Will Get Land in Exchange for Land : इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में 50% विकसित भूखंड पर सहमति!

अब नकद मुआवजे का प्रावधान खत्म, जमीन के बदले जमीन ही दी जाएगी!

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Will Get Land in Exchange for Land : इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में 50% विकसित भूखंड पर सहमति!

Indore : इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर विकसित करने की तैयारी है। इसमें आने वाली जमीन के मालिकों के दावे और आपत्तियों सुनने के बाद मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (MPIDC) ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। नोटिफिकेशन होते ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लगभग 1300 हेक्टेयर जमीन पर यह कॉरिडोर निर्मित होगा। इस कॉरिडोर में व्यावसायिक, औद्योगिक और आवासीय गतिविधियों के विकसित भूखंड तैयार किए जाएंगे। लैंड पुलिंग पॉलिसी के तहत जमीन मालिकों को नकद मुआवजे के बदले उनकी 50% जमीन लौटा दी जाएगी।
कुछ प्रोजेक्टों में एमपीआईडीसी ने 10% नकद मुआवजे का प्रावधान भी किया था, जो कॉरिडोर के लिए खत्म कर दिया गया। एमपीआईडीसी ने पूर्व में पीथमपुर सेक्टर-7 सहित अपने अन्य कुछ प्रोजेक्टों में 10% नकद राशि भी जमीन मालिकों को दी है। शेष 90% के बदले विकसित भूखंड देना तय किए। मगर इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर में नकद मुआवजा नहीं दिया जाएगा, बल्कि लैंड पुलिंग के तहत 100 फीसदी जमीन अधिग्रहित कर उसमें से 50 फीसदी लौटाई जाएगी। ये जमीन विकसित भूखंड के रूप में ही होगी। अधिकांश किसान और जमीन मालिक नकद मुआवजे के बदले 50% विकसित जमीन लेने के ही पक्ष में रहे, जिसके चलते यह फार्मूला तय किया गया।

दो हिस्सों में बनेगा इकोनॉमिक कॉरिडोर
एमपीआईडीसी ने पिछले दिनों फाइनल नोटिफिकेशन की तैयारी भी कर ली और लगभग 800 से अधिक प्राप्त आपत्तियों का निराकरण भी सुनवाई के बाद कर दिया। 75 मीटर चौड़े इस कॉरिडोर के दोनों तरफ 300-300 मीटर की जमीन ली गई है। दो हिस्सों में इस कॉरिडोर का निर्माण होना है, जिसमें एक हिस्सा इंदौर के सुपर कॉरिडोर जंक्शन से पीथमपुर और दूसरा हिस्सा पीथमपुर से एबी रोड की तरफ सिंचा तक बनेगा। दोनों सडक़ों की कुल लम्बाई लगभग साढ़े 19 किलोमीटर रहेगी और इस कॉरिडोर के क्रियान्वयन पर डेढ़ हजार करोड़ तक खर्च होने का अनुमान लगाया गया है।

अवैध निर्माणों को तुड़वाया
इस कॉरिडोर में शामिल 17 गांवों में अवैध कॉलोनाइजेशन के कई मामले सामने आए थे। एमपीआईडीसी के कार्यकारी संचालक प्रतुल्ल सिन्हा ने मौके पर जाकर जेसीबी से इन अवैध निर्माणों को तुड़वाया भी और नोटिस जारी किए। इकोनॉमिक कॉरिडोर के चलते आसपास जमीनों के भाव बढ़े हैं, वहीं अवैध कॉलोनियां भी कटने लगी। डायरी और नोटरी के जरिए भूखंड बेचे जाना शुरू हो गए। नैनोद, रिजलाय, बिसनावदा, कोर्डियावर्डी, नावदा पंथ, श्रीराम तलावली, बागोदा, रंगवासा, शिव खेड़ा, सिंदोडा, सिंदौड़ी, मोकलाय, नरलाय, सोनवाय, भैसलाय, डेहरी और धन्नड़ की जमीनों पर इस तरह के निर्माण कार्य शुरू कर दिए थे। नोटिफिकेशन के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।