पन्द्रह साल के अंदर प्रदेश में 32 बाघ के शावको को जीवन दान देने में सफल रहा है। कान्हा टाइगर नेशनल पार्क में अब तक 14 बाघों को और बांधवगढ़ में 16 शवकों को बचाया जा चुका है। सतपुड़ा में 3 शावक मौजूदा समय में रिवाल्डिंग प्रक्रिया से गुजर रहे है। बाघों के शावकों को जीवनदान देने के लिए वाइल्ड लाइफ 15 साल से इस प्रक्रिया को अपना रहा है। कनार्टक, महाराष्ट और राजस्थान सहित अन्य राज्यों में रिवाल्डिंग की जगह शावकों की मां की मौत होने के बाद बाड़े में रखने की बजाए सीधे जू में रखा जाता है। रिवाल्डिंग की प्रक्रिया अपनाने में शावकों का सर्वाइल रेट काफी अच्छा है। इस प्रक्रिया के तहत बिन – मां- बाप के शावक वाइल्ड लाइफ की देख – रेख में 70 फीसदी से ज्यादा शावक बच जाते है। शावकों को बाड़े में 3 साल के लिए रखा जाता है। जब शावक शिकार करने में माहिर हो जाता है तब वन विभाग ऐसे शावकों को सीधे जंगल में छोड़ देता हैं।

कान्हा में 2 शावक रिवाल्डिंग के दौर से गुजर रहे है-

वन विभाग ने रायसेन से 2 शावकों को रेस्क्यू करके कान्हा स्थित रिवाल्डिंग सेंटर में भेज दिया है। कान्हा नेशनल पार्क के फील्ड डायरेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि 2 शावक रायसेन से यहां पर आए हुए है। दोनों शावकोें को बाड़े में विशेष टीम की निगरानी में रखा गया है। शावक यहां पर तीन साल टीम की निगरानी में रहेंगे। जब शावक पूरी तरह से शिकार के लिए तैयार हो जाएंगे तब इंहे जंगल में छोड़ दिया जाएगा।

फीमेल पैंथर ने शावकों को बचाई जान-

अब्दुल्लागंज डीएफओ हेमंत रायकवार ने बताया कि दोनों शावकों की जान फीमेल पैंथर ने बचाई। बाघिन के तीन शावक जंगल में भटक रहे थे। भूख के चलते एक शावक की मौत हो गई। ट्रैप कैमरे के माध्यम से पता चला कि फीमेल पैंथर ने बकरी का शिकार करके शावकों की मुहैया कराई जिसके चलते दोनों शावक बच गए। अमूमन पैंथर , टाइगर के सामने नहीं आता हैं।

शमिता राजौरा, एपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के अनुसार 

रिवाल्डिंग की प्रक्रिया देश भर में केवल मध्यप्रदेश में अपनाई जाती है। दूसरे राज्यों में शावकों को सीधे जू में रखा जाता है। जबकि मध्यप्रदेश में बिन मां के शावकों को बाड़े में रखा जाता हैं। बाघों के सरंक्षण में रिवाल्डिंग प्रक्रिया की बहुत बड़ी भूमिका हैं।